पीएम मोदी का US दौरा सफल, डिफेंस से लेकर टेक्नोलॉजी तक... जानें महत्वूपर्ण घोषणाएं
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पीएम मोदी का US दौरा सफल, डिफेंस से लेकर टेक्नोलॉजी तक... जानें महत्वूपर्ण घोषणाएं

पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच बातचीत में व्यापार, रक्षा, सुरक्षा, ऊर्जा और प्रौद्योगिकी सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई.


Modi trump meeting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो दिवसीय अमेरिका यात्रा पूरी करके भारत के लिए रवाना हो गए हैं. इस दौरे पर पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच उच्चस्तरीय बातचीत हुई. इसमें व्यापार, रक्षा, सुरक्षा, ऊर्जा और प्रौद्योगिकी सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. जिसके बाद भारत और अमेरिका ने संयुक्त बयान जारी किया. इस बैठक में COMPACT (Catalyzing Opportunities for Military Partnership, Accelerated Commerce & Technology for the 21st Century) नामक एक पहल की घोषणा की गई. इसका मकसद रक्षा, निवेश, व्यापार, ऊर्जा, इनोवेशन में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करना है.

मुख्य घोषणा

रक्षा

US-India Major Defence Partnership के लिए एक नया दस वर्षीय ढांचा इस वर्ष के अंत में साइन किया जाएगा. इसमें Javelin एंटी-टैंक मिसाइलों और Stryker आर्मर्ड फाइटिंग व्हीकल्स सहित US प्लेटफार्मों का भारतीय रक्षा सेवाओं में विस्तार किया जाएगा, साथ ही छह अतिरिक्त P8I समुद्री निगरानी विमान की खरीद भी की जाएगी. वहीं, International Traffic in Arms Regulations (ITAR) की भी समीक्षा की जाएगी, जिससे कि टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और स्पेयर पार्ट्स की आपूर्ति को आसान बनाया जा सके. इसके साथ ही Reciprocal Defense Procurement (RDP) समझौते की शुरुआत होगी. जिससे दोनों देशों के बीच आपसी रक्षा खरीद को बढ़ावा मिलेगा. वहीं, स्पेस, एयर डिफेंस, समुद्री और अंडरसी युद्धक्षेत्रों में रक्षा प्रौद्योगिकी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जाएंगे. इतना ही नहीं अमेरिका ने पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों और अंडरसी युद्ध प्रणालियों को भारत को रिलीज करने के लिए नीति समीक्षा की घोषणा की. Autonomous Systems Industry Alliance (ASIA) की शुरुआत की गई, जिसका उद्देश्य जलमग्न डोमेन अवेयरनेस (UDA) प्रौद्योगिकियों में उद्योग साझेदारियों को बढ़ावा देना है.

व्यापार

मिशन 500 का मकसद 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक बढ़ाना है. साल 2025 तक बाइलैटरल ट्रेड एग्रीमेंट (BTA) के तहत कई क्षेत्रों में व्यापार समझौते की योजना. US में भारतीय निवेशों का स्वागत किया गया. जिनका कुल मूल्य 7.355 बिलियन डॉलर है, जिससे 3,000 उच्च गुणवत्ता वाली नौकरियां पैदा हुई हैं.

टेक्नोलॉजी

TRUST (Transforming the Relationship Utilizing Strategic Technology) पहल की घोषणा की गई. इसका उद्देश्य सरकार, एकेडमिक संस्थाओं और निजी क्षेत्र के बीच साझेदारी को बढ़ावा देना है. US-India AI रोडमैप तैयार किया जाएगा और INDUS Innovation की योजना बनाई गई है. जो अंतरिक्ष, ऊर्जा और जैव प्रौद्योगिकी में उद्योग-अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देगा. रणनीतिक खनिज पुनर्प्राप्ति पहल की शुरुआत, जिसमें दुर्लभ पृथ्वी खनिज, लिथियम और कोबाल्ट को उच्च-तकनीकी उद्योगों के लिए पुनः प्राप्त किया जाएगा.

ऊर्जा

India-US Energy Security Partnership को दोबारा मजबूत किया गया और भारत को International Energy Agency (IEA) में पूर्ण सदस्यता प्राप्त करने के लिए समर्थन किया गया. 123 Civil Nuclear Agreement को आगे बढ़ाया गया, जिससे भारत में US डिज़ाइन किए गए परमाणु रिएक्टर स्थापित किए जाएंगे. न्यूक्लियर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाने के लिए Small Modular Reactors पर सहयोग किया जाएगा.

बहुपक्षीय सहयोग

दोनों देशों ने पाकिस्तान द्वारा आतंकवादी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई न करने की निंदा की और 26/11 मुंबई हमले और पठानकोट हमले के अपराधियों के लिए जवाबदेही की मांग की. Quad गठबंधन (भारत, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया) पर चर्चा की गई और प्रधानमंत्री मोदी अगले Quad Leaders' Summit में राष्ट्रपति ट्रंप की मेज़बानी करेंगे. India-Middle East-Europe Corridor (IMEC) और I2U2 समूह पर नई पहलों की घोषणा 2025 में की जाएगी. Meta ने एक 50,000 किलोमीटर लंबे अंडरसी केबल परियोजना की घोषणा की.

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