भारत बांग्लादेश में 90 दिनों में चुनाव करे सुनिश्चित, शेख हसीना के बेटे ने रखी अपनी बात
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भारत बांग्लादेश में 90 दिनों में चुनाव करे सुनिश्चित, शेख हसीना के बेटे ने रखी अपनी बात

बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने कहा कि भारत यह सुनिश्चित करे कि देश में 90 दिनों के भीतर नए चुनाव कराए जाएं.


Sheikh Hasina Updates: बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय चाहते हैं कि भारत यह सुनिश्चित करे कि देश में 90 दिनों के भीतर नए चुनाव कराए जाएं और उनकी अवामी लीग पार्टी को स्वतंत्र रूप से चुनाव प्रचार करने और चुनाव लड़ने की अनुमति दी जाए. सजीब वाजेद जॉय ने स्वीकार किया कि उनकी मां ने विवादास्पद नौकरी कोटा के खिलाफ देशव्यापी छात्र विरोध प्रदर्शन को न्यायपालिका को संभालने की अनुमति देकर गलती की, जो सरकार विरोधी आंदोलन में बदल गया.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक विदेशी खुफिया एजेंसी (जिसका उन्होंने नाम नहीं बताया) विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई भीषण हिंसा के लिए जिम्मेदार है, जिसके कारण हसीना को भारत भागना पड़ा.

भारत से अपील

उन्होंने कहा कि मैं आशा करता हूं कि भारत यह सुनिश्चित करेगा कि चुनाव 90 दिनों की संवैधानिक समय-सीमा के भीतर कराए जाएं. भीड़तंत्र पर रोक लगे और अवामी लीग को चुनाव प्रचार करने और पुनर्गठन की अनुमति मिले. अगर यह सुनिश्चित हो जाता है तो मुझे अब भी विश्वास है कि हम चुनाव जीतेंगे. हम अब भी सबसे लोकप्रिय पार्टी बने रहेंगे. उन्होंने माना कि सरकार को शुरू से ही छात्र प्रदर्शनकारियों से बातचीत करनी चाहिए थी और विवादास्पद आरक्षण के खिलाफ पहले ही बोलना चाहिए था.

हसीना की गलती

सजीब वाजेद जॉय ने कहा कि मेरा मानना है कि हमारी सरकार को इसे अदालतों पर छोड़ने के बजाय प्रदर्शनकारियों से मिलना चाहिए था. हमारी सरकार ने कोटा कम करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर की. मैंने सुझाव दिया कि हम सार्वजनिक रूप से रुख अपनाएं और कहें कि अदालत ने गलती की है और हम कोटा नहीं चाहते. लेकिन हमारी सरकार ने ऐसा नहीं किया, बल्कि उम्मीद की कि न्यायिक प्रणाली इस मामले को संभाल लेगी. उन्होंने आरोप लगाया कि विरोध-प्रदर्शनों के हिंसक रूप लेने में विदेशी हस्तक्षेप है और इसमें विदेशी खुफिया एजेंसी शामिल हो सकती है.

हिंसा के लिए खुफिया एजेंसी दोषी

उन्होंने कहा कि मेरा विश्वास है कि इसमें एक विदेशी खुफिया एजेंसी शामिल थी. क्योंकि 15 जुलाई से शुरू हुए कई प्रदर्शनकारी हथियारों से लैस थे. पिछले 15 वर्षों में उग्रवाद पर हमारे सफल नियंत्रण के कारण बांग्लादेश में हथियार हासिल करना बहुत कठिन है. देश में हथियारों की तस्करी करने और प्रदर्शनकारियों को आपूर्ति करने में सक्षम एकमात्र संगठन एक विदेशी खुफिया एजेंसी होगी.

हसीना का नहीं था देश छोड़ने का इरादा

जॉय ने जोर देकर कहा कि हसीना का देश छोड़ने का कोई इरादा नहीं है. वह इस्तीफा देने और इसकी सार्वजनिक घोषणा करने की तैयारी कर रही थीं, तभी उनके विशेष सुरक्षा बल ने बढ़ते खतरे के कारण उनसे तत्काल पद छोड़ने पर जोर दिया. वास्तव में, वह अपना बयान दर्ज कराने ही वाली थी, तभी विशेष सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि मैडम समय नहीं है. हमें अब जाना होगा.

भारत का धन्यवाद

जॉय ने हसीना को शरण देने के लिए भारत को एक बार फिर धन्यवाद दिया और कहा कि उन्होंने किसी भी देश से शरण नहीं मांगी है. वह यह देखने के लिए इंतजार कर रही हैं कि बांग्लादेश में स्थिति क्या होती है. उन्होंने यह भी कहा कि हसीना फिलहाल भारत में ही रहेंगी.

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