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इजरायल ने ईरान पर किया हवाई हमला, सैन्य ठिकानों को बनाया निशाना
इजरायल ने शनिवार तड़के ईरान के सैन्य ठिकानों समेत राजधानी तेहरान और पास के इलाकों में हवाई हमला किया. इजरायल की सेना ने इस हमले की पुष्टि भी कर दी है.
Israel airstrikes: इजरायल ने शनिवार तड़के ईरान के सैन्य ठिकानों समेत राजधानी तेहरान और पास के इलाकों में हवाई हमला किया. इजरायल की सेना ने इस हमले की पुष्टि भी कर दी है. इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) की ओर से जारी बयान के अनुसार, ईरान की तरफ से किए जा रहे हमलों के जवाब में यह कार्रवाई की गई है. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इजरायल ने तेहरान के पास कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है. ऐसे में अब यह आशंका जताई जा रही है कि मिडिल ईस्ट में इजरायल और ईरान जैसे दो सबसे शक्तिशाली देशों के बीच जंग की शुरुआत हो सकती है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बता दें कि तेहरान के निवासियों ने शहर और राजधानी के आसपास कई विस्फोटों की आवाज़ सुनने की सूचना दी और ईरानी मीडिया ने कहा कि विस्फोट इमाम खुमैनी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के आसपास थे. तेहरान में लगभग 10 सेकंड के अंदर पांच बड़े विस्फोट सुने गए. इसके बाद ईरानी वायु सेना के जेट विमानों ने देश के पश्चिमी हिस्से में उड़ान भरी थी. वहीं, संयुक्त राज्य अमेरिका ने पुष्टि की कि इज़राइल ने हमला किया था. हालांकि, उसने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की और इज़राइल सरकार से सवाल पूछे.
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता सीन सेवेट ने कहा कि हम समझते हैं कि इज़राइल आत्मरक्षा के रूप में ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल हमले के जवाब में ईरान में सैन्य ठिकानों पर टारगेट हमले कर रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि इज़राइल ने हमलों से पहले बाइडेन प्रशासन के अधिकारियों को सचेत कर दिया था. व्हाइट हाउस और पेंटागन के अधिकारियों ने हाल के दिनों में इज़राइल के साथ ईरान के खिलाफ़ किस तरह के और किस तरह के लक्ष्य बनाए जाएंगे, इस बारे में बारीकी से परामर्श किया है. हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों ने इस बात पर नाराज़गी जताई कि इज़राइल ने हिज़्बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह के मारे जाने से पहले वाशिंगटन को पहले जानकारी नहीं दी थी.
बता दें कि इजरायल ने ईरान पर यह हवाई हमला शनिवार सुबह किया. 1 अक्टूबर को ईरान द्वारा इजरायल पर दागी गई बैलिस्टिक मिसाइलों का यह एक तरह से जवाब था. इसकी वजह से लाखों इजरायलियों को बम आश्रयों में शरण लेनी पड़ी थी. हालांकि, इससे बहुत कम नुकसान हुआ था.
वहीं, ईरान ने कहा कि उसने इजरायल पर मिसाइलें इसलिए दागी. क्योंकि इजरायल ने हिजबुल्लाह के लंबे समय से नेता हसन नसरल्लाह और उस समय उनके साथ मौजूद ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स कमांडर की हत्या कर दी थी और हमास नेता इस्माइल हनीयाह की हत्या तेहरान में की गई थी, जो वहां के शासन के लिए विशेष रूप से शर्मनाक थी.
इजराइल और ईरान के बीच हाल ही में हुए हमलों ने दोनों देशों की प्रत्यक्ष सैन्य झड़पों से बचने की लंबे समय से चली आ रही प्रथा को तोड़ दिया है. वर्षों से, इजरायल और ईरान एक दूसरे के खिलाफ गुप्त अभियानों और ईरान द्वारा समर्थित हमास और हिजबुल्लाह जैसे सशस्त्र समूहों से जुड़े प्रॉक्सी वॉर में एक दूसरे से लड़ते रहे हैं. लेकिन इस साल दोनों देशों के बीच संघर्ष खुलकर सामने आ गया है.