H-1B पर काम कर रहे भारतीयों को राहत: अमेरिका ने दी वापसी की अफवाहों पर सफाई
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H-1B पर काम कर रहे भारतीयों को राहत: अमेरिका ने दी वापसी की अफवाहों पर सफाई

Indian tech professionals: यह बयान ऐसे समय आया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है.


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H-1B visa: अमेरिका में H-1B वीजा को लेकर अफरा-तफरी के बीच एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने शनिवार (21 सितंबर) को कहा कि भारतीय H-1B वीजाधारकों को रविवार तक अमेरिका लौटने की कोई जरूरत नहीं है और न ही उन्हें फिर से प्रवेश पाने के लिए $100,000 (लगभग ₹83 लाख) का भुगतान करना होगा.

ट्रंप प्रशासन की घोषणा से मचा था हड़कंप

यह बयान ऐसे समय आया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. ट्रंप प्रशासन ने घोषणा की है कि अब अमेरिकी कंपनियों को हर विदेशी H-1B कर्मचारी पर $100,000 का वार्षिक शुल्क देना होगा. इस फैसले से सबसे ज्यादा भारतीय पेशेवर प्रभावित होंगे. क्योंकि H-1B वीजाधारकों में 71% भारतीय हैं.

केवल नए वीजा आवेदन पर लागू होगा शुल्क

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि यह भारी शुल्क केवल नई वीजा याचिकाओं पर लागू होगा, नवीनीकरण (renewal) पर नहीं. यानी जो पहले से H-1B पर कार्यरत हैं और उनका वीजा रिन्यू होना है, उन्हें यह शुल्क नहीं देना होगा.

कंपनियों की चेतावनी से मचा था डर

इस घोषणा के बाद भारत में काम कर रहे कई टेक प्रोफेशनल्स और विदेश गए वीजाधारकों में हड़कंप मच गया. माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन, मेटा और जेपी मॉर्गन जैसी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को 21 सितंबर, रात 12:01 (EDT) से पहले अमेरिका लौटने की सख्त सलाह दी थी. माइक्रोसॉफ्ट ने अपनी आंतरिक ईमेल में कहा था कि वह H-1B और H-4 वीजाधारकों को अमेरिका लौटने की "कड़ी सिफारिश"** करता है. अन्य बड़ी कंपनियों ने भी इसी तरह की चेतावनियां जारी की थीं.

ट्रंप के प्रोक्लेमेशन ने खींचा ध्यान

'Restriction on Entry of Certain Nonimmigrant Workers' नामक प्रोक्लेमेशन पर हस्ताक्षर करते हुए ट्रंप ने कहा कि H-1B कार्यक्रम को मूल रूप से "अतिरिक्त, उच्च-कुशल अस्थायी कर्मचारियों" के लिए डिज़ाइन किया गया था. लेकिन इसे अमेरिकी कर्मचारियों को कम वेतन और कम कौशल वाले विदेशी श्रमिकों से बदलने के लिए "जानबूझकर दुरुपयोग" किया गया.

हवाई अड्डों पर अफरा-तफरी

इस खबर के फैलते ही भारतीय टेक प्रोफेशनल्स में घबराहट फैल गई. सैन फ्रांसिस्को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (SFO) पर कई भारतीय यात्रियों ने अमेरिका लौटने के डर से उड़ान भरने से पहले ही विमान से उतरने की गुहार लगाई. सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में दावा किया गया कि एक एमिरेट्स फ्लाइट से दर्जनों यात्री उतर गए.

एक सोशल मीडिया यूजर्स ने लिखा कि बेसिन क्षेत्र (Bay Area) से दुर्गा पूजा के लिए भारत लौट रही फ्लाइट में भारतीयों ने बोर्डिंग पूरी कर ली थी, तभी H-1B वीजा के नए नियमों की खबर आई. विमान में सवार यात्रियों में घबराहट फैल गई और उन्होंने नीचे उतरने की गुहार लगाई.

पहले कितना था H-1B शुल्क?

अब तक H-1B वीजा शुल्क लगभग $215 + $750 (कंपनी के आकार और भूमिका पर निर्भर) होता था. कुछ मामलों में यह शुल्क $5,000 से अधिक भी हो सकता था. लेकिन अब $100,000 का नया शुल्क इसे भारी महंगा बना देगा — खासकर नई नियुक्तियों के लिए.

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