भारत-कनाडा में उच्चायुक्तों की नियुक्ति पर सहमति, पीएम मोदी की कनाडा के पीएम से मुलाकात
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मोदी ने अपनी कार्नी से मुलाकात को शानदार बताया और कहा कि दोनों देश लोकतंत्र, स्वतंत्रता और क़ानून के शासन में गहरी आस्था से जुड़े हुए हैं। ( फ़ोटो : @narendramodi / X )

भारत-कनाडा में उच्चायुक्तों की नियुक्ति पर सहमति, पीएम मोदी की कनाडा के पीएम से मुलाकात

G7 शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय वार्ता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के पीएम मार्क कार्नी ने आपसी संबंधों को सुधारने और दोनों देशों के नागरिकों और कारोबार के लिए सामान्य सेवाएं बहाल करने पर सहमति जताई।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने मंगलवार (17 जून) को कनानास्किस में G7 शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय बातचीत की। यह कार्नी के मई 2025 में पदभार संभालने के बाद दोनों नेताओं की पहली मुलाकात थी। मोदी ने कहा कि भारत और कनाडा के बीच संबंध अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और दोनों देशों को अलग-अलग क्षेत्रों में सहयोग के लिए मिलकर काम करना चाहिए।

नए उच्चायुक्तों की नियुक्ति

बातचीत के दौरान दोनों पक्षों ने नए उच्चायुक्त (हाई कमिश्नर) नियुक्त करने पर सहमति जताई, ताकि दोनों देशों के नागरिकों और व्यवसायों के लिए सामान्य सेवाओं की बहाली हो सके।

कनाडाई प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि कार्नी और मोदी ने परस्पर सम्मान, क़ानून का शासन, और संप्रभुता व क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता पर आधारित भारत-कनाडा संबंधों के महत्व की पुष्टि की। बयान में कहा गा है, “दोनों नेताओं ने दोनों देशों के नागरिकों और व्यवसायों के लिए सामान्य सेवाओं की बहाली के उद्देश्य से नए हाई कमिश्नर नियुक्त करने पर सहमति व्यक्त की।”

महत्वपूर्ण साझेदारियों पर चर्चा

दोनों नेताओं ने भारत और कनाडा के लोगों के बीच मजबूत और ऐतिहासिक संबंधों, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझेदारियों, और आर्थिक विकास, सप्लाई चेन और ऊर्जा परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण व्यावसायिक संबंधों पर चर्चा की।

कार्नी ने G7 एजेंडा में शामिल प्रमुख मुद्दों जैसे अंतरराष्ट्रीय अपराध, दमन, सुरक्षा, और नियम आधारित व्यवस्था को उठाया। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के पास तकनीक, डिजिटल परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा, और महत्वपूर्ण खनिजों जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा करने के अवसर हैं।

पिछले साल तनावपूर्ण घटनाक्रम

अक्टूबर 2024 में भारत ने कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था और अपने हाई कमिश्नर संजय वर्मा समेत कुछ "चिन्हित" अधिकारियों को कनाडा से वापस बुला लिया था। यह कदम उस समय उठाया गया जब भारत ने सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच से जुड़े कनाडाई आरोपों को सख्ती से खारिज किया था।

मोदी: हमें मिलकर ‘विन-विन’ सहयोग करना चाहिए

मोदी ने कार्नी को चुनाव में "भव्य जीत" की बधाई देते हुए कहा, "मुझे पूरा विश्वास है कि आपकी नेतृत्व में हम सकारात्मक तरीके से मिलकर काम कर सकेंगे और भारत-कनाडा संबंधों को आगे ले जाएंगे। भारत और कनाडा के रिश्ते अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और हमें मिलकर कई क्षेत्रों में ‘विन-विन’ सहयोग प्राप्त करना चाहिए।”

उन्होंने यह भी कहा कि कनाडाई कंपनियों ने भारत में बड़ी मात्रा में निवेश किया है और भारतीयों ने भी कनाडा में निवेश किया है। मोदी ने कहा, “हम दोनों लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास रखते हैं। मिलकर हम इन मूल्यों को और मज़बूत कर सकते हैं और मानवता के कल्याण के लिए काम कर सकते हैं। अगर हम दोनों देश मिलकर अपने सभी संसाधनों का सही इस्तेमाल करें, तो हम पूरी मानवता के हित के लिए कार्य कर सकते हैं।”

मोदी की सोशल मीडिया पोस्ट

मोदी ने X पर पोस्ट करके लिखा, “प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से शानदार मुलाकात हुई। G7 शिखर सम्मेलन की सफल मेज़बानी के लिए उन्हें और कनाडा सरकार को बधाई दी। भारत और कनाडा लोकतंत्र, स्वतंत्रता और क़ानून के शासन में विश्वास रखते हैं। प्रधानमंत्री कार्नी और मैं भारत-कनाडा दोस्ती को नई गति देने के लिए मिलकर काम करने को उत्सुक हैं। व्यापार, ऊर्जा, अंतरिक्ष, स्वच्छ ऊर्जा, महत्वपूर्ण खनिज, उर्वरक और अन्य क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं।”

उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें 2015 के बाद एक बार फिर कनाडा आने और यहां के लोगों से मिलने का अवसर मिला, जिससे वे खुश हैं। यह मोदी की एक दशक में पहली कनाडा यात्रा है।

“भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। G20 की अध्यक्षता के दौरान हमने विश्व कल्याण के लिए कई पहलें कीं, और अब G7 के माध्यम से भी उसी दिशा में काम करेंगे।”

नए युग की शुरुआत

कार्नी द्वारा मोदी को G7 सम्मेलन में आमंत्रित करना कनाडा की नई सरकार के भारत से रिश्ते सुधारने के इरादे का संकेत है, जो हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर तल्खी के चरम पर पहुंच गए थे।

भारत ने उस मामले के बाद कनाडा से अपने हाई कमिश्नर और पांच अन्य राजनयिकों को वापस बुला लिया था, और कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था। भारत ने पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार पर कनाडा की ज़मीन से खालिस्तानी तत्वों को सक्रिय रूप से काम करने देने का आरोप लगाया था।

मार्च 2025 में ट्रूडो के पद छोड़ने के बाद, अर्थशास्त्री और राजनीतिक नवागंतुक मार्क कार्नी कनाडा के नए प्रधानमंत्री बने। ट्रूडो के हटने के बाद भारत ने कहा था कि वह “आपसी विश्वास और संवेदनशीलता” के आधार पर कनाडा से संबंध फिर से बनाने की उम्मीद करता है।

पिछले कुछ महीनों में भारत और कनाडा के सुरक्षा अधिकारी फिर से संपर्क में आए हैं और दोनों पक्ष नए हाई कमिश्नरों की नियुक्ति की संभावनाएं तलाश रहे थे।

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