
ईरान-इज़राइल संघर्ष का वैश्विक असर: तेल, गैस और सोने की कीमतों में तेज़ उछाल
मिडिल ईस्ट से दुनिया का 30% से ज्यादा तेल और गैस निकलता है। इसके अलावा यहां जलडमरूमध्य भी है, जो दुनिया की 20% तेल और गैस की सप्लाई का रास्ता है
13 जून को ईरान और इज़राइल के बीच शुरू हुआ सैन्य संघर्ष अब वैश्विक बाज़ारों को प्रभावित कर रहा है। केवल दो दिनों में ही कच्चे तेल की कीमतों में लगभग 12% की बढ़त दर्ज की गई है। इसके साथ ही सोने और प्राकृतिक गैस के दामों में भी उल्लेखनीय उछाल देखने को मिला है।
कच्चा तेल: दो दिन में 12.6% महंगा
दुनिया में कच्चे तेल की कीमतों के लिए कई बेंचमार्क होते हैं, जिनमें अमेरिका का वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) सबसे प्रमुख माना जाता है। 13 जून को ईरान-इज़राइल संघर्ष शुरू होते ही WTI क्रूड की कीमत 8.2% बढ़कर 73.61 डॉलर प्रति बैरल (करीब ₹6,337) हो गई। 14 जून को यह और उछलकर 12.6% बढ़कर 76.61 डॉलर प्रति बैरल हो गई। एक बैरल में लगभग 159 लीटर होता है।
इसी तरह, ब्रिटेन के ब्रेंट नॉर्थ सी क्रूड ऑयल की कीमत 14 जून को 12.2% बढ़कर 77.77 डॉलर प्रति बैरल (करीब ₹6,707) पहुंच गई।
भारत में MCX (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) पर कच्चा तेल कारोबार का मानक है। 12 जून को कीमत ₹5,798 प्रति बैरल थी। 14 जून को यह बढ़कर ₹6,295 प्रति बैरल हो गई यानी 2 दिनों में ₹497 की बढ़त।
सोने में भी तेजी, निवेशकों का रुझान सुरक्षित संपत्ति की ओर
भारत में सोने की कीमतों के लिए इंडियन बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) मानक संस्था है। 12 जून को 24 कैरेट सोने की कीमत ₹97,455 प्रति 10 ग्राम थी। 13 जून को यह बढ़कर ₹99,058 प्रति 10 ग्राम हो गई यानी 1.6% का इजाफा।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमतें लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (LBMA) तय करता है। 13 जून को सोना 1.2% महंगा हुआ, और 28.39 डॉलर बढ़कर $3,423 प्रति औंस (करीब ₹2.94 लाख) हो गया। अमेरिकी बाज़ार में भी सोना $102 प्रति औंस महंगा हो गया।
प्राकृतिक गैस के दामों में भी तेजी
13-14 जून के दौरान अमेरिका में यूएस नेचुरल गैस की कीमतें लगभग 3% बढ़कर $4 प्रति MMBtu (मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट) हो गईं। 1 MMBtu = 2.52 लाख किलो कैलोरी ऊर्जा।
यूरोप में, प्राकृतिक गैस की कीमतें टाइटल ट्रांसफर फेसिलिटी (TTF) बेंचमार्क पर आधारित होती हैं। 14 जून को TTF गैस की कीमतें 5% से ज्यादा बढ़कर $12 प्रति MMBtu हो गईं, जो 10 हफ्तों का उच्चतम स्तर है।
तेल-गैस की कीमतें क्यों बढ़ रही हैं?
मिडिल ईस्ट से दुनिया का 30% से अधिक तेल और गैस उत्पादन होता है। यहां स्थित है स्ट्रेट ऑफ होर्मुज, जो वैश्विक तेल-गैस आपूर्ति का एक महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग है। इस जलडमरूमध्य से हर दिन 2.1 करोड़ बैरल तेल और 8 करोड़ टन नेचुरल गैस का परिवहन होता है।
OPEC (पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन) रोजाना 32 लाख बैरल तेल उत्पादन करता है। यदि इस क्षेत्र में युद्ध या बाधा आती है, तो वैश्विक आपूर्ति पर बड़ा असर पड़ता है।