कनाडा के प्रति भारत का कड़ा रुख, कनाडा उच्चायुक्त को किया तलब
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कनाडा के प्रति भारत का कड़ा रुख, कनाडा उच्चायुक्त को किया तलब

कूटनीतिक विवाद ने तब तीखा मोड़ ले लिया जब कनाडा ने कथित तौर पर निज्जर की मौत की जांच में भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा को हितधारक बताया.


India Canada : खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या के मामले को लेकर कनाडा और भारत के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है. भारत अब कनाडा के प्रति सख्त रुख अपनाता जा रहा है, जिसके तहत भारत ने जस्टिन ट्रूडो के नए आरोपों पर कनाडा के उच्चायुक्त को समन किया है. अगर आज की ही बात की जाए तो दिन में भारत ने कनाडा के उन संकेतों को ‘बेतुका आरोप' बताकर सिरे से खारिज कर दिया.


कनाडा के उच्चायोग को किया गया तलब
भारत ने कनाडा के उच्चायुक्त को नई दिल्ली में तलब किया है. आज के समय की बात करें तो दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध एक नए निम्न स्तर पर पहुंच चुके हैं. विदेश मंत्रालय ने स्टीवर्ट व्हीलर को तलब किया है. इतना ही नहीं भारत की तरफ से खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारतीय राजदूत और अन्य राजनयिकों की "हितधारक" के रूप में जांच करने के लिए कनाडा सरकार की आलोचना भी गयी है.
विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि "भारत अब भारतीय राजनयिकों के खिलाफ़ आरोप लगाने के लिए कनाडा सरकार के इन नवीनतम प्रयासों के जवाब में आगे कदम उठाने का अधिकार सुरक्षित रखता है."

ऐसे बढ़ा भारत और कनाडा के बीच तनाव
कूटनीतिक विवाद ने तब तीखा मोड़ ले लिया जब कनाडा ने कथित तौर पर निज्जर की मौत की जांच में भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा को हितधारक बताया. भारत ने तुरंत पलटवार करते हुए कनाडा पर बिना सबूत के अपने अधिकारियों को बदनाम करने और अपनी धरती पर खालिस्तानी चरमपंथ को रोकने में अपनी विफलता को सही ठहराने के लिए बेतुके दावों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. नई दिल्ली ने कड़े शब्दों में कनाडा के राजनयिक संचार की निंदा की, जिसमें कहा गया था कि भारतीय उच्चायुक्त और अन्य भारतीय राजनयिकों को एक संवेदनशील जांच में फंसाया गया है। विदेश मंत्रालय ने तीखा खंडन जारी करते हुए कहा कि भारत सरकार इन बेतुके आरोपों को दृढ़ता से खारिज करती है और इन्हें ट्रूडो सरकार के राजनीतिक एजेंडे के लिए जिम्मेदार ठहराती है, जो वोट बैंक की राजनीति पर केंद्रित है.
जस्टिन ट्रूडो इस तरह की बात क्यों करते हैं इसके पीछे जानकार दो वजह बताते हैं. पहला तो ये कि जिन वादों के साथ वो कनाडा की सत्ता पर काबिज हुए उसे पूरा करने में वो नाकाम साबित हो रहे हैं. जिसकी वजह से विपक्षी दल हमलावर हैं. अब बुनियादी विषयों से पीछा छुड़ाने के लिए वो बेबुनियाद आरोप लगाते हैं. भारत सरकार का स्पष्ट मत है कि यदि हरदीप सिंह निज्जर प्रकरण में किसी तरह का सबूत हो तो ट्रूडो मुहैया कराएं. इस तरह से बिना सिरपैर की बात करना उचित नहीं होगा. इसके साथ ही जस्टिन ट्रूडो की जीत में सिख समाज की भूमिका रही है. यानी कि सिख उनके लिए वोट बैंक की तरह हैं, लिहाजा उस वोटबैंक को साधने के लिए वो इस तरह की बात करते हैं जबकि उन्हें पता है कि हरदीप सिंह निज्जर पहले से ही आतंकी घोषित है.


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