मिडिल ईस्ट संकट पर PM मोदी की नेतन्याहू से बात, कहा-‘आतंक के लिए हमारी दुनिया में नहीं कोई जगह’
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मिडिल ईस्ट संकट पर PM मोदी की नेतन्याहू से बात, कहा-‘आतंक के लिए हमारी दुनिया में नहीं कोई जगह’

इज़राइल लगातार लेबनान पर एयर स्ट्राइक कर रहा है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजरायली समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू से मिडिल ईस्ट संघर्ष पर बात की.


Middle East Crisis: इज़राइल लगातार लेबनान पर एयर स्ट्राइक कर रहा है. इसमें लेबनानी आतंकी ग्रुप हिज़्बुल्लाह के सात शीर्ष अधिकारियों मारे जा चुके हैं. इसके बावजूद इजरायल के हमले लगातार जारी हैं. इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को इजरायली समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू से मिडिल ईस्ट संघर्ष पर बात की.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद की हमारी दुनिया में कोई जगह नहीं है. क्षेत्रीय तनाव को रोकना और सभी बंधकों की सुरक्षित रिहाई महत्वपूर्ण है. भारत शांति और स्थिरता की बहाली की कोशिशों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है.

बता दें कि वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, इज़राइल लेबनान में एक सीमित जमीनी अभियान की योजना बना रहा है और उसने संयुक्त राज्य अमेरिका को सूचित कर दिया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने उत्तरी सीमा पर 188 आर्मर्ड ब्रिगेड और गोलानी इन्फैंट्री ब्रिगेड के सैनिकों से कहा कि नसरुल्लाह का खात्मा एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है. लेकिन यह सब कुछ नहीं है. हम अपनी पूरी क्षमताओं कार इस्तेमाल करेंगे.

इससे पहले दिन में नेतन्याहू ने ईरान पर निशाना साधते हुए कहा कि मिडिल-ईस्ट में इजरायल की पहुंच से परे कोई जगह नहीं है. ईरान और इजरायल में शांति तब होगी, जब ईरान "आखिरकार आजाद" हो जाएगा, जिसके बारे में नेतन्याहू ने कहा कि "यह लोगों की सोच से बहुत पहले होगा". मध्य पूर्व में ऐसा कोई स्थान नहीं है, जहां इजरायल नहीं पहुंच सकता है. ऐसा कोई स्थान नहीं है, जहां हम अपने लोगों और अपने देश की रक्षा के लिए नहीं जाएंगे.

इजरायली हमले के लिए तैयार

वहीं, हिजबुल्लाह हिजबुल्लाह के उप नेता नईम कासिम ने कहा है कि ग्रुप के लड़ाके इजरायल द्वारा किसी भी जमीनी आक्रमण के लिए तैयार हैं. हम किसी भी आशंका का सामना करेंगे और अगर इजरायली जमीन से प्रवेश करने का फैसला करते हैं तो जमीनी लड़ाई के लिए तैयार हैं. बता दें कि हसन नसरल्लाह की हत्या, संगठन के संचार उपकरणों पर हमलों की श्रृंखला और अन्य वरिष्ठ कमांडरों की हत्या हिजबुल्लाह के लिए सबसे बड़ा झटका है, जब से ईरान ने 1982 में इजरायल से लड़ने के लिए इसे बनाया था.

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