MAGA और MIGA के मेल पर खास जोर, इससे अमेरिका- भारत को कैसे होगा फायदा
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MAGA और MIGA के मेल पर खास जोर, इससे अमेरिका- भारत को कैसे होगा फायदा

भारत और अमेरिकी की संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में दो शब्दों मगा और मीगा का इस्तेमाल किया गया। दोनों देशों ने 2030 तक 500 बिलियन डॉलर द्विपक्षीय व्यापार हासिल करने का लक्ष्य रखा है।


India America Trade Relation: एक कहावत है कि अगर ताकत को और ताकत मिल जाए जो सीरत और सूरत दोनों बदल जाती है। अगर बात सीरत की करें तो भारत का नजरिया पहले से ही दुनिया के हर एक देश के साथ मिलजुल कर रहने का रहा है। हालांकि अमेरिका की सीरत फायदे के हिसाब से बदलती रही है। इस समय मौजूदा राष्ट्रपति ट्रंप बार बार कह रहे हैं कि पिछली सरकार यानी बाइडेन की गलतियों का खामियाजा हम भुगत रहे हैं। यह बात सच है कि हम किसी भी देश को मात दे सकते हैं। लेकिन हम मात की जगह मिलकर आगे चलना चाहते हैं। अब इसका मतलब क्या है। इसे आप दो शब्द मगा और मिगा के जरिए समझ सकते हैं।

MAGA और MIGA का जिक्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ संयुक्त ब्रीफिंग के दौरान भारत के मेक इंडिया ग्रेट अगेन (MIGA) के विजन के बारे में बात की - यह वाक्यांश ट्रंप के सिग्नेचर स्लोगन 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' (MAGA) से प्रेरित है। पीएम मोदी के अनुसार, MAGA और MIGA का संयुक्त विजन समृद्धि के लिए एक बड़ी साझेदारी बन जाता है।

अमेरिका के लोग राष्ट्रपति ट्रंप के आदर्श वाक्य MAGA मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' से अच्छी तरह वाकिफ हैं। भारत के लोग भी विरासत और विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं क्योंकि वे विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की ओर तेज गति और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं। अमेरिका की भाषा में, इसे मेक इंडिया ग्रेट अगेन MIGA कहते हैं। जब अमेरिका और भारत एक साथ काम करते हैं, तो यह MAGA प्लस MIGA 'समृद्धि के लिए एक बड़ी साझेदारी' बन जाती है और यह बड़ी भावना ही है जो हमारे उद्देश्यों को नया पैमाना और दायरा देती है।



2030 तक 500 बिलियन डॉलर का व्यापार
दोनों नेताओं ने यह भी घोषणा की कि भारत और अमेरिका ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार के लिए 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर का लक्ष्य रखा है।आज, हमने 2030 तक अपने द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना से अधिक बढ़ाकर 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य भी रखा है। हमारी टीमें बहुत जल्द एक पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने पर काम करेंगी। उन्होंने कहा कि दोनों देश संयुक्त विकास, संयुक्त उत्पादन और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

हम भारत की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तेल और गैस व्यापार को मजबूत करेंगे। ऊर्जा अवसंरचना में निवेश बढ़ेगा। परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में, हमने छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों की दिशा में अपने सहयोग को गहरा करने की बात की। अमेरिका भारत की रक्षा तैयारियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आने वाले दिनों में, नई तकनीक और उपकरण हमारी क्षमता को बढ़ाएंगे।

पीएम मोदी ने यह भी घोषणा की कि वाशिंगटन और नई दिल्ली आने वाले दिनों में पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते को समाप्त करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। पीएम मोदी, ट्रंप (Narendra Modi Donald Trump Meeting) के व्हाइट हाउस में वापस आने के बाद से अमेरिका का दौरा करने वाले चौथे विश्व नेता हैं, ने गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति और उनके करीबी सहयोगी और अरबपति एलन मस्क से मुलाकात की। उनकी यह मुलाकात ट्रंप द्वारा भारत सहित सभी देशों पर पारस्परिक टैरिफ की घोषणा के कुछ घंटों बाद हुई।

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