आलोचना करने वाले खुद का देखें रिकॉर्ड,  ईरानी सर्वोच्च नेता खामेनेई की टिप्पणी पर भारत का करारा जवाब
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'आलोचना करने वाले खुद का देखें रिकॉर्ड', ईरानी सर्वोच्च नेता खामेनेई की टिप्पणी पर भारत का करारा जवाब

भारत ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई द्वारा भारत में मुसलमानों की कथित पीड़ा के बारे में की गई टिप्पणियों की कड़ी निंदा की.


Iran supreme leader Ayatollah Ali Khamenei: भारत ने सोमवार को ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई द्वारा भारत में मुसलमानों की कथित पीड़ा के बारे में की गई टिप्पणियों की कड़ी निंदा की. बता दें कि खामेनेई ने पैगंबर मोहम्मद की जयंती के अवसर पर यह टिप्पणी की और भारत, गाजा और म्यांमार सहित दुनिया भर में मुस्लिम समुदायों की 'पीड़ा' को उजागर किया.

ईरानी नेता ने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा कि अगर हम म्यांमार, गाजा, भारत या किसी अन्य स्थान पर एक मुसलमान द्वारा झेली जा रही पीड़ा से अनजान हैं तो हम खुद को मुसलमान नहीं मान सकते. वहीं, जवाब में भारत के विदेश मंत्रालय ने इन टिप्पणियों को खारिज कर दिया और इसे गलत सूचना और अस्वीकार्य बताया.

विदेश मंत्रालय के आधिकारिक बयान में कहा गया कि हम ईरान के सर्वोच्च नेता द्वारा भारत में अल्पसंख्यकों के बारे में की गई टिप्पणियों की कड़ी निंदा करते हैं. मंत्रालय ने अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार पर आलोचनात्मक टिप्पणी करने वाले देशों को सलाह दी कि वे निर्णय लेने से पहले अपने स्वयं के मानवाधिकार रिकॉर्ड की जांच करें.

खामेनेई की भारत में अल्पसंख्यकों पर पिछली टिप्पणी

यह पहली बार नहीं है जब ईरानी नेता ने भारत में अल्पसंख्यकों पर बात की है. साल 2019 में, उन्होंने जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. उन्होंने कहा था कि हम कश्मीर में मुसलमानों की स्थिति को लेकर चिंतित हैं. भारत के साथ हमारे अच्छे संबंध हैं. लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार कश्मीर के महान लोगों के प्रति न्यायपूर्ण नीति अपनाएगी और इस क्षेत्र में मुसलमानों पर अत्याचार और उत्पीड़न को रोकेगी.

बता दें कि भारत और ईरान ने हाल ही में शाहिद-बेहेश्टी पोर्ट टर्मिनल को संचालित करने के लिए एक महत्वपूर्ण दीर्घकालिक समझौते पर हस्ताक्षर करके अपने सहयोग को मजबूत किया है. दोनों देशों के मंत्रियों की मौजूदगी में यह सौदा चाबहार बंदरगाह समझौते के रणनीतिक महत्व को रेखांकित करता है.

क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ाकर, यह समझौता भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच व्यापार मार्गों को सुव्यवस्थित करने के लिए तैयार है, जो पाकिस्तान से गुजरने वाले पारंपरिक मार्गों का विकल्प प्रदान करता है. भारत और ईरान के बीच बातचीत का एक सहस्राब्दी पुराना इतिहास है. दोनों देशों के बीच समकालीन संबंध उच्च स्तरीय आदान-प्रदान, वाणिज्यिक सहयोग, संपर्क प्रतिमान और सांस्कृतिक एवं लोगों के बीच आपसी संबंधों द्वारा चिह्नित हैं.

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