
पाकिस्तान में बर्बादी उम्मीद से अधिक, विदेशी मीडिया ने क्या पाया?
अंतरराष्ट्रीय मीडिया के मुताबिक दोनों देशों ने सटीक निशाना साधकर अभियान चलाए। लेकिन पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को सटीक निशाना बनाकर भारत ने बेहतरीन प्रदर्शन किया।
हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक चले सैन्य संघर्ष में भारत ने पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों और एयरबेस को निशाना बनाकर एक निर्णायक बढ़त हासिल की, जैसा कि न्यूयॉर्क टाइम्स की सैटेलाइट इमेजरी पर आधारित एक जांच रिपोर्ट में सामने आया है। वॉशिंगटन पोस्ट की एक दृश्य विश्लेषण रिपोर्ट में भी कहा गया है कि भारत ने पाकिस्तान के कम से कम छह हवाई अड्डों की रनवे और संरचनाओं को क्षति पहुँचाई। विशेषज्ञों का कहना है कि दशकों के तनावपूर्ण संबंधों के इतिहास में इतने व्यापक हमले पहले नहीं देखे गए।
1971 के बाद सबसे बड़ा हमला
यह चार दिवसीय संघर्ष दोनों परमाणु-संपन्न देशों के बीच बीते 50 वर्षों का सबसे बड़ा सैन्य टकराव बताया गया है। दोनों पक्षों ने ड्रोन और मिसाइलों का इस्तेमाल कर एक-दूसरे की हवाई सुरक्षा और सैन्य क्षमताओं की जांच की। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों देशों ने दावा किया कि उन्होंने एक-दूसरे को गंभीर क्षति पहुँचाई है।
किंग्स कॉलेज लंदन में अंतरराष्ट्रीय संबंधों के वरिष्ठ व्याख्याता वॉल्टर लैडविग ने वॉशिंगटन पोस्ट से कहा, "1971 के युद्ध के बाद यह पाकिस्तान के सैन्य ढांचे पर भारत के सबसे व्यापक हवाई हमले हैं।"
सैटेलाइट तस्वीरों से पुख्ता सबूत
टकराव से पहले और बाद की उच्च-रिज़ॉल्यूशन सैटेलाइट तस्वीरों से यह स्पष्ट होता है कि भारत के सटीक हमलों से पाकिस्तान की सैन्य सुविधाओं को गंभीर क्षति पहुँची। 24 से अधिक सैटेलाइट तस्वीरों और वीडियो विश्लेषण में पाया गया कि तीन हैंगर, दो रनवे और वायुसेना द्वारा उपयोग किए जा रहे दो मोबाइल भवन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए।
भारत ने कुछ ऐसे ठिकानों पर भी हमला किया जो पाकिस्तान की सीमा के 100 मील अंदर स्थित थे। भू-स्थानिक विश्लेषक विलियम गुडहाइंड ने वॉशिंगटन पोस्ट को बताया, "उच्च-प्रोफ़ाइल ठिकानों को सटीक हमलों से निशाना बनाया गया, जिससे पाकिस्तान की आक्रामक और रक्षात्मक हवाई क्षमताएं कमजोर हो गईं।"
भारत-पाक प्रतिद्वंद्विता पर पुस्तक लिखने वाले क्रिस्टोफर क्लैरी ने भी पुष्टि की कि सैटेलाइट साक्ष्य इस बात के अनुकूल हैं कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान की वायुसेना को पूर्वी पाकिस्तान के कई ठिकानों पर सार्थक क्षति पहुँचाई।
सटीक युद्धकला
हालाँकि हमलों का दायरा व्यापक था, न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया कि वास्तविक विनाश अपेक्षाकृत सीमित था। फिर भी अधिकांश क्षति भारत की ओर से पाकिस्तान की सैन्य सुविधाओं को पहुँची। आधुनिक तकनीक के इस युग में दोनों देशों ने बेहद सटीक हमले किए। रिपोर्ट के अनुसार, भारत की रणनीति विशेष रूप से प्रभावशाली रही क्योंकि वह प्रतीकात्मक ताकत-प्रदर्शन से आगे बढ़कर पाकिस्तान की रक्षा क्षमताओं को सीधे चुनौती देने लगा।भारत ने दावा किया कि उसने पाकिस्तान के 11 सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया और अपनी कार्रवाई को "संतुलित और योजनाबद्ध" बताया।
नूर खान एयरबेस सबसे संवेदनशील निशाना
सबसे संवेदनशील लक्ष्य रावलपिंडी स्थित नूर खान एयरबेस था, जो पाकिस्तान की सेना मुख्यालय और प्रधानमंत्री कार्यालय से लगभग 15 मील दूर है। यह वही इलाका है जहाँ पाकिस्तान की परमाणु सुरक्षा इकाई भी तैनात है।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने इसे "शायद भारत द्वारा निशाना बनाया गया सबसे संवेदनशील सैन्य ठिकाना" बताया। वॉशिंगटन पोस्ट ने सैटेलाइट चित्रों के आधार पर बताया कि नूर खान एयरबेस पर दो मोबाइल कंट्रोल सेंटर्स को नष्ट किया गया। एक पास के पार्किंग लॉट से ली गई वीडियो में धुएँ के गुबार दिखे।
पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने हुए प्रभावित
कराची से लगभग 100 मील दूर स्थित भोलारी एयरबेस पर भारत ने एक विमान हैंगर पर सटीक हमला किया। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार सैटेलाइट चित्रों में हैंगर को स्पष्ट रूप से क्षतिग्रस्त देखा गया।
भारत ने दावा किया कि उसने पाकिस्तान के कई प्रमुख एयरबेस पर रनवे और अन्य ढाँचों को निशाना बनाया, जिसकी पुष्टि सैटेलाइट तस्वीरों से हुई। 10 मई को पाकिस्तान ने रहिम यार खान एयरबेस के रनवे के "अप्रचालनीय" होने की सूचना दी। पंजाब के सरगोधा एयरबेस पर भारत ने रनवे के दो हिस्सों को सटीक बमों से निशाना बनाया।वॉशिंगटन पोस्ट ने पाकिस्तान के अखबार डॉन के हवाले से बताया कि शेख ज़ायेद एयरपोर्ट का "रॉयल लॉन्ज" भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ।
पाकिस्तानी दावे अधूरे साबित
जहाँ पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने भारत के कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, वहीं सैटेलाइट सबूत इन दावों की पुष्टि नहीं करते। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ ठिकानों पर सैन्य कार्रवाई के प्रमाण होने के बावजूद पाकिस्तानी हमलों से कोई स्पष्ट क्षति नहीं दिखी।विशेष रूप से पाकिस्तान द्वारा "भारत के उधमपुर एयरबेस को नष्ट करने" का दावा सैटेलाइट चित्रों से खारिज हो गया। 12 मई की तस्वीरों में कोई क्षति नजर नहीं आई।
ऑपरेशन सिंदूर
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की और पाकिस्तान व पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में आतंकवाद से जुड़ी संरचनाओं को निशाना बनाया।इसके जवाब में पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारत के सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की। भारत ने रफीकी, मुरिद, चकलाला, रहिम यार खान, सुक्कुर और चुनीयां के सैन्य अड्डों पर ज़बरदस्त जवाबी हमला किया।पसरूर और सियालकोट के रडार और हवाई ठिकानों को भी सटीक बमों से निशाना बनाया गया, जिससे भारी नुकसान हुआ।
10 मई को संघर्षविराम पर सहमति
चार दिन तक चले इस गहन ड्रोन और मिसाइल टकराव के बाद 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम पर सहमति बनी। हालांकि, इस सैन्य टकराव ने दोनों देशों को यह स्पष्ट संदेश दिया है कि आधुनिक युद्ध केवल तकनीकी शक्ति नहीं, बल्कि रणनीतिक सटीकता और त्वरित निर्णय क्षमता की माँग करता है।
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)