
"वे पर्यटकों को भी नहीं बख्श रहे": नेपाल में हिंसक प्रदर्शन के बीच भारतीय नागरिक फंसे, मदद की गुहार
कर्नाटक, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल से गए सैकड़ों पर्यटक भी काठमांडू में फंसे हैं। फ्लाइट सेवाएं रद्द होने से वे होटल में रुके हुए हैं।
नेपाल में जारी हिंसक प्रदर्शनों के बीच फंसे भारतीय नागरिकों ने सुरक्षा और तत्काल मदद की अपील की है। पर्यटकों ने बताया कि काठमांडू और पोखरा में होटलों पर हमले हुए, सड़कों पर आगजनी हुई और हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।
उपासना गिल की अपील
भारत की प्रेजेंटर और कॉर्पोरेट स्पीकर उपासना गिल पोखरा में फंस गई हैं। वे वॉलीबॉल लीग होस्ट करने गई थीं, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उनके होटल पर हमला कर आग लगा दी। गिल ने बताया कि उस वक्त वे होटल के स्पा में थीं और लकड़ी के डंडों से लैस प्रदर्शनकारियों ने उनका पीछा किया। वे किसी तरह अपनी जान बचाकर भाग निकलीं, लेकिन उनका सारा सामान और लगेज होटल में ही जल गया।
एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा, “मेरा नाम उपासना गिल है, मैं भारतीय दूतावास से मदद की अपील कर रही हूं। हम पोखरा में फंसे हैं। कृपया हमें बचाइए। यहाँ आगजनी हर जगह हो रही है। प्रदर्शनकारी पर्यटकों को भी नहीं बख्श रहे। फर्क नहीं पड़ता आप यहाँ घूमने आए हैं या काम के लिए। कृपया इस वीडियो को शेयर करें ताकि यह दूतावास तक पहुँचे।”
भारतीय पर्यटक फंसे काठमांडू में
कर्नाटक, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल से गए सैकड़ों पर्यटक भी काठमांडू में फंसे हैं। फ्लाइट सेवाएं रद्द होने से वे होटल में रुके हुए हैं।
चेन्नई की निवासी और बेंगलुरु में काम करने वाली गौरी के. अपनी बहन के साथ कैलाश-मानसरोवर यात्रा पर गई थीं। उन्होंने बताया कि उनके होटल में 150 से अधिक भारतीय पर्यटक फंसे हुए हैं।
“मंगलवार को फ्लाइट थी लेकिन दंगे के कारण सभी एयरलाइंस ने सेवाएं रद्द कर दीं। होटल ने हमारी बुकिंग सिर्फ मंगलवार तक की थी, अब हम आगे नहीं निकल पा रहे। काठमांडू में कल अराजकता का माहौल था, इमारतों से धुआँ उठ रहा था और गोलीबारी भी सुनाई दी। आज हालात थोड़े शांत हैं, लेकिन हथियारबंद छात्र अब भी सड़कों पर घूम रहे हैं।”
ममता बनर्जी ने दिया भरोसा
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार नेपाल में फंसे बंगाल के पर्यटकों को सुरक्षित वापस लाने के प्रयास कर रही है।
उन्होंने जलपाईगुड़ी में कहा, “मैं नेपाल में फंसे पर्यटकों से अपील करूंगी कि वे घबराएँ नहीं। हम 2–3 दिन में उन्हें वापस ले आएँगे।”
आंदोलन और नेपाल की राजनीतिक संकट
सोशल मीडिया बैन के खिलाफ छात्रों द्वारा शुरू किया गया आंदोलन अब भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के खिलाफ देशव्यापी विरोध में बदल चुका है।
मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय पर धावा बोला, जिसके बाद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
ओली ने पत्र में लिखाम “देश की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए मैं तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूँ ताकि समाधान संविधान के अनुसार खोजा जा सके।”
सेना की पाबंदियाँ
हालात संभालने के लिए नेपाली सेना ने सुबह से शाम 5 बजे तक आवाजाही पर रोक और तक कर्फ्यू लगा दिया है। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि इस दौरान किसी भी तरह का प्रदर्शन, तोड़फोड़, आगजनी या हिंसा आपराधिक अपराध माना जाएगा।