हिज्बुल्लाह के साथ युद्ध विराम, सीजफायर के लिए इजरायल ने बताई तीन बड़ी वजह...
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हिज्बुल्लाह के साथ युद्ध विराम, सीजफायर के लिए इजरायल ने बताई तीन बड़ी वजह...

इजरायल की सुरक्षा कैबिनेट ने ईरान समर्थित हिज्बुल्लाह के साथ युद्ध विराम समझौते को मंजूरी दे दी है.


Israel Lebanon ceasefire: इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच लेबनान में चल रही जंग अब थमने जा रही है. इजरायल की सुरक्षा कैबिनेट ने ईरान समर्थित हिज्बुल्लाह के साथ युद्ध विराम समझौते को मंजूरी दे दी है. ऐसे में अब लेबनान में जंग समाप्त होने का रास्ता खुल गया है. यह समझौता 27 नवंबर की मध्यरात्रि (इजराइल समय) से लागू होगा. इस समझौते को लेकर इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि हम समझौते को लागू करेंगे और किसी भी उल्लंघन का जोरदार तरीके से जवाब देंगे.

इज़राइल ने लेबनान के साथ युद्ध विराम पर सहमति जताई है. इज़राइल सरकार के तहत देश की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था ने युद्ध विराम पर सहमति व्यक्त की है. इसके लेकर इजरायली पीएम नेतन्याहू ने कहा कि हम हमास को खत्म करने का काम पूरा करेंगे. हम अपने सभी बंधकों को वापस लाएंगे. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि गाजा अब इज़राइल के लिए खतरा न बने और हम उत्तर के निवासियों को सुरक्षित वापस घर लौटाएंगे. युद्ध तब तक समाप्त नहीं होगा, जब तक हम इसके सभी लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर लेते, जिसमें उत्तर के निवासियों की सुरक्षित घर वापसी भी शामिल है. मैं आपको बताता हूं, यह होगा, ठीक वैसे ही जैसे दक्षिण में हुआ था.

इसके बाद इजरायली पीएम ने 3 कारण बताए कि क्यों इजरायल युद्ध विराम के लिए सहमत हुआ. इसमें पहला कारण ईरानी खतरे पर ध्यान केंद्रित करना है. दूसरा कारण हमारे सुरक्षा बलों को राहत देना और स्टॉक को फिर से भरना है. क्योंकि हमें उन्नत हथियारों की आपूर्ति मिलेगी, जो हमारे सैनिकों को सुरक्षित रखेगी और हमें अपना मिशन पूरा करने के लिए अधिक स्ट्राइक फोर्स देगी. वहीं, युद्ध विराम का तीसरा कारण मोर्चों को अलग करना और हमास को अलग-थलग करना है.

उन्होंने कहा कि हिजबुल्लाह के जंग से बाहर होने के बाद अब हमास अपने दम पर रह गया है. हम हमास पर अपना दबाव बढ़ाएंगे और इससे हमें अपने बंधकों को रिहा करने के हमारे पवित्र मिशन में मदद मिलेगी. इजरायल और लेबनान स्थित ईरान समर्थित आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह पिछले कई महीनों से युद्ध में है. हिजबुल्लाह ने एक साल से ज़्यादा समय से रॉकेट और प्रोजेक्टाइल से इजरायल पर हमला करना शुरू कर दिया था, जिसके बाद तेल अवीव से जवाबी कार्रवाई की गई. हिजबुल्लाह हमास का समर्थन कर रहा है, जो ईरान समर्थित एक और आतंकवादी समूह है, जिसे वह अपना सहयोगी मानता है.

बता दें कि इजराइल और हमास अक्टूबर 2023 से युद्ध में हैं. जब आतंकवादियों ने इज़राइल-गाजा सीमा का उल्लंघन किया और एक म्यूजिक प्रोग्राम में इज़राइली लोगों को बंधक बना लिया. हमास गाजा में स्थित है, जहां इज़राइल द्वारा आतंकवादी हमले का जवाब देने के बाद युद्ध शुरू हुआ था.

हालांकि, प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने चेतावनी दी है कि अगर हिज़्बुल्लाह समझौते को तोड़ता है तो इज़राइल भी इसका सम्मान नहीं करेगा और पूरी ताकत से जवाबी हमला करेगा. शांति समझौता संयुक्त राज्य अमेरिका और फ्रांस के हस्तक्षेप से संभव हो पाया है और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन द्वारा जल्द ही आधिकारिक घोषणा किए जाने की उम्मीद है.

इजराइल-लेबनान युद्ध विराम के मुख्य बिंदु

- लेबनान के क्षेत्रों में हिज़्बुल्लाह और अन्य सभी सशस्त्र आतंकवादी समूह इज़राइल के खिलाफ कोई आक्रामक अभियान नहीं चलाएंगे.

- इज़राइल लेबनान में लक्ष्यों (भूमि, वायु या समुद्र) के खिलाफ कोई आक्रामक सैन्य अभियान नहीं चलाएगा.

- इज़राइल और लेबनान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 के महत्व को स्वीकार करेंगे.

- ये प्रतिबद्धताए इज़राइल या लेबनान के आत्मरक्षा के अपने प्राकृतिक अधिकार का प्रयोग करने के अधिकार को नकारती नहीं हैं.

- आधिकारिक लेबनानी सुरक्षा बल और सेना ही एकमात्र सशस्त्र समूह होंगे, जिन्हें दक्षिणी लेबनान में हथियार ले जाने या सेना संचालित करने की अनुमति होगी.

- लेबनान में हथियारों या संबंधित सामग्रियों की कोई भी बिक्री, आपूर्ति या उत्पादन लेबनानी सरकार की निगरानी और नियंत्रण के अधीन होगा.

- हथियारों या संबंधित सामग्रियों के उत्पादन में शामिल सभी अनधिकृत सुविधाओं को नष्ट कर दिया जाएगा.

- इन प्रतिबद्धताओं के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने में निगरानी और सहायता करने के लिए दोनों पक्षों द्वारा एक समिति बनाई जाएगी.

- इज़राइल और लेबनान इन प्रतिबद्धताओं के किसी भी संभावित उल्लंघन की रिपोर्ट समिति और यूनिफ़िल को देंगे.

- इजराइल 60 दिनों में ब्लू लाइन के दक्षिण से धीरे-धीरे वापस आ जाएगा. संयुक्त राज्य अमेरिका मान्यता प्राप्त भूमि सीमाओं पर एक समझौते तक पहुंचने के लिए इज़राइल और लेबनान के बीच अप्रत्यक्ष वार्ता की सुविधा प्रदान करेगा.

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