Donald TRump
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डोनाल्ड ट्रंप

ट्रंप ने अपनी नीति के खिलाफ रूख रखने वाले अमेरिकी विश्वविद्यालयों के दिए जांच के आदेश

एक अन्य आदेश में, उन मान्यता एजेंसियों में बड़े बदलाव की बात की गई है जो यह तय करती हैं कि कौन से कॉलेज छात्रवृत्ति और संघीय वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं।


राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को हस्ताक्षरित कार्यकारी आदेशों की एक श्रृंखला में उन विश्वविद्यालयों को निशाना बनाया जिन्हें वह अपनी राजनीतिक नीति के खिलाफ उदारवादी विरोधी मानते हैं। ट्रंप ने अमेरिका के कॉलेजों और उन्हें नियंत्रित करने वाले मान्यता प्राप्त संस्थानों की कड़ी जांच के आदेश दिए हैं। यह कदम उन्होंने शिक्षा में "वोकनेस" और विविधता (डायवर्सिटी) के प्रयासों को समाप्त करने के अपने अभियान के तहत उठाया है।

एक आदेश में, कॉलेजों को यह सख्ती से लागू करने के लिए कहा गया है कि वे विदेशी स्रोतों से प्राप्त वित्तीय संबंधों का खुलासा करें — एक ऐसा कानून जो दशकों से लागू है लेकिन कभी-कभी ही सख्ती से लागू किया गया है। एक अन्य आदेश में, उन मान्यता एजेंसियों (accrediting bodies) में बड़े बदलाव की बात की गई है जो यह तय करती हैं कि कौन से कॉलेज छात्रवृत्ति और संघीय वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

रिपब्लिकन पार्टी में विदेशी वित्तीय संबंधों को लेकर, खासकर चीन जैसे देशों के साथ, लंबे समय से चिंता रही है। ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान यह एक प्राथमिकता बन गई थी और हाल ही में हार्वर्ड विश्वविद्यालय के साथ विवाद के चलते यह मुद्दा फिर उभरा है।

व्हाइट हाउस का कहना है कि हार्वर्ड और अन्य कॉलेजों ने बार-बार 1980 के दशक से लागू एक संघीय कानून का उल्लंघन किया है, जिसे हायर एजुकेशन एक्ट की धारा 117 (Section 117) के नाम से जाना जाता है। यह कानून विदेशी उपहारों और अनुबंधों के बारे में खुलासा करने के लिए कहता है यदि उनकी कीमत $250,000 या उससे अधिक हो।

कार्यकारी आदेश में ट्रंप ने शिक्षा विभाग और अटॉर्नी जनरल से इस कानून को सख्ती से लागू करने और उल्लंघन करने वाले कॉलेजों के खिलाफ कदम उठाने को कहा है — जिसमें संघीय फंडिंग रोकना भी शामिल है।

आदेश में कहा गया है कि ट्रंप प्रशासन "अमेरिकी शैक्षणिक संस्थानों में विदेशी फंडिंग के रहस्यों को समाप्त" करना चाहता है और "विदेशी शोषण" से सुरक्षा देना चाहता है।

रिपब्लिकन सांसदों ने इसका स्वागत किया है। मिशिगन के प्रतिनिधि टिम वालबर्ग ने आरोप लगाया कि चीन अकादमिक संबंधों का इस्तेमाल शोध चुराने और छात्रों को "ब्रेनवॉश" करने के लिए कर रहा है।

एक अन्य आदेश ने उन मान्यता संस्थाओं पर ध्यान केंद्रित किया है जो यह तय करती हैं कि कॉलेज संघीय वित्तीय सहायता प्राप्त करने के योग्य हैं या नहीं। ट्रंप का कहना है कि यह प्रणाली "मार्क्सवादी उन्मादियों और पागलों" द्वारा नियंत्रित है। उनका इरादा मान्यता प्रणाली को फिर से व्यवस्थित करना है।

ट्रंप की प्राथमिकताओं में प्रमुख है कॉलेजों पर थोपी गई विविधता, समानता और समावेशन (DEI - Diversity, Equity, Inclusion) की शर्तों को हटाना। कुछ मान्यता संस्थाओं ने पहले ही इन मानकों को लागू करना बंद कर दिया है।

ट्रंप का आदेश कहता है कि जो संस्थाएं DEI के नाम पर भेदभाव करती हैं, उन्हें निलंबित या समाप्त किया जाना चाहिए। इसके बजाय, संस्थाओं को छात्रों के परिणामों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए — जैसे कॉलेजों से स्नातक दर और श्रम बाजार में उनका प्रदर्शन।

इस समय 19 संस्थाएं मान्यता देने का काम करती हैं, लेकिन ट्रंप चाहते हैं कि नई संस्थाएं भी इस क्षेत्र में प्रवेश कर सकें। फिलहाल यह एक लंबी प्रक्रिया होती है जिसे सरल, पारदर्शी और कुशल बनाने की बात भी आदेश में कही गई है।

शिक्षा मंत्री लिंडा मैकमैहन ने कहा, “कॉलेजों पर विभाजनकारी DEI विचारधारा थोपने के बजाय, मान्यता संस्थाओं को स्नातक दर और रोजगार में प्रदर्शन सुधारने में मदद करनी चाहिए।”

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