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आखिर मोबाइल छोड़ कर पेजर का इस्तेमाल क्यों कर रहा था हिजबुल्ला, क्या होता है पेजर
हिज़ुल्ला को डर था कि इजराइल और अमेरिका की ख़ुफ़िया एजेंसी मोबाइल पर बातचीत को टेप न कर लें या फिर हैक न कर लें. इसलिय इसी साल की शुरुआत में हिजबुल्ला ने अपने लड़ाकों और उनके परिवार से मोबाइल फ़ोन की जगह पेजर इस्तेमाल करने के लिया कहा था.
Pager Blasts: लेबनान में एक साथ हजारों पेजर में हुए विस्फोट के चलते कम से कम 9 लोग मारे गए हैं और तीन हजार लोग गयल हो गए हैं. इस घटना से पूरी दुनिया में हैं. हैरानी के कारण दो हैं, एक तो इतने सारे पेजर में एक साथ एक जैसी घटना ( विस्फोट ) कैसे हो गयी और दूसरा ये कि आज के ज़माने में भी हिजबुल्ला पेजर क इस्तेमाल कर रहा था. माना जा रहा है कि सर्विलांस और हैकिंग से बचने के लिए हिजबुल्ला के लडके व उनके परिवार के सदस्य मोबाइल फोन की जगह पेजर का इस्तेमाल कर रहे थे.
क्या होता है पेजर
पेजर जिसे 'बीपर' भी कहते हैं, एक छोटा सा पोर्टेबल संचार उपकरण है, जो रेडियो फ्रीक्वेंसी पर काम करता है. इसके माध्यम से छोटे संदेश प्राप्त किये जा सकते हैं. मोबाइल फ़ोन से पहले पेजर काफी प्रचलित और संचार का ख़ास उपकरण था, खासतौर से डॉक्टरों, पत्रकारों, तकनीशियनों और प्रबंधकों जैसे पेशेवरों के लिए.
पेजर कैसे काम करते हैं?
पेजर का संचालन सीधा और काफी कुशल तरह से होता है. जब रेडियो फ्रीक्वेंसी के माध्यम से कोई संदेश भेजा जाता है, तो पेजर में एक अलग बीप बजती है. उपयोगकर्ता को पेजर पर आये सन्देश का जवाब देने के लिए पास के सार्वजनिक या लैंडलाइन फोन से उसका जवाब देना होता है.
1949 में इजात हुआ था पेजर
पहला पेजर 1949 में इजात किया गया था. इसके आविष्कारक अल्फ्रेड ग्रॉस ने अमेरिका में इसे पेटेंट कराया था. "पेजर" शब्द आधिकारिक तौर पर 1959 में मोटोरोला द्वारा पंजीकृत किया गया था.
क्यों कर रहे थे पेजर का इस्तेमाल
लेबनानी संगठन हिजबुल्ला अक्टूबर 2023 से ही खुले तौर पर इजराइल के साथ युद्ध कर रहा है. इस बीच हिजबुल्लाह को इसरायली और अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसियों से भी खुद को बचाना था ख़ास तौर से इलेक्ट्रोनिक सर्विलांस और हैकिंग से. अपनी निजता और गोपनीयता को बनाए रखने के लिए हिज्बुल्ला ने रंनितित के तहत इजराइल और अमेरिकी जासूसी सॉफ्टवेयरों से बचने के लिए लेटेस्ट टेकनिक वाले उपकरण मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल बंद कर दिया था. ये भी कहा जाता है कि हिजबुल्ला के लोग आंतरिक संचार नेटवर्क के जरिए आपस में संवाद करते हैं.
साल 2024 की शुरुआत में मंगाए गए थे पेजर
अक्टूबर 2023 में शुरू हुई जंग अभी तक जारी है. हिजबुल्ला ने एहतियात के तौर पर अपने सभी लड़ाकों और उनके परिवार को ये कहा था कि सभी अपने अपने मोबाइल को स्विच ऑफ कर दें. इस साल की शुरुआत में हिजबुल्ला ने दक्षिणी लेबनान में अपने सदस्यों और उनके परिवारों से अपने मोबाइल फोन बंद करने को कहा था. दक्षिणी लेबनान में ही सीमा पार इसरायली सेना के साथ उनकी लड़ाई चल रही है. इसके पीछे का तर्क यही था कि मोबाइल के चलते इजराइल न केवल उनकी गतिविधियों का पता लग सकता है बल्कि उनकी योजना भी जान सकता है.
ऐसा दावा किया जा रहा है कि फरवरी में हिजबुल्ला के एक नेता ने अपने लड़ाकों और उनके परिवार के सदस्यों से कहा कि 'फोन को बंद कर दो, इसे दफना दो, इसे लोहे की पेटी में बंद कर दो और ताला लगा दो. आपके और आपकी पत्नी और बच्चों के हाथों में मौजूद मोबाइल फोन कातिल है.'
रिपोर्ट के अनुसार पूर्व इसरायली खुफिया अधिकारी एवी मेलमेड के अनुसार, पेजर को इस्तेमाल करने के पीछे ये सोच थी कि इसमें जीपीएसतकनीक कारगर नहीं है और इसके माध्यम से इजराइल उनका पता नहीं लगा सकता. हिजबुल्ला ने इन उपकरणों का इस्तेमाल वापस इसलिए किया क्योंकि उसे लगा कि ये उसके लड़ाकों के लिए फोन के बजाय ज्यादा सुरक्षित होंगे.
एक घंटे तक जारी रहे विस्फोट
ज्ञात रहे कि लेबनोन में हुई इस घटना के बाद से सभी के जेहन में एक बात आ रही है कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है. ये बैटरी फटने से हादसा हुआ है या फिर साजिश के तहत विस्फोट किया गया है. बताया गया कि कुछ विस्फोट पेजर पर मेसेज आने के बाद हुए. जैसे ही पेजर बजे तो हिज्बुल्ला के लड़ाकों ने स्क्रीन देखने के लिए अपने हाथ पेजर पर रखे या उन्हें अपने चेहरे के पास लाये और इस बीच विस्फोट हो गया. बताया जा रहा है कि विस्फोट सिमित क्षमता का था.