
ईरान ने ट्रंप से की सीजफायर की अपील, नेतन्याहू बोले- 'जीत की राह' पर इजरायल
Middle East crisis: यह संघर्ष न केवल इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाता है, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता पर भी गंभीर प्रभाव डाल सकता है.
Iran-Israel War: ईरान के खिलाफ इजरायल की अचानक शुरू हुई वायुसेना की कार्रवाई और उसके जवाब में तेहरान से दागी गई मिसाइलों ने मिडिल ईस्ट को जंग के कगार पर पहुंचा दिया है. चार दिन से चल रही इस खतरनाक लड़ाई में अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. इसी बीच ईरान ने अमेरिका से गुहार लगाई है कि वह इज़राइल को रोके. वहीं, इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू कह रहे हैं कि हम जीत की राह पर हैं.
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराकची ने एक्स पर लिखा कि अगर राष्ट्रपति ट्रंप कूटनीति के प्रति गंभीर हैं और इस युद्ध को रोकने में रुचि रखते हैं तो अगले कदम महत्वपूर्ण होंगे. उन्होंने कहा कि इजरायल को अपनी आक्रामकता रोकनी चाहिए और अगर हमारे खिलाफ सैन्य अभियान पूरी तरह से बंद नहीं होती है तो हमारी प्रतिक्रियाएं जारी रहेंगी. वाशिंगटन से एक फोन कॉल नेतन्याहू जैसे व्यक्ति को चुप करा सकता है. इससे कूटनीति की ओर लौटने का मार्ग प्रशस्त हो सकता है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तेहरान ने कतर, सऊदी अरब और ओमान से ट्रंप पर इजरायल को युद्धविराम के लिए दबाव डालने का आग्रह किया है. इसके बदले ईरान ने परमाणु वार्ता में लचीलापन दिखाने की पेशकश की है.
इजराइल का दावा
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक एयरबेस पर सैनिकों से कहा कि इजरायल अपने दो मुख्य लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में है. पहला ईरान के परमाणु कार्यक्रम को समाप्त करना और दूसरा उसके मिसाइलों को नष्ट करना. उन्होंने कहा कि "हम विजय की राह पर हैं. हम तेहरान के नागरिकों से कह रहे हैं: 'निकलिए'और हम कार्रवाई कर रहे हैं."
ईरान की प्रतिक्रिया
ईरान ने शुक्रवार को इजरायल के शीर्ष सैन्य कमांडरों और परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाकर एक आश्चर्यजनक हवाई हमला किया था. इसके बाद ईरान ने इजरायल की वायु रक्षा प्रणालियों को भेदते हुए मिसाइल हमले किए, जिससे इजरायल में नागरिकों की मौतें हुईं. ईरान ने दावा किया कि 224 से अधिक ईरानी नागरिक मारे गए हैं, जिनमें अधिकांश नागरिक हैं. तेहरान में राष्ट्रपति भवनों की छतें ढह गईं, कारें जल गईं और सड़कों पर मलबा बिखरा हुआ था. कई निवासी राजधानी छोड़ने की कोशिश कर रहे थे.
इजरायल में भी नागरिकों की मौतें
इजराइल में ईरान के मिसाइल हमलों में अब तक 24 नागरिकों की मौत हो चुकी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि यह डरावना है. क्योंकि यह इतना अनजान है. यह एक लंबी अवधि की शुरुआत हो सकती है या यह और खराब हो सकता है या उम्मीद है कि बेहतर हो. लेकिन यह अनजान है, जो सबसे डरावना है.
अमेरिका की भूमिका
राष्ट्रपति ट्रंप ने लगातार कहा है कि इजरायल का हमला जल्दी समाप्त हो सकता है अगर ईरान अमेरिकी मांगों को स्वीकार करता है और अपने परमाणु कार्यक्रम पर सख्त प्रतिबंध स्वीकार करता है. ओमान में अमेरिका और ईरान के बीच वार्ता रविवार के लिए निर्धारित थी. लेकिन इसे रद्द कर दिया गया. क्योंकि तेहरान ने कहा कि हमले के दौरान वार्ता नहीं की जा सकती.
तेहरान पर दबाव बढ़ा
सोमवार की सुबह ईरान ने तेल अवीव और हैफा पर मिसाइल हमले किए, जिससे कम से कम आठ लोग मारे गए और घर नष्ट हो गए. इजराइल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने कहा कि तेहरान के अहंकारी तानाशाह ने इजरायल के नागरिकों को निशाना बनाकर हत्यारा बन गया है. उन्होंने चेतावनी दी कि तेहरान के निवासी कीमत चुकाएंगे और जल्द ही.
वैश्विक तेल आपूर्ति पर असर
गुरुवार को संघर्ष के कारण खाड़ी से आपूर्ति बाधित होने की आशंका के कारण वैश्विक तेल कीमतों में वृद्धि हुई थी. सोमवार को कीमतों में कुछ गिरावट आई, यह संकेत देते हुए कि व्यापारी मानते हैं कि इजरायल के हमलों के बावजूद निर्यात प्रभावित नहीं होंगे.
ईरान की मुद्रा में गिरावट
ईरान की मुद्रा ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 10% से अधिक की गिरावट देखी है, जो संघर्ष की शुरुआत से अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है.
नागरिकों की स्थिति
तेहरान के लोगों का कहना है कि हर रात हमले होते हैं. कोई एयर राडार सायरन नहीं है और कोई शरण स्थल नहीं है. हम इस्लामिक गणराज्य की शत्रुतापूर्ण नीतियों की कीमत क्यों चुका रहे हैं?