Parvathaneni Harish
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संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि परवथनेनी हरीश ने यह टिप्पणी UNSC की खुली बहस को संबोधित करते हुए की। (स्क्रीनग्रैब/X/@IndiaUNNewYork)

आतंकियों के जनाजे में पाक सैन्य अफसर,भारत ने सुरक्षा परिषद में उठाए सवाल

भारत की यह टिप्पणी संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी राजदूत द्वारा दोनों देशों के बीच हालिया सैन्य संघर्ष का मुद्दा उठाए जाने के जवाब में आई थी।


भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में पाकिस्तान को घोर पाखंडी करार दिया है और नागरिकों की रक्षा पर उपदेश देने के उसके अधिकार पर सवाल उठाए हैं।

यह बयान उस समय आया जब संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी राजदूत ने भारत-पाक के हालिया सैन्य संघर्ष और कश्मीर मुद्दे को उठाया।

भारत ने शुक्रवार को चार दिवसीय सैन्य संघर्ष के दौरान आम नागरिकों पर हमलों को लेकर पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा कि जो देश आतंकवादियों और नागरिकों में कोई अंतर नहीं करता, उसे नागरिकों की सुरक्षा की बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वतनैनी हरीश ने यह बयान UNSC में "सशस्त्र संघर्षों में नागरिकों की सुरक्षा" विषय पर आयोजित खुले विचार-विमर्श के दौरान दिया। इसमें उभरते खतरों, नागरिकों, मानवीय व संयुक्त राष्ट्र कर्मियों, पत्रकारों, मीडिया पेशेवरों की सुरक्षा और जवाबदेही तंत्र को मजबूत करने पर चर्चा की गई।

‘पाक प्रायोजित आतंकवाद से भारत दशकों से पीड़ित’

हरीश ने पाकिस्तानी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद द्वारा उठाए गए कश्मीर मुद्दे और हालिया भारत-पाक संघर्ष पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा,“मुझे पाकिस्तान के प्रतिनिधि द्वारा लगाए गए निराधार आरोपों का उत्तर देने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है।”

उन्होंने कहा, “भारत दशकों से पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवादी हमलों का शिकार रहा है। 26/11 मुंबई हमला हो या अप्रैल 2025 में पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की बर्बर हत्या, सभी का मकसद भारत की समृद्धि, प्रगति और मनोबल पर हमला करना रहा है। इन हमलों के अधिकांश शिकार आम नागरिक ही रहे हैं।”

आतंकियों के जनाजे में पाक अधिकारियों की मौजूदगी क्यों?

हरीश ने ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के दौरान मारे गए आतंकियों के अंतिम संस्कार में पाकिस्तान के वरिष्ठ सरकारी, पुलिस और सैन्य अधिकारियों की मौजूदगी को लेकर भी तीखी प्रतिक्रिया दी।

“हमने हाल ही में देखा कि किस प्रकार पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारी उन आतंकवादियों के जनाजे में शामिल हुए जिन्हें भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में निशाना बनाया था। जो देश आतंकवादियों और आम नागरिकों में फर्क नहीं कर सकता, उसे नागरिकों की सुरक्षा की बात करने का कोई हक नहीं है।”

हरीश ने आरोप लगाया कि हालिया सैन्य संघर्ष के दौरान पाकिस्तान ने जानबूझकर भारतीय सीमावर्ती गांवों पर गोलाबारी की, जिसमें 20 से अधिक नागरिक मारे गए और 80 से अधिक घायल हुए। उन्होंने कहा, “पाकिस्तानी सेना ने जानबूझकर हमारे गांवों पर गोले दागे, धार्मिक स्थलों जैसे गुरुद्वारों, मंदिरों, कॉन्वेंट्स और यहां तक कि अस्पतालों को भी निशाना बनाया।”

“ऐसे कृत्यों के बाद इस मंच पर आकर नैतिकता की बात करना घोर पाखंड है। हमें यह स्पष्ट कर देना चाहिए कि नागरिकों की रक्षा की आड़ में संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकियों की रक्षा नहीं की जा सकती। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद के प्रति शून्य सहनशीलता अपनानी चाहिए और जो देश आतंकवाद का समर्थन या बचाव करते हैं, उन्हें खुलकर बेनकाब करना चाहिए।”

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