बांग्लादेश में इस्लाम पर कथित टिप्पणी को लेकर हिंदू युवक की पीट-पीटकर हत्या, भारत-विरोधी प्रदर्शनों के बीच घटना
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इस घटना ने बांग्लादेश में अशांति पैदा कर दी है

बांग्लादेश में इस्लाम पर कथित टिप्पणी को लेकर हिंदू युवक की पीट-पीटकर हत्या, भारत-विरोधी प्रदर्शनों के बीच घटना

राजनीतिक अशांति के बीच बांग्लादेश में एक हिंदू युवक की कथित तौर पर इस्लाम पर आपत्तिजनक टिप्पणी के आरोप में भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई। अंतरिम सरकार ने इस घटना की निंदा की है।


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भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में कथित तौर पर इस्लाम पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में एक हिंदू युवक की भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब देश में भारत-विरोधी प्रदर्शन तेज़ हो रहे हैं और बांग्लादेश फिलहाल मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के अधीन है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह घटना गुरुवार रात (18 दिसंबर) को हुई।

मृतक की पहचान 30 वर्षीय दीपू चंद्र दास के रूप में हुई है। मयमनसिंह जिले के भालुका उपजिला क्षेत्र में भीड़ ने पहले दीपू की पीट-पीटकर हत्या कर दी और फिर उसकी मौत के बाद शव को आग के हवाले कर दिया।

अंतरिम सरकार ने की निंदा

यह घटना ऐसे वक्त सामने आई है जब बांग्लादेश शरिफ उस्मान हादी की मौत के बाद हिंसक प्रदर्शनों की चपेट में है। हादी जुलाई में हुए उस जनआंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक थे, जिसने शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया था और हसीना को भारत भागने पर मजबूर होना पड़ा था।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने इस घटना की निंदा करते हुए लोगों से संयम बरतने और हिंसा से दूर रहने की अपील की है। NDTV के हवाले से जारी बयान में कहा गया,“इस नाजुक समय में हम हर नागरिक से अपील करते हैं कि वे शहीद हादी का सम्मान करते हुए हिंसा, उकसावे और नफरत को खारिज करें और उसका विरोध करें।”

लिंचिंग की वजह क्या बनी?

बांग्लादेशी बंगाली मीडिया आउटलेट बर्ता बाजार के अनुसार, दीपू पर आरोप था कि उसने वर्ल्ड अरबी लैंग्वेज डे के अवसर पर फैक्ट्री में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। ये आरोप स्क्वायर मास्टरबाड़ी इलाके स्थित पायनियर निट कंपोज़िट फैक्ट्री, जहां दीपू काम करता था, और आसपास के क्षेत्रों में तेजी से फैल गए।

इसके बाद इलाके में भीड़ जमा हो गई और दीपू को पीट-पीटकर मार डाला गया।

शव को पेड़ से बांधकर जलाया गया

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिंसा यहीं नहीं रुकी। भीड़ ने दीपू के शव को स्क्वायर मास्टरबाड़ी बस स्टैंड इलाके तक घसीटा, वहां उसे एक पेड़ से बांधा और नारेबाजी करते हुए शव पर हमला किया। इसके बाद शव को आग के हवाले कर दिया गया।

इसके बाद कथित तौर पर भीड़ ने शव को ढाका–मयमनसिंह हाईवे तक घसीटा और वहां भी उसे दोबारा जला दिया। इस घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया और ढाका–मयमनसिंह हाईवे पर यातायात कुछ समय के लिए रोकना पड़ा।

शव पुलिस हिरासत में

भालुका उपजिला के कार्यकारी अधिकारी एमडी फिरोज हुसैन ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि पैगंबर के खिलाफ कथित टिप्पणी के आरोप में एक व्यक्ति की हत्या की गई है। उन्होंने कहा कि दीपू का शव फिलहाल पुलिस की हिरासत में है।

कट्टरपंथ की ओर बढ़ता बांग्लादेश?

घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए बांग्लादेश के पूर्व मंत्री और अवामी लीग नेता मोहम्मद अली अराफात ने NDTV से कहा कि अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश तेजी से पूर्ण कट्टरपंथ की ओर बढ़ रहा है।

भारत ने बांग्लादेश के उच्चायुक्त को तलब किया

भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने बुधवार को भारत में बांग्लादेश के उच्चायुक्त रियाज़ हामिदुल्लाह को तलब किया और पड़ोसी देश में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर नई दिल्ली की गंभीर चिंताएं दर्ज कराईं।

यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के कार्यकाल में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदू समुदाय पर हमलों में बढ़ोतरी की खबरें सामने आ रही हैं।

इन घटनाक्रमों से जनता के एक बड़े वर्ग में गुस्सा है और कई अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने भी इसकी कड़ी आलोचना की है।

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