
14 घंटे मेहनत कर मिला प्रमोशन, सैलरी हुई 7.8 करोड़; फिर भी तलाक क्यों मांग रही पत्नी?
नौकरी और प्रमोशन के चक्कर में इंसान अपने परिवार को नजरअंदाज कर देता है. इसका खामियाजा फिर उसे अपने परिवार को खोने के तौर पर भुगतना पड़ता है.
दुनिया में हर किसी की तमन्ना होती है कि उसे एक अच्छी जॉब मिले और जी-तोड़ मेहनत करके जीवन में एक अच्छा मुकाम हासिल कर सके. हालांकि, नौकरी और प्रमोशन के चक्कर में कभी-कभार इंसान अपने परिवार को नजरअंदाज कर देता है. इसका खामियाजा फिर उसे अपने परिवार को खोने के तौर पर भुगतना पड़ता है. ऐसा ही एक वाक्या दुनिया की सबसे बड़ी टेक और ई-कॉमर्स कंपनियों में से एक के एक कर्मचारी के साथ हुआ. उसने प्रमोशन के लिए काम करते हुए सालों तक अपने परिवार को नजरअंदाज किया. आखिरकार, उसे इसका फल मिला और सीनियर मैनेजर के तौर पर प्रमोशन और ₹7.8 करोड़ की सैलरी मिली. हालांकि, पारिवारिक तौर पर उस कर्मचारी को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा और उसकी पत्नी ने तलाक की मांग डिमांड कर दी.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किए गए एक पोस्ट में कर्मचारी ने खुलासा किया कि उसका प्रमोशन व्यक्तिगत खुशी की कीमत पर आई. उसने कई महत्वपूर्ण पारिवारिक पलों को मिस किया. क्योंकि वह काम में काफी बिजी था. इस पोस्ट ने वायरल हो जाने के बाद वर्क-लाइफ बैलेंस और करियर सफलता के साथ आने वाली व्यक्तिगत बलिदानों पर व्यापक चर्चा शुरू कर दी. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई यूजर्स ने उसकी स्थिति पर सहानुभूति जताई.
पत्नी ने मांगा तलाक
अपने पोस्ट में उस इंसान ने बताया कि तीन सालों तक उसने कड़ी मेहनत की, ताकि उसे प्रमोशन मिल सके. उसके काम में ऐसे बैठकें शामिल थीं जो सुबह 7 बजे शुरू होकर रात 9 बजे तक चलती थीं- इसका मतलब था कि वह दरअसल 14 घंटे काम कर रहा था. तीन साल पहले मैंने इस कंपनी को जॉइन किया था और प्रमोशन के लिए लगातार पूछता रहता था. जैसे ही मैंने पूछा, काम का ढेर बढ़ता गया और मेरा दायरा भी बढ़ता गया. आखिरकार यह स्थिति आई कि मैंने EU और एशिया टीम का समन्वय करना शुरू कर दिया. इसलिए मेरी बैठकें सुबह 7 बजे से शुरू होकर रात 9 बजे तक चलने लगीं.
उसने कहा कि वह अपनी बेटी के जन्म को मिस कर गया. क्योंकि वह पूरे दिन बैठकें कर रहा था. उसके जन्म के बाद, वह अपनी पत्नी का साथ नहीं दे सका. क्योंकि उसके पास समय नहीं था. जिस दिन मेरी बेटी का जन्म हुआ, मैं लगभग पूरे दिन बैठकों में था. मैं अपनी पत्नी को लेकर डॉक्टर के पास नहीं जा सका. ऐसे में उसने तलाक की मांग की.
7 करोड़ की सैलरी
उसने अपने पोस्ट को 'खुशखबरी' के साथ खत्म किया कि उसे आखिरकार वह पदोन्नति मिल गई, जिसकी वह आकांक्षा कर रहा था. इसके साथ, उसका कुल मुआवजा $900,000 (₹7.8 करोड़) तक बढ़ गया. हालांकि, इस पदोन्नति ने उसे बहुत खुशी नहीं दी. मुझे आज खुशी की खबर मिली कि मेरी पदोन्नति स्वीकृत हो गई. मुझे उतनी खुशी नहीं मिली, जितनी मैंने उम्मीद की थी, बल्कि मैं खुद को खाली और उदास महसूस कर रहा हूं. मैं खुद से यह सवाल नहीं रोक पा रहा हूं कि मैं अपनी जिंदगी में क्या कर रहा हूं. लेकिन मुझे लगता है कि इस छंटनी के दौर में मुझे जो कुछ भी मिला है, मुझे उससे खुश रहना चाहिए, है ना? लेकिन खुश कैसे हुआ जाए?
Total comp $900,000, but at what cost?
— Daniel Vassallo (@dvassallo) February 12, 2025
I got out of this rat race when I looked around me and realized that even the winners were miserable. pic.twitter.com/c05byRzgo2