यूएनजीए में भारत ने पाकिस्तान को चेताया; आतंकवाद का करार जवाब मिलेगा
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यूएनजीए में भारत ने पाकिस्तान को चेताया; आतंकवाद का करार जवाब मिलेगा

भारत ने इस बात पर जोर दिया कि धांधली वाले चुनावों के इतिहास वाले देश के लिए राजनीतिक विकल्पों के बारे में बात करना और भी असाधारण है, वह भी एक लोकतंत्र में


India Warns Pakistan At UNGA : संयुक्त राष्ट्र में दिए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शह्बाज़ शरीफ के बयान पर भारत ने न केवल कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज करायी है, बल्कि पकिस्तान को चेतावनी भी दी है. भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट तौर पर चेताया है कि दुनिया भर में आतंकवादी घटनाओं के पीछे कहीं न कहीं पाकिस्तान कनेक्शन है. पाकिस्तान को ये समझना चाहिए कि भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद के लिए उसे निश्चित तौर पर गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र की आम बहस में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाए जाने के जवाब में भारत ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने उत्तर के अधिकार का प्रयोग किया.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव भाविका मंगलनंदन ने भारत के जवाब के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए कहा, "आज सुबह इस सभा ने दुखद रूप से एक हास्यास्पद घटना देखी. सेना द्वारा संचालित एक देश, जिसकी आतंकवाद, मादक पदार्थों के व्यापार और अंतरराष्ट्रीय अपराध के लिए वैश्विक प्रतिष्ठा है, उसने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर हमला करने का दुस्साहस किया है."

'पाखंड की सबसे बुरी पराकाष्ठा'
भाविका मंगलनंदन ने कहा कि जैसा कि दुनिया जानती है, पाकिस्तान लंबे समय से अपने पड़ोसियों के खिलाफ हथियार के रूप में सीमापार आतंकवाद का इस्तेमाल करता रहा है. उन्होंने 2001 में भारतीय संसद पर हुए हमले और पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों द्वारा किए गए 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों का जिक्र करते हुए कहा, "इसने हमारी संसद, हमारी वित्तीय राजधानी मुंबई, बाजारों और तीर्थयात्रा मार्गों पर हमला किया है." मंगलनंदन ने कहा, "सूची लंबी है। ऐसे देश में कहीं भी हिंसा के बारे में बात करना सबसे बड़ा पाखंड है."
अपने संबोधन में शरीफ ने, जैसी कि उम्मीद थी, कश्मीर मुद्दा उठाया और कहा कि "स्थायी शांति सुनिश्चित करने" के लिए, भारत को अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले को वापस लेना चाहिए और मुद्दे के "शांतिपूर्ण" समाधान के लिए बातचीत शुरू करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान के आपसी "रणनीतिक संयम व्यवस्था" के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है.

आतंकी गतिविधियों पर पाकिस्तान के 'अंगुलियों के निशान'
"रणनीतिक संयम के कुछ प्रस्ताव" के इस संदर्भ पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने जोर देकर कहा कि "आतंकवाद के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता. वास्तव में, पाकिस्तान को यह महसूस करना चाहिए कि भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद अनिवार्य रूप से परिणामों को आमंत्रित करेगा."
अंतरराष्ट्रीय समुदाय को याद दिलाते हुए कि पाकिस्तान वही देश है, जिसने लंबे समय तक अलकायदा नेता ओसामा बिन लादेन को पनाह दी थी, मंगलनंदन ने कहा कि पाकिस्तान के "अंगुलियों के निशान दुनिया भर में होने वाली कई आतंकवादी घटनाओं पर अंकित हैं, जिनकी नीतियों के कारण कई समाजों के लोग इसे अपना घर बनाने के लिए आतुर हैं. "शायद यह कोई आश्चर्य की बात नहीं होनी चाहिए कि उसके प्रधानमंत्री इस पवित्र हॉल में ऐसा बोलेंगे. फिर भी हमें यह स्पष्ट करना चाहिए कि उनके शब्द हम सभी के लिए कितने अस्वीकार्य हैं. हम जानते हैं कि पाकिस्तान सच्चाई का मुकाबला झूठ से करने की कोशिश करेगा. बार-बार दोहराने से कुछ नहीं बदलेगा. हमारा रुख स्पष्ट है और इसे दोहराने की जरूरत नहीं है."
भारत ने इस बात पर जोर दिया कि धांधली वाले चुनावों के इतिहास वाले देश के लिए राजनीतिक विकल्पों के बारे में बात करना और भी असाधारण है, वह भी एक लोकतंत्र में. युवा भारतीय राजनयिक ने कहा, "वास्तविक सच्चाई यह है कि पाकिस्तान हमारे क्षेत्र पर लालच करता है, और वास्तव में, जम्मू और कश्मीर में चुनावों को बाधित करने के लिए लगातार आतंकवाद का इस्तेमाल करता रहा है, जो भारत का अविभाज्य और अभिन्न अंग है."

भारत के दावे 'निराधार': पाकिस्तान
भाविका मंगलनंदन ने कहा कि यह हास्यास्पद है कि एक ऐसा देश जिसने 1971 में नरसंहार किया और जो आज भी अपने अल्पसंख्यकों पर लगातार अत्याचार करता है, "असहिष्णुता और भय के बारे में बोलने की हिम्मत करता है. दुनिया खुद देख सकती है कि पाकिस्तान वास्तव में क्या है."
हालाँकि एक पाकिस्तानी राजनयिक ने जवाब देने के अधिकार के तहत मंगलनंदन के दावों को "निराधार और भ्रामक" बताया. पाकिस्तानी राजनयिक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कई प्रस्तावों के माध्यम से स्पष्ट रूप से जम्मू और कश्मीर के लोगों को आत्मनिर्णय के अपने अविभाज्य अधिकार का प्रयोग करने में सक्षम बनाने के लिए एक स्वतंत्र, निष्पक्ष जनमत संग्रह का आह्वान किया है.

पाकिस्तान हर साल अलापता है एक ही राग
हर साल, जैसा कि अपेक्षित है, पाकिस्तान के नेता संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषणों में जम्मू और कश्मीर का उल्लेख करते हैं और भारत अपने युवा राजनयिकों को इस्लामाबाद के तीखे प्रहारों का कड़ा जवाब देने के लिए उतारता है.


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