तकनीक को पहले भी हथियार बना चुका है इजरायल, 52 साल पहले की वो खास घटना
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तकनीक को पहले भी हथियार बना चुका है इजरायल, 52 साल पहले की वो खास घटना

इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद के बारे में सामान्य धारणा है कि वो किसी भी ऑपरेशन फुलप्रूफ तरीके से अंजाम देते हैं।


Lebanon Explosion News: पेजर, गुजरे जमाने की बात हो चुकी थी। लोग भूल भी चुके थे। लेकिन लेबनान में 5 हजार पेजर में जब एक साथ विस्फोट हुए तो हर कोई सन्न था। क्या पेजर को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता। सामान्य समझ तो यही थी कि इसके जरिए संदेश भेजने का काम होता था। लेकिन पेजर अपने नए अवतार में आया। लेबनान के पेजर सीरियल ब्लास्ट के पीछे कौन जिम्मेदार है अभी रहस्य के आवरण में है। हिजबुल्ला (लेबनान का आतंकी संगठन) इसके लिए इजरायल को जिम्मेदार बता रहा है हालांकि इजरायल की तरफ से जवाब ना तो हां ना तो ना में है। लेबनान में हालात ऐसे बन चुके हैं कि लोग दूसरे इलेक्ट्रानिक डिवाइस से बचने की कोशिश कर रहे। इन सबके बीच यहां पर हम बताएंगे कि इजरायल पहले भी तकनीक को हथियार बना अपने दुश्मन को मार चुका है।

1972 में हमाशीरी को मारा
आप को 1972 की वो घटना याद होगी जब म्यूनिख ओलंपिक में इजरायल के 11 एथलीट मार गए। आरोप पीएलओ यानी फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन पर लगा था। इजरायल के बारे में कहा जाता है कि अगर उन्हें किसी शख्स या संगठन पर थोड़ा भी शक हो तो उसे ठिकाने लगाने का काम करते हैं। एथलीटों के मारे जाने के बाद ऑपरेशन रैथ ऑफ गॉड लांच किया। उसी वर्ष मोसाद के एजेंट पेरिस में रह रहे पीएलओ नेता हमाशीरी के घर में घुसे। उनके फोन में बम प्लांट किया और जब वो कॉल पर आए को रिमोट के जरिए विस्फोट कराया और एथलीटों की मौत का बदला लिया।

1996 में याह्या अयांश को बनाया निशाना
1996 में इजरायल की सेक्यूरिटी एजेंसी शिन बेट ने हमास के लिए बम बनाने में मदद करने वाले याह्या अयांश(इसे इंजीनियर कहा जाता था) के फ्लिप वाले फोन में बम प्लांट कर मार डाला। इसके लिए ट्रिक का इस्तेमाल कर याह्या अयांश को फोन लेने के लिए राजी किया गया। जब वो कॉल पर था तो इजरायली एयरफोर्स ने उस सिग्नल को शिन बेट दफ्तर भेजा। एजेंट ने आवाज की पहचान की और तुरंत ही रिमोट के जरिए विस्फोट करा उसे मार डाला गया।

समीह मलाबी की हत्या

फिलिस्तीनी समूह फतह के लिए समीह मलाबी काम करता था। ज्यादातर लोग उसे एक्टिविस्ट मानते थे। लेकिन इजरायल की नजरों में वो आतंकी था। साल 2000 में जब वो अपने सेल फोन को कान के करीब ले गया उसी वक्त धमाका कर मार डाला। इजरायल ने हालांकि मलाबी की हत्या में हाथ होने से इनकार किया था। लेकिन जिस तरीके से याह्या अयांश की हत्या हुई ठीक वैसे ही मलाबी को भी मारा गया था।

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