
ईरान से निकाले गए 110 भारतीय छात्र, आर्मेनिया के रास्ते लौटेंगे भारत
ईरान में करीब 4,000 भारतीय नागरिकों के होने का अनुमान है, जिनमें लगभग आधे छात्र हैं। इनमें जम्मू-कश्मीर के छात्र अनुपात से कहीं ज्यादा हैं।
ईरान में बढ़ते तनाव के बीच तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ने 110 भारतीय छात्रों को वहां से निकाल लिया है। इनमें ज्यादातर जम्मू-कश्मीर से हैं जिन्हें सुरक्षित रूप से आर्मेनिया भेज दिया गया है। इससे उन परिवारों को राहत मिली है, जो अब अपने बच्चों की भारत वापसी का इंतज़ार कर रहे हैं।
निकाले गए 110 छात्रों में से 90 छात्र जम्मू-कश्मीर के हैं और उनके एक-दो दिन में भारत लौटने की संभावना है। इन छात्रों की यात्रा से जुड़े सभी खर्च भारतीय दूतावास ने वहन किए। इस बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने तेहरान में मौजूद अन्य भारतीयों को स्थिति की गंभीरता को देखते हुए शहर छोड़ने की सलाह दी है।
ईरान में करीब 4,000 भारतीय नागरिकों के होने का अनुमान है, जिनमें से लगभग आधे छात्र हैं। इनमें से बड़ी संख्या जम्मू-कश्मीर के छात्रों की है। एक प्रमुख छात्र संगठन के अनुसार, लगभग 1,300 छात्र वहां विभिन्न मेडिकल, इंजीनियरिंग और अन्य कॉलेजों में पढ़ रहे हैं।
जो छात्र निकाले गए हैं वे सभी ईरान के पश्चिम अज़रबैजान क्षेत्र के उर्मिया यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज़ से हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में निकाले गए छात्रों के हवाले से बताया गया है कि वे आर्मेनिया की राजधानी येरेवान में सुरक्षित हैं और यात्रा के दौरान किसी तरह की कोई समस्या नहीं हुई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन छात्रों ने सोमवार दोपहर को विश्वविद्यालय से निकलना शुरू किया और शाम 6 बजे के आसपास सीमा पर पहुंचे। जरूरी औपचारिकताओं के कारण सीमा पार करने में थोड़ा समय लगा। रात भर यात्रा करने के बाद कल (मंगलवार) दिन में राजधानी पहुंचे।
हालांकि जो छात्र निकाले गए हैं, उनका विश्वविद्यालय आर्मेनिया की सीमा से बहुत दूर नहीं है। लेकिन तेहरान और अन्य जगहों पर रहने वाले छात्र डरे हुए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, करीब 600 अन्य छात्र, जिनमें अधिकतर कश्मीर से हैं, वे सोमवार को तेहरान से रवाना होकर शाम को ईरान के क़ोम शहर पहुंचे। यहां वे तीन दिनों तक होटल में ठहरेंगे।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारतीय दूतावास समुदाय के संपर्क में है और हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है। हालांकि, बयान में यह नहीं बताया गया कि कितने छात्रों को तेहरान से बाहर निकाला गया है। मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों की वापसी के लिए एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने इससे पहले जम्मू-कश्मीर के लोगों की सुरक्षित निकासी के लिए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की थी।
उमर अब्दुल्ला ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी छात्रों की वापसी के लिए बात की है।