पोप फ्रांसिस का निधन: कैथोलिक चर्च को जल्द मिलेगा नया पोप, जानिए कैसे होता है चुनाव
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पोप फ्रांसिस का निधन: कैथोलिक चर्च को जल्द मिलेगा नया पोप, जानिए कैसे होता है चुनाव

new Pope Election: नए पोप का चुनाव कैथोलिक चर्च के सबसे वरिष्ठ अधिकारियों, यानी कॉलेज ऑफ कार्डिनल्स द्वारा किया जाता है.


Pope Francis passed away: 88 वर्षीय पोप फ्रांसिस लगभग 12 वर्षों तक रोमन कैथोलिक चर्च के प्रमुख रहे. उनका सोमवार (21 अप्रैल 2025) को निधन हो गया. वे अर्जेंटीना से थे और 2013 में पोप चुने गए थे. इसको लेकर वेटिकन टीवी चैनल पर कार्डिनल केविन फैरेल ने जानकारी दी कि प्रिय भाइयों और बहनों, हमें गहरे दुख के साथ बताना पड़ रहा है कि आज सुबह 7:35 बजे हमारे पवित्र पिता फ्रांसिस ने अंतिम सांस ली. पिछले महीने उन्हें ब्रोंकाइटिस की समस्या के चलते रोम के जेमेली अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहां उन्होंने 38 दिन बिताए, जो उनके पूरे पोप काल में सबसे लंबा अस्पताल प्रवास रहा. पोप के निधन के बाद अब नए पोप के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी. यह प्रक्रिया सदियों पुरानी परंपराओं और नियमों के अनुसार होती है और धार्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है.

कौन करता है चुनाव?

नए पोप का चुनाव कैथोलिक चर्च के सबसे वरिष्ठ अधिकारियों, यानी कॉलेज ऑफ कार्डिनल्स द्वारा किया जाता है. पोप के निधन या इस्तीफ़े के बाद ये कार्डिनल्स वेटिकन में एकत्र होते हैं और इसे "कॉन्क्लेव" कहा जाता है. आमतौर पर यह चुनाव पोप के निधन के 15-20 दिन बाद होता है, ताकि शोक मनाया जा सके और दुनिया भर से सभी कार्डिनल रोम पहुंच सकें.

कॉन्क्लेव कैसे होता है?

स्थान: चुनाव वेटिकन के प्रसिद्ध सिस्टीन चैपल में होता है.

गोपनीयता: कार्डिनल्स को बाहर की दुनिया से पूरी तरह अलग रखा जाता है. मोबाइल फोन, टीवी, रेडियो, अखबार आदि सब पर रोक होती है. यहां तक कि जो कर्मचारी वहां होते हैं, उनसे भी गोपनीयता की शपथ ली जाती है.

वोटिंग प्रक्रिया

गुप्त मतदान (Secret Ballot) के ज़रिए कार्डिनल्स अपने पसंद के उम्मीदवार का नाम लिखते हैं. वे एक लैटिन वाक्य के नीचे नाम लिखते हैं: "Eligo in Summum Pontificem"(अर्थात "मैं इस व्यक्ति को सर्वोच्च पोप के रूप में चुनता हूं). इसके बाद सभी मतों की गिनती की जाती है. किसी को चुने जाने के लिए दो-तिहाई बहुमत जरूरी होता है.

धुएं के जरिए संकेत

अगर कोई उम्मीदवार नहीं चुना जाता तो मतपत्रों को जलाकर काला धुआं छोड़ा जाता है – यह संकेत है कि चुनाव जारी रहेगा. जब नया पोप चुना जाता है तो मतपत्र जलाने के लिए खास रसायन डाले जाते हैं, जिससे सफेद धुआं निकलता है – यह संकेत होता है कि अब नया पोप चुन लिया गया है.

नया पोप चुने जाने के बाद क्या होता है?

मुख्य कार्डिनल नए चुने गए पोप से पूछते हैं कि क्या वे यह जिम्मेदारी स्वीकार करते हैं. हां कहने पर, उन्हें पोप का नाम चुनने को कहा जाता है. इसके बाद वे पोप की पोशाक पहनकर वेटिकन के सेंट पीटर बेसिलिका की बालकनी पर आते हैं. फिर एक वरिष्ठ कार्डिनल घोषणा करता है: "Habemus Papam"– जिसका मतलब है "हमें नया पोप मिल गया है."

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