
पहलगाम हमले के बाद गरमाया सिंधु जल विवाद, पाकिस्तान ने 'वाटर वॉर' दिया करार
Indus Water Treaty suspension: पहलगाम हमले के बाद भारत ने जो कदम उठाए हैं, वे सिर्फ जवाब नहीं, बल्कि कड़ा संदेश हैं कि अब आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
Pahalgam terror attack: पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 28 लोगों की जान जाने के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया. पाकिस्तान ने इस फैसले को "जल युद्ध" करार दिया है. पाकिस्तान के ऊर्जा मंत्री अवैस लेखारी ने एक्स पर लिखा कि भारत का यह फैसला गैरकानूनी है. यह एक जल युद्ध है. इस फैसले के विरोध में इस्लामाबाद में भारत विरोधी प्रदर्शन भी हुए, जिनमें पाकिस्तान मरकज़ी मुस्लिम लीग के कार्यकर्ता शामिल थे.
क्या है सिंधु जल संधि?
यह संधि भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में विश्व बैंक की मदद से हुई थी, जिसमें सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के जल बंटवारे का समझौता हुआ था. यह दोनों देशों के बीच लंबे समय से स्थिर समझौतों में से एक माना जाता था.
भारत की बड़ी घोषणा
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बुधवार को कहा कि भारत सिंधु जल संधि निलंबित करेगा. भारत-पाकिस्तान की एकमात्र ज़मीनी सीमा (अटारी-वाघा बॉर्डर) को बंद किया जाएगा. इस्लामाबाद स्थित भारतीय दूतावास में कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 की जाएगी. भारत ने पाकिस्तान दूतावास के रक्षा सलाहकारों को "अवांछित व्यक्ति" घोषित कर एक सप्ताह में देश छोड़ने का आदेश दिया है.
सर्वदलीय बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार शाम सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक बुलाई है, जिसमें सरकार हमले के बाद उठाए गए कदमों की जानकारी देगी और विपक्ष के सुझाव भी सुने जाएंगे. इस बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे. जबकि गृह मंत्री अमित शाह भी इसमें मौजूद रहेंगे.
प्रधानमंत्री मोदी का सख्त संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि मैं दुनिया को कहना चाहता हूं — भारत हर आतंकवादी और उसके समर्थकों को ढूंढेगा, पहचान करेगा और सज़ा देगा. हम उन्हें धरती के आखिरी कोने तक पीछा करेंगे. मोदी ने कार्यक्रम की शुरुआत में हमले में मारे गए लोगों के लिए दो मिनट का मौन भी रखा. मारे गए सभी लोग भारतीय थे, सिवाय एक नेपाली नागरिक के.
भारत का आरोप
भारत ने पाकिस्तान पर सीधे तौर पर सीमापार आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप लगाया है. सरकार का कहना है कि इस हमले के पीछे सीमा पार के आतंकी संगठनों का हाथ है.