निशाना इस्फहान-नटांज भी बने लेकिन फोर्डो की अधिक चर्चा, आखिर क्यों?
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अमेरिका ने ईरान के इस्फहान, नटांज के साथ फोर्डो न्यूक्लियर प्लांट को भी निशाना बनाया था। फोटो सौजन्य- AP/PTI

निशाना इस्फहान-नटांज भी बने लेकिन फोर्डो की अधिक चर्चा, आखिर क्यों?

ईरान के फोर्डो संयंत्र पर अमेरिकी हमले से तनाव बढ़ iगया है। भूमिगत प्लांट पर बंकर बस्टर का वार हुआ। यह बात अलग है कि ईरान ने नुकसान से इनकार किया।


अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कब किस अंदाज में खुद को पेश करेंगे आप अंदाजा नहीं लगा सकते। 21-22 जून की दरम्यानी रात अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु संयत्रों पर हमला किया जिसके नाम फोर्डो, नटांज और इस्फहान है। इस हमले में बंकर बस्टर, टॉमहॉक मिसाइल, बी 52 बॉम्बर का इस्तेमाल किया और नाम दिया ऑपरेशन मिडनाइट हैमर। सवाल यह है कि व्हाइट हाउस की तरफ से जब यह कहा गया कि ईरान के खिलाफ हमले के बारे में ट्रंप 15 दिन बाद फैसला करेंगे तो वो फैसला पहले क्यों किया। क्या ईरान को गफलत में रखने की कोशिश थी या इजराइल यह समझाने में कामयाब हुआ कि फोर्डो, नटांज और इस्फहान पर हमला करना जरूरी है। इन सबके बीच हम आपको बताएंगे कि इन तीनों में से फोर्डो पर हमला क्यों खास है, अमेरिका इससे क्या हासिल करना चाहता था।

बता दें कि ईरान फोर्डो, नटांज और इस्फहान में अपने परमाणु कार्यक्रम चला रहा है। इजराइल जहां इन संयंत्रों को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है वहीं अमेरिका का कहना है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम वैश्विक स्थिरता के लिए खतरा बने हुए हैं। इजराइल और ईरान की इस व्याख्या का बहुत से देश खासतौर से रूस और चीन समर्थन नहीं करते। ये दोनों देश मानते हैं कि अमेरिका के ऐक्शन के एक्शन को जिसकी लाठी उसकी भैंस के तौर पर देखा जाना चाहिए। यानी कि अमेरिका दादागीरी कर रहा है। इन सबके बीच फोर्डो पर हमला क्यों खास है उसके बारे में बताएंगे।

ईरान की राजधानी तेहरान से फोर्डो की दूरी महज 125 किलोमीटर है। यह कोम शहर का हिस्सा है। पहाड़ी के अंदर सुरंगों में जमीन से करीब 100 मीटर अंदर परमाणु प्लांट है। यहां उच्च स्तर का यूरेनियम संवर्धन किया जाता है जिसे अमेरिका और इजराइल खतरा मानते हैं। फोर्डो को मॉउंट डूम कहा जाता है। इसके पीछे की वजह यह है कि फोर्डो हवाई हमलों से सुरक्षित है। साल 2009 तक यह ईरान का एक सीक्रेट यूरेनियम एनरिचमेंट सेंटर था। जानकारी के अनुसार यहां से 20 प्रतिशत तक यूरेनियम एनरिचमेंट किया गया है जो वेपन लेवल पर दो परमाणु बम बनाने के लिए काफी है। इस बात की पुष्टि खुद इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी ने भी की है।

फोर्डो पर हमले के लिए अमेरिका ने बंकर बस्टर का इस्तेमाल किया था। बंकर बस्टर की क्षमता जमीन के अंदर घुसकर सटीक निशाना लगाने की होती है। लेकिन ईरान का कहना है कि अमेरिकी हमले से उसके संयंत्र को नुकसान नहीं पहुंचा है। जानकारों के मुताबिक बंकर बस्टर, जमीन के अंदर 65 मीटर तक जाकर मार करता है। अब यदि ईरान के दावे में सच्चाई है तो फोर्डो का संयंत्र 65 मीटर से अधिक गहराई पर है। इस हमले के बाद संबंधित पक्षों को क्या कुछ हासिल वो देखने वाली बात होगी। लेकिन वैश्विक स्तर पर अस्थिरता बढ़ गई है।

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