
जापान-कोरिया से शुरू, 14 देशों तक पहुंचा ट्रंप का टैरिफ हमला
डोनाल्ड ट्रंप ने व्यापार घाटा कम करने के लिए जापान, कोरिया सहित 14 देशों के उत्पादों पर 25% से 40% तक टैरिफ लगाने का ऐलान किया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को एक बड़ा आर्थिक झटका देते हुए 14 देशों के आयातित उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाने की घोषणा की है। सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर सिलसिलेवार पोस्ट के ज़रिए ट्रंप ने बताया कि यह कदम अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करने और घरेलू उद्योगों को संरक्षण देने की दिशा में उठाया गया है।
टैरिफ की शुरुआत जापान और दक्षिण कोरिया से
ट्रंप ने सबसे पहले जापान और दक्षिण कोरिया के उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की। इसके तुरंत बाद म्यांमार, लाओस, दक्षिण अफ्रीका, कजाकिस्तान और मलेशिया पर भी भारी शुल्क लगाने का ऐलान किया गया। इसके अलावा ट्यूनीशिया, इंडोनेशिया, बोस्निया, बांग्लादेश, सर्बिया, कंबोडिया और थाईलैंड को भी टैरिफ लेटर भेजे गए।
किस देश पर कितना टैरिफ?
जापान, दक्षिण कोरिया, कजाकिस्तान, मलेशिया, ट्यूनीशिया: 25%
म्यांमार, लाओस: 40%
दक्षिण अफ्रीका: 30%
इंडोनेशिया: 32%
बोस्निया: 30%
बांग्लादेश, सर्बिया: 35%
कंबोडिया, थाईलैंड: 36%
‘स्वीकार करें या छोड़ें’ अल्टीमेटम
इन टैरिफ के साथ ट्रंप ने संबंधित देशों को स्पष्ट अल्टीमेटम दिया है – या तो वे अमेरिका के साथ निष्पक्ष व्यापार की शर्तें स्वीकार करें या फिर इन टैरिफ का सामना करें। उनका कहना है कि ये दरें व्यापार घाटे को समाप्त करने के लिए आवश्यक वास्तविक दरों से भी कम हैं।
एशियाई नेताओं को भेजे गए पत्र
ट्रंप ने जापानी पीएम इशिबा शिगेरू और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली जे-म्यांग को भेजे पत्रों में स्पष्ट किया कि 1 अगस्त, 2025 से टैरिफ लागू होंगे। उन्होंने लिखा कि यदि जापानी या कोरियाई कंपनियां अमेरिका में निर्माण करेंगी, तो उन्हें इन टैरिफ से छूट मिलेगी।अगर आपके देश की कंपनियां अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग करती हैं, तो टैरिफ नहीं लगेगा।
अमेरिकी बाजारों में हड़कंप
टैरिफ के ऐलान के तुरंत बाद अमेरिकी शेयर बाज़ार में गिरावट देखने को मिली। डॉव जोन्स: 456.55 अंक गिरा,S&P 500: 53.47 अंक नीचे,NASDAQ: 187.70 अंक गिरा
ट्रंप का तर्क- व्यापार घाटा अब बर्दाश्त नहीं
ट्रंप का दावा है कि यह फैसला अमेरिका की अर्थव्यवस्था को मज़बूती देगा, घरेलू कंपनियों को राहत देगा और अमेरिकी नौकरियों को सुरक्षित करेगा।हम उन देशों से व्यापार घाटा अब बर्दाश्त नहीं कर सकते जो हमारे बाजारों का फायदा उठाते हैं। ट्रंप का यह टैरिफ फैसला वैश्विक व्यापार पर बड़ा असर डाल सकता है। जहां एक ओर वे घरेलू हितों को प्राथमिकता देने की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय संबंधों में तनाव और बाज़ारों में अस्थिरता की संभावना बढ़ गई है।