बेड़ियों से भी ज्यादा भयावह है डेरियन गैप का सफर, जहाँ से होकर USA जाते हैं अप्रवासी
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बेड़ियों से भी ज्यादा भयावह है डेरियन गैप का सफर, जहाँ से होकर USA जाते हैं अप्रवासी

बगैर वीज़ा के अमेरिका जाने वाले भारतीय व अन्य प्रवासी डेरियन गैप से होकर जाते हैं। यहाँ से जाने वाले लोगों को बेहद दुर्गम सफ़र तय करना पड़ता है, जिसकी वजह से कईयों की मौत भी हो जाती है।


USA Illegal Migrants : अमेरिका से 104 भारतीय प्रवासियों को डिपोर्ट किये जाने के बाद से भारतीय राजनीती में ये चर्चा का विषय बन चुका है। वो बात और है कि अवैध तरह से कोई विदेशी नागरिक अगर किसी भी देश में प्रवेश करता है तो उस देश की सरकार उस विदेशी नागरिक को हिरासत में रखने के बाद उसके देश वापस भेज देती है। लेकिन इस मामले में भारत में हंगामा इसलिए मचा है क्योंकि ये दावा किया जा रहा है कि भारतीय प्रवासियों को हथकड़ी लगा कर रखा गया था और उनके साथ अमानवीय सलूक किया गया था। लेकिन क्या आपको पता है कि इन प्रवासियों को अमेरिका में दाखिल कराने के लिए एक बेहद ही खतरनाक रूट का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे डेरियन गैप कहते हैं। ये रूट इतना खतरनाक है कि अक्सर इस रास्ते से जाने वाले लोगों में कुछ दम भी तोड़ देते हैं, कुछ पकड़े जाते हैं।


भारत से अमेरिका तक का अवैध प्रवासन: बढ़ती संख्या
बीते कुछ वर्षों में, अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले लोगों की संख्या में तेजी आई है, इनमें भारतीय नागरिकों की संख्या भी बढ़ी है। US कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में 96,917 भारतीय नागरिकों को अमेरिकी-मैक्सिको सीमा पर पकड़ा गया, जो 2022 के मुकाबले लगभग दोगुना था। ये आंकड़े बताते हैं कि भारतीय नागरिक भी मध्य और दक्षिण अमेरिकी देशों के माध्यम से अमेरिका पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं, जो कि बेहद जोखिम भरा मार्ग है।
डेरियन गैप, जो कोलंबिया और पनामा के बीच स्थित है, यात्रा का सबसे खतरनाक पड़ाव बन चुका है। भारतीय नागरिक, जो पहले हवाई मार्ग से अमेरिका जाने की कोशिश करते थे, अब वीज़ा प्रतिबंधों के कारण इस अवैध मार्ग को अपना रहे हैं।

क्या है डेरियन गैप और क्या हैं चुनौतियां?
डेरियन गैप केवल एक जंगल नहीं, बल्कि एक खतरनाक भूलभुलैया है, जहां प्रवासियों को हर कदम पर जान का खतरा होता है। यह क्षेत्र 97 किलोमीटर तक फैला हुआ है और यहां घने जंगल, ऊँची पहाड़ियां, दलदली इलाके, और हिंसक आपराधिक गिरोह सक्रिय हैं।

1. कठिन भौगोलिक परिस्थितियां
इस मार्ग में न तो सड़कें हैं और न ही कोई बुनियादी सुविधाएं। जहरीले सांप, कीड़े, और जगुआर जैसे जंगली जानवरों का खतरा हर पल बना रहता है।
दलदली इलाकों में डूबने और नदी पार करते समय बह जाने का जोखिम बना रहता है।
कई प्रवासी भूख, थकावट और बीमारियों से मर जाते हैं, क्योंकि चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।

2. आपराधिक गिरोह और तस्करी नेटवर्क
प्रवासियों से ‘कोयोट’ (मानव तस्करों) द्वारा हजारों डॉलर की मांग की जाती है। गिरोह प्रवासियों को बंधक बना लेते हैं और उनके परिवारों से फिरौती मांगते हैं। महिलाओं और बच्चों का यौन उत्पीड़न आम बात है। कई मामलों में लूटपाट और हत्याओं की भी घटनाएं सामने आई हैं।

3. भारतीय प्रवासियों की स्थिति
भारतीय प्रवासी अक्सर इस यात्रा के लिए एजेंटों को 20 से 40 लाख रुपये तक का भुगतान करते हैं। कई भारतीय परिवारों ने अपनी पूरी संपत्ति बेचकर अमेरिका पहुंचने का सपना देखा, लेकिन वे डेरियन गैप में फंस गए। कुछ लोग इस खतरनाक मार्ग में मारे गए, जबकि कुछ को अमेरिकी सीमा पर हिरासत में लेकर निर्वासित कर दिया गया। अमेरिका में पकड़ाए गए कई भारतीयों ने दावा किया कि उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया और निर्वासन के दौरान उन्हें बेड़ियों में जकड़कर रखा गया।

अमेरिका की कड़ी प्रवासन नीतियां और भारतीयों का निर्वासन
अमेरिका में अवैध प्रवासियों को रोकने के लिए हाल के वर्षों में नीतियों को और सख्त किया गया है। राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने प्रवासियों पर निगरानी बढ़ाई है और कई प्रवासियों को निर्वासित करने का फैसला लिया है।
हाल ही में, अमेरिका ने 104 भारतीय नागरिकों को भारत वापस भेजा, जिसमें अधिकतर युवा और परिवारों के सदस्य थे। निर्वासित भारतीयों ने दावा किया कि उन्हें हिरासत केंद्रों में अमानवीय परिस्थितियों में रखा गया और निर्वासन के दौरान हथकड़ियों और बेड़ियों में बांध दिया गया।

क्या अमेरिका के सख्त रुख से प्रवासन रुकेगा?
संयुक्त राज्य अमेरिका में अवैध रूप से घुसने वाले प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इससे प्रवासन की समस्या पूरी तरह समाप्त नहीं होगी। इसके कुछ प्रमुख कारण हैं:

1. आर्थिक असमानता:
भारत, नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे देशों से लोग अमेरिका इस उम्मीद से जाते हैं कि वहां बेहतर रोजगार और जीवन मिलेगा। बढ़ती बेरोजगारी और आर्थिक संकट लोगों को जोखिम भरे रास्तों से अमेरिका जाने के लिए मजबूर कर रहा है।

2. एजेंटों और तस्करी नेटवर्क का प्रभाव:
एजेंट प्रवासियों को झूठी उम्मीदें दिखाते हैं और लाखों रुपये लेकर उन्हें अमेरिका पहुंचाने का वादा करते हैं। जब कोई प्रवासी डेरियन गैप पार करने में सफल हो जाता है, तो अन्य लोग भी यह जोखिम उठाने के लिए प्रेरित होते हैं।

3. अमेरिका और मैक्सिको की सीमाओं पर बढ़ता संकट:
अमेरिका ने हाल ही में अपनी सीमाओं पर सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ा दी है, लेकिन प्रवासियों का प्रवाह कम नहीं हुआ। मैक्सिको भी प्रवासियों के प्रवाह को रोकने के लिए सख्त उपाय कर रहा है, लेकिन यह समाधान नहीं बन पा रहा है।

समाधान क्या हो सकता है?
डेरियन गैप में प्रवासियों की बढ़ती संख्या और उनके जीवन पर मंडराते खतरों को देखते हुए, कई देशों को मिलकर इस संकट के समाधान पर काम करना होगा।

1. प्रवासियों के लिए कानूनी मार्ग खोलना:
अमेरिका और अन्य देश वर्क वीज़ा और शरणार्थी नीतियों को सरल बना सकते हैं ताकि लोग अवैध रूप से यात्रा करने के बजाय कानूनी रूप से प्रवास कर सकें।

2. मानव तस्करी नेटवर्क के खिलाफ सख्त कार्रवाई:
कोलंबिया, पनामा, मैक्सिको और अमेरिका को मिलकर मानव तस्करी और आपराधिक गिरोहों के खिलाफ कठोर कदम उठाने होंगे।

3. विकास और रोजगार के अवसर बढ़ाना:
भारत सहित कई देशों में आर्थिक सुधार, शिक्षा और रोजगार के अवसर बढ़ाने से लोग खतरनाक प्रवासन मार्ग अपनाने से बच सकते हैं।

डेरियन गैप से अमेरिका तक की यात्रा केवल एक भूगोलिक मार्ग नहीं है, बल्कि यह उन हजारों प्रवासियों की पीड़ा और संघर्ष का प्रतीक बन चुकी है, जो बेहतर भविष्य की तलाश में अपनी जान जोखिम में डालते हैं। अमेरिका की सख्त नीतियों और निर्वासन के बावजूद प्रवासियों का प्रवाह जारी है, क्योंकि मूल समस्या – गरीबी, बेरोजगारी और तस्करी नेटवर्क – अब भी बनी हुई है।


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