भारत समेत 75 देशों को 90 दिन की राहत, ट्रंप के टैरिफ बम की बड़ी बातें
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डोनाल्ड ट्रंप ने अब 75 देशों को टैरिफ से 90 दिन की राहत दी है।

भारत समेत 75 देशों को 90 दिन की राहत, ट्रंप के टैरिफ बम की बड़ी बातें

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कब क्या फैसला लेंगे। आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते। पहले टैरिफ लगाया और अब 75 देशों को 90 दिन की राहत दी है। हालांकि चीन पर मेहरबान नहीं रहे।


अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा आर्थिक कदम उठाते हुए चीन से आयात होने वाले उत्पादों पर 125 प्रतिशत तक आयात शुल्क लगाने की घोषणा की है। यह कदम वैश्विक व्यापार में तनाव के चरम पर पहुंचने के बीच उठाया गया है, जिससे दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं में हलचल मच गई है।

इससे पहले अमेरिका ने चीन पर 104 प्रतिशत टैरिफ लगाया था, जिसके जवाब में चीन ने भी अमेरिकी सामान पर शुल्क बढ़ाकर 84 प्रतिशत कर दिया था। इस टकराव के बीच ट्रंप ने भारत समेत 75 देशों को 90 दिनों की "टैरिफ छूट" देते हुए राहत दी है। इस दौरान इन देशों से आयात पर केवल 10% शुल्क लिया जाएगा।

चीन पर अब तक का सबसे बड़ा आर्थिक हमला

राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर घोषणा करते हुए कहा, “मैंने 90 दिन की PAUSE अधिकृत की है और इस दौरान अन्य देशों के लिए रेसिप्रोकल टैरिफ को घटाकर 10% कर दिया गया है, जो तुरंत प्रभाव से लागू है।”उन्होंने चीन को चेतावनी देते हुए लिखा, “चीन को यह समझना होगा कि अमेरिका और अन्य देशों का शोषण अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 125% टैरिफ चीन के वैश्विक बाज़ारों में असम्मानजनक रवैये का जवाब है।”

चीन का जवाब, अमेरिका का पलटवार

चीन ने ट्रंप की घोषणा के तुरंत बाद पलटवार करते हुए अमेरिका से आयात होने वाले उत्पादों पर शुल्क बढ़ाकर 84 प्रतिशत कर दिया। चीन के विदेश मंत्रालय ने इस कदम को "अनुचित और उकसावे भरा" करार देते हुए कहा कि वे अपने हितों की रक्षा के लिए मजबूत कदम उठाएंगे।वहीं व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलाइन लेविट ने कहा, “जब कोई अमेरिका को चोट पहुंचाने की कोशिश करेगा, तो राष्ट्रपति ट्रंप और ज्यादा ताकत से जवाब देंगे।”

भारत और सहयोगी देशों को 90 दिन की राहत

भारत समेत 75 देशों को फिलहाल इस टैरिफ युद्ध से राहत मिली है। ट्रंप प्रशासन ने ‘रिसिप्रोकल टैरिफ’ पर 90 दिनों की छूट की घोषणा की है, जिसमें भारत, कनाडा और मेक्सिको जैसे देश शामिल हैं। अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने कहा कि जिन देशों ने अमेरिका के खिलाफ कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की, उन्हें इसका इनाम मिलेगा।

किस देश पर कितना टैरिफ लगाया गया था?

देश प्रारंभिक टैरिफ दर

भारत- 26%

चीन पर पहले 34% अब 125%

वियतनाम- 46%

यूरोपीय संघ- 20%

स्विटजरलैंड- 31%

ताइवान- 32%

शेयर बाजारों में उछाल

ट्रंप की घोषणा के बाद अमेरिकी शेयर बाजारों में तेज़ी देखी गई।

S&P 500: 9.52% की बढ़त के साथ 5,456.90 पर बंद

Nasdaq Composite: 12.16% उछाल के साथ 17,124.97 पर

Dow Jones: 7.87% की उछाल के साथ 40,608.45 पर बंद

Walmart के शेयर: 8% तक बढ़े

बाजार विश्लेषकों ने इसे ट्रंप की स्पष्ट रणनीति और संभावित व्यापारिक समझौते की दिशा में कदम बताया।

"कोई और राष्ट्रपति ऐसा नहीं करता": ट्रंप

राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रेस से बात करते हुए कहा, “मुझे इसे करके गर्व है। किसी को तो यह करना ही था। मैंने 90 दिनों के लिए टैरिफ में राहत दी है, लेकिन जिन्होंने अमेरिका को चुनौती दी, उन्हें अब दोगुना जवाब मिलेगा — और चीन इसका ताजा उदाहरण है।”

दबाव में नहीं, रणनीति का हिस्सा

टैरिफ नीति को लेकर जब अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी बेसेंट से सवाल किए गए, तो उन्होंने कहा, “यह कोई यू-टर्न नहीं है। यह राष्ट्रपति की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। 75 से अधिक देशों ने अमेरिका से संवाद किया है, और हर एक के साथ द्विपक्षीय समाधान पर काम किया जाएगा।”

ट्रेड वॉर का असर और कंपनियों की चिंता

ट्रंप की टैरिफ नीति से अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध एक बार फिर तीव्र हो गया है। व्यापार विशेषज्ञों का कहना है कि इससे अमेरिकी कंपनियों पर भी असर पड़ेगा — उत्पादन लागत में बढ़ोतरी, नौकरियों में कटौती और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में गिरावट की आशंका बढ़ गई है।

डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीति से यह स्पष्ट हो गया है कि अमेरिका अब व्यापारिक संतुलन के नाम पर कड़ा रुख अपनाने को तैयार है। चीन के साथ यह संघर्ष केवल आर्थिक नहीं, बल्कि रणनीतिक भी है, और इसकी गूंज आने वाले महीनों में वैश्विक व्यापार व्यवस्था पर स्पष्ट रूप से दिखेगी।

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