इजराइल और फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत ने हमेशा किया दो-राज्य समाधान का समर्थन किया: जयशंकर
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इजराइल और फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत ने हमेशा किया दो-राज्य समाधान का समर्थन किया: जयशंकर

एस जयशंकर ने कहा, "इजराइल-हमास संघर्ष की शुरुआत के बाद से, फिलिस्तीन से संबंधित 13 प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा में लाए गए, जिनमें से भारत ने 10 के पक्ष में मतदान किया और तीन प्रस्तावों से परहेज किया।"


India On Israel - Palestine : भारत ने इजरायल-फिलिस्तीन विवाद पर अपनी दीर्घकालिक और संतुलित नीति को दोहराते हुए "दो-राज्य समाधान" का समर्थन किया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि भारत "संप्रभु, स्वतंत्र और व्यवहार्य फिलिस्तीनी राज्य" की स्थापना के पक्ष में है।

जयशंकर ने इजरायल-हमास संघर्ष के बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में फिलिस्तीन से जुड़े 13 प्रस्तावों में से 10 के पक्ष में भारत के मतदान का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि तीन प्रस्तावों में भारत अनुपस्थित रहा, लेकिन भारत ने हमेशा एक "संतुलित और व्यावहारिक दृष्टिकोण" अपनाया है।
विदेश मंत्री ने कहा, "हमारा उद्देश्य क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखना है। भारत दो-राज्य समाधान का समर्थन करता है, जिसमें इजरायल और फिलिस्तीन दोनों शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व में रह सकें।"
यह बयान ऐसे समय पर आया है जब गाजा पट्टी में जारी हिंसा और इजरायल-हमास संघर्ष ने वैश्विक समुदाय को विभाजित कर दिया है। भारत की नीति, जिसने लंबे समय से इजरायल के साथ रक्षा और रणनीतिक संबंधों को महत्व दिया है, फिलिस्तीन के ऐतिहासिक अधिकारों और मानवाधिकारों के समर्थन को भी समान महत्व देती है।

भारत के रुख की सराहना
भारत के इस संतुलित रुख को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर व्यापक सराहना मिलती रही है, जो वैश्विक शांति और स्थिरता के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भारत ने हमेशा इजरायल के साथ अपने रणनीतिक और रक्षा संबंधों को महत्व दिया है, साथ ही फिलिस्तीन के ऐतिहासिक अधिकारों और मानवाधिकारों का समर्थन भी किया है। जयशंकर का बयान भारत की संतुलित और दीर्घकालिक विदेश नीति का प्रतीक है।

भारत ने हमेशा दिया दो राज्य नीति का साथ
जयशंकर ने कहा, "फिलिस्तीन के प्रति भारत की नीति लंबे समय से चली आ रही है और हमने हमेशा बातचीत के जरिए दो-राज्य समाधान का समर्थन किया है, ताकि सुरक्षित और मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर एक संप्रभु, स्वतंत्र और व्यवहार्य फिलिस्तीन राज्य की स्थापना की जा सके, जो इजरायल के साथ शांति से रह सके।"

भारत में फिलिस्तीन को उपलब्ध करवाई है जरुरी मदद
भारत ने मौजूदा संकट के दौरान फिलिस्तीन को महत्वपूर्ण मानवीय सहायता प्रदान की है। संघर्ष शुरू होने के बाद से, केंद्र ने लगभग 70 मीट्रिक टन सहायता प्रदान की है, जिसमें दो किस्तों में 16.5 मीट्रिक टन दवाइयाँ और चिकित्सा आपूर्ति शामिल है। इसके अतिरिक्त, 2024 में निकट पूर्व में फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (UNRWA) को 5 मिलियन डॉलर वितरित किए गए, जो 2023 में किए गए समान योगदान से मेल खाते हैं।

शांति स्थापना के लिए भारत ने किया प्रयास
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत ने क्षेत्र में शांति को बढ़ावा देने के लिए व्यापक कूटनीतिक प्रयास किए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जयशंकर ने क्षेत्र और उससे बाहर के नेताओं के साथ संवाद किया है, जिसमें इजरायल और फिलिस्तीनी समकक्षों के साथ उच्च स्तरीय चर्चाएं शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष सितम्बर में न्यूयॉर्क में आयोजित भविष्य के शिखर सम्मेलन के दौरान फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात की थी, तथा युद्ध विराम, बंधकों की रिहाई तथा नए सिरे से कूटनीतिक वार्ता की मांग दोहराई थी।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र, ब्रिक्स, गुट निरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) और वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ सहित अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी अपनी स्थिति की वकालत की है।


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