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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार, 30 मई 2025 को पेंसिल्वेनिया में ये बात कही

ट्रंप ने फिर दोहराया दावा, 'ट्रेड के नाम पर रोका भारत-पाक का सैन्य संघर्ष'

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान सीजफायर को लेकर जो पहले बयान दिया था, उसे उन्होंने फिर से दोहराया। बोले,अमेरिका ने ‘परमाणु तबाही’ टाली।


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक बार फिर से यह विवादास्पद दावा दोहराया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान को एक पूर्ण युद्ध, यहां तक कि परमाणु संघर्ष से भी बचाया। उन्होंने कहा कि यह सब उनकी कूटनीति और दोनों देशों के नेताओं के सहयोग से संभव हुआ।

“भारत और पाकिस्तान को हमने रोका”, ट्रंप का दावा

पेंसिल्वेनिया में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप ने कहा,“हमने व्यापार की बात की और कहा कि हम उन लोगों के साथ व्यापार नहीं कर सकते जो एक-दूसरे पर गोलियां चला रहे हैं और संभवतः परमाणु हथियारों का उपयोग कर सकते हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “हमने भारत और पाकिस्तान को लड़ने से रोका। मुझे लगता है कि यह एक परमाणु तबाही में बदल सकता था।”

टेस्ला के सीईओ एलन मस्क, जो ट्रंप प्रशासन में "डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी" (DOGE) के प्रमुख पद से इस्तीफा दे रहे हैं, प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप के बगल में बैठे थे।

ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के नेताओं को बताया “महान नेता”

ट्रंप ने कहा,“मैं भारत के नेताओं, पाकिस्तान के नेताओं और अपने लोगों का भी धन्यवाद देना चाहता हूं।” उन्होंने दोनों देशों के नेताओं को “महान नेता” बताते हुए कहा कि उन्होंने परिस्थिति को समझा और सहमति जताई, जिससे संघर्ष रुक गया।

“हम दूसरों को भी लड़ाई से रोक रहे हैं”

ट्रंप ने आगे दावा किया, “हम दूसरों को भी लड़ाई से रोक रहे हैं, क्योंकि अंततः हम किसी से भी बेहतर लड़ सकते हैं। हमारे पास दुनिया की सबसे महान सेना और सबसे महान नेता हैं।”

सीजफायर की पृष्ठभूमि

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में स्थित बैसारन घाटी में हुए एक आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इसके बाद करीब दो सप्ताह बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया।

10 मई को हुआ संघर्षविराम

लगभग चार दिनों तक चली ड्रोन और मिसाइलों की जवाबी कार्रवाई के बाद, 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच समझौता हुआ और संघर्षविराम की घोषणा हुई।

ट्रंप ने दावा किया कि यह अमेरिका की मध्यस्थता से संभव हुआ और उन्होंने भारत-पाक को यह भी कहा कि अगर वे लड़ाई रोकते हैं तो अमेरिका उनके साथ “काफी व्यापार” करेगा।

भारत सरकार का क्या कहना है?

भारत सरकार ने यह स्पष्ट रूप से कहा है कि यह समझौता भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) के बीच प्रत्यक्ष बातचीत से हुआ है और इसमें किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं थी।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी कहा कि भारत भविष्य में किसी भी आतंकवादी हमले के जवाब में पाकिस्तान में फिर से कार्रवाई करेगा, जैसे कि पहलगाम हमले के बाद की गई थी।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यही कारण है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है।

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