
दुख की घड़ी में पाकिस्तानी अधिकारी की बेहूदी हरकत, प्रदर्शनकारियों के सामने शर्मनाक इशारा
Indian community protest: पहलगाम में हुए नृशंस हमले के बाद भारत आतंक के खिलाफ सख्त रुख अपना रहा है. वहीं, लंदन में पाक अधिकारी की धमकी भरी हरकत ने यह साबित कर दिया कि पाकिस्तान अब भी आतंक को समर्थन देने से पीछे नहीं हट रहा.
Pahalgam terror attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय समुदाय के लोगों ने शुक्रवार को लंदन स्थित पाकिस्तान हाई कमीशन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान पाकिस्तान के एक सीनियर सैन्य अधिकारी ने प्रदर्शनकारियों की ओर गला काटने की धमकी भरी हरकत की, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.
शर्मनाक हरकत
वीडियो में दिखा कि पाकिस्तान हाई कमीशन में तैनात कर्नल तैमूर रहात, जो कि सेना और वायुसेना के सलाहकार हैं, ने भारतीय प्रदर्शनकारियों की ओर गला काटने का इशारा किया. यह हरकत उस समय हुई, जब लोग शोक में थे और पाकिस्तान के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे. प्रदर्शन में 500 से ज्यादा ब्रिटिश हिंदू और भारतीय मूल के लोग शामिल हुए. उन्होंने भारतीय झंडे और पोस्टर लेकर आतंकवाद के खिलाफ नारे लगाए और पाकिस्तान को आतंकी संगठनों को समर्थन देने के लिए जिम्मेदार ठहराया.
दुख की घड़ी में बजाया म्यूजिक
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पाकिस्तान हाई कमीशन ने तेज संगीत बजाकर और आपत्तिजनक टिप्पणियां करके लोगों की भावनाओं का अपमान किया. आयोजकों ने इसे राष्ट्रीय शोक की घड़ी में असंवेदनशील और अपमानजनक रवैया करार दिया. प्रदर्शन में मौजूद एक भारतीय मूल के व्यक्ति ने कहा कि हम पाकिस्तान की आतंक फैक्ट्री के खिलाफ खड़े हुए हैं. पहलगाम में हमारे 26 लोगों की जान गई, अब हमें जवाब चाहिए. एक यहूदी भारतीय समर्थक ने कहा कि भारत और इस्राइल का दुश्मन एक ही है — कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद. जो भारत में हुआ, वही 2023 में इस्राइल में भी हुआ था. हम हमेशा भारत के साथ हैं.
उकसावे की कार्रवाई
प्रदर्शन के आयोजकों ने कहा कि पाकिस्तानी अधिकारी की हरकत कूटनीतिक मर्यादा और मानवता दोनों का उल्लंघन है. अगर पाकिस्तान आतंकवाद की निंदा नहीं करता तो वह खुद उसमें शामिल माना जाएगा. भारतीय समुदाय ने ब्रिटेन सरकार से तीन प्रमुख मांगे रखीं. इनमें पाकिस्तानी हाई कमिश्नर को तलब कर जवाब मांगना, पाकिस्तान को सार्वजनिक रूप से आतंक की निंदा करना और आतंकियों और उनके मददगारों पर दबाव बनाकर कार्रवाई करना शामिल है.