इजराइल का दावा, बेरूत हमले में हिजबुल्लाह कमांडर फौद शुकुर मारा गया
अमेरिका ने लेबनान की राजधानी में 1983 में हुए घातक मरीन बम विस्फोट की योजना बनाने और उसे शुरू करने के लिए फौद शुकुर को दोषी ठहराया था, जिसमें 241 अमेरिकी सैनिक मारे गए थे।
Hezbollah Commander Killed: पिछले 24 घंटे के भीतर इजराइल के दो बड़े दुश्मनों को मौत के घात उतार दिया गया है, इनमे से एक हमास का मुखिया इस्माइल हानिया था, जिसकी ईरान की राजधानी तेहरान में हत्या कर दी गयी और दूसरा हिजबुल्लाह कमांडर फौद शुकुर, जिसे बेरूत में मार गिराया गया, फौद की हत्या की ज़िम्मेदारी इजराइल ने ली है और खुद इसका खुलासा भी किया है, जबकि हमास के मुखिया हानिया की हत्या को लेकर अभी तक इजराइल ने कोई ज़िम्मेदारी नहीं ली है.
इजराइल ने दावा किया है कि मंगलवार (30 जुलाई) को बेरूत में एक हमले में उसने हिजबुल्लाह कमांडर को मार गिराया है. जिसका नाम फौद शुकुर था. इजराइल ये मानता है कि फौद ने हाल ही में इजराइल में रॉकेट हमला किया था, जिसमें इजराइल नियंत्रित गोलान हाइट्स में 12 युवा मारे गए थे. हालांकि हिजबुल्लाह ने अभी तक अपने कमांडर की मौत की पुष्टि नहीं की है. लेबनानी आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह के साथ बढ़ते संघर्ष में इज़रायली हमले में एक महिला और दो बच्चों की मौत हो गई और दर्जनों अन्य लोग घायल हो गए.
फ़ौद शुकुर था टारगेट
एक इज़रायली अधिकारी ने कहा कि निशाना फौद शुकुर था, जो हिज़्बुल्लाह का एक शीर्ष सैन्य कमांडर है, जिस पर अमेरिका ने लेबनान की राजधानी में 1983 में हुए घातक मरीन बम विस्फोट की योजना बनाने और उसे शुरू करने का आरोप लगाया था, जिसमें 241 अमेरिकी सैनिक मारे गए थे. अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बात की क्योंकि उन्हें मीडिया के साथ हमले के विवरण पर चर्चा करने का अधिकार नहीं था. शुकुर पर इज़रायली नागरिकों को मारने वाले अन्य हमलों का भी संदेह है.
यदि इजरायल का दावा सही साबित होता है, तो शुकुर 2016 के बाद से मारा जाने वाला सबसे वरिष्ठ हिजबुल्लाह कमांडर होगा, जब सीरिया में समूह के सैन्य कमांडर मुस्तफा बदरेद्दीन की सीरिया की राजधानी दमिश्क में एक विस्फोट में मौत हो गई थी.
इज़रायली सेना का दावा
इज़रायली सेना ने दावा किया कि शुकुर ने 8 अक्टूबर से इज़रायल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद से इज़रायल पर हिज़्बुल्लाह के हमलों का निर्देशन किया था, और वो "पिछले कई वर्षों में कई इज़रायलियों और विदेशी नागरिकों की हत्या" में भी शामिल था.
इसमें कहा गया है कि शुकुर हिजबुल्लाह के अधिकांश उन्नत हथियारों के लिए जिम्मेदार था, जिसमें निर्देशित मिसाइलें, क्रूज मिसाइलें, जहाज रोधी मिसाइलें, लंबी दूरी की रॉकेटें और यूएवी शामिल हैं.
फौद शुकुर कौन था?
62 वर्षीय शुकुर, इजरायल की सीमा पर दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह की सेना का प्रभारी था और साथ ही समूह के मिसाइल कार्यक्रम में शीर्ष अधिकारी भी था.
वो हिजबुल्लाह के शीर्ष सैन्य प्रमुख इमाद मुगनीह का करीबी सहयोगी था, जिसकी 2008 में दमिश्क में एक कार बम विस्फोट में हत्या कर दी गई थी. शुकुर तब से हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह का करीबी सैन्य सलाहकार था.
सैयद मोहसेन के नाम से भी जाना जाता है
हिजबुल्लाह के ज़्यादातर सैन्य अधिकारियों की तरह शुकुर के बारे में भी बहुत कम जानकारी है, जिसे सईद मोहसेन के नाम से भी जाना जाता था. अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने उसके बारे में जानकारी देने वाले को 5 मिलियन डॉलर का इनाम देने की घोषणा की थी.
वो हिजबुल्लाह में तब शामिल हुआ था जब इस समूह की स्थापना 1982 में लेबनान पर इजरायल के आक्रमण के बाद हुई थी, जिसके कारण फिलिस्तीन मुक्ति संगठन को लेबनान छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था.
अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने 21 जुलाई 2015 को शुकुर को हिजबुल्लाह के लिए या उसकी ओर से कार्य करने के कारण "विशेष रूप से नामित नागरिक" के रूप में सूचीबद्ध किया था.
सीरिया संघर्ष में भूमिका
अधिकांश हिजबुल्लाह सैन्य अधिकारियों की तरह, शुकुर ने भी 2011 में छिड़े सीरियाई संघर्ष के दौरान भूमिका निभाई थी, जिसमें ईरान समर्थित हिजबुल्लाह ने हजारों लड़ाकों को राष्ट्रपति बशर असद की सीरियाई सेना में शामिल होने के लिए भेजा था, जिससे संतुलन उसके पक्ष में हो गया था.
7 अक्टूबर को इजरायल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद, इजरायल ने शुकुर पर आरोप लगाया कि वो हिजबुल्लाह द्वारा इजरायल के खिलाफ किए गए कई ड्रोन और मिसाइल हमलों के पीछे था.
अक्टूबर से अब तक हिजबुल्लाह ने हज़ारों रॉकेट दागे हैं, जिसमें उसने सैन्य और खुफिया प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया है. फिर भी, हिजबुल्लाह के रॉकेट नागरिक क्षेत्रों में गिरे हैं. शनिवार के रक्तपात से पहले, इसके हमलों में इज़राइल में 13 नागरिक और 22 सैनिक मारे गए थे. लेबनान में इज़राइल के हमलों में 90 नागरिकों सहित 500 से अधिक लोग मारे गए हैं.
हिज़्बुल्लाह का दुर्लभ खंडन
हालांकि हिजबुल्लाह ने शनिवार को मजदल शम्स शहर में हुए रॉकेट हमले में शामिल होने से इनकार किया है, लेकिन इजरायल ने इस आतंकवादी समूह को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है. इजरायल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने मंगलवार के हमले के तुरंत बाद प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "हिजबुल्लाह ने लाल रेखा पार कर ली है."
गाजा में युद्ध की पृष्ठभूमि में दोनों पक्षों के बीच पिछले 10 महीनों से लगभग प्रतिदिन हमले होते रहे हैं, लेकिन उन्होंने पहले संघर्ष को निम्न स्तर पर रखा था, जिससे पूर्ण युद्ध में बदलने की संभावना नहीं थी.
बेरूत में 74 घायल
लेबनान के सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि मंगलवार को बेरूत के दक्षिणी उपनगर में हुए हमले में 74 लोग घायल हुए, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है. घायलों को नजदीकी अस्पतालों में ले जाया गया. विस्फोट स्थल के पास स्थित बहमन अस्पताल ने रक्तदान का आह्वान किया है.
लेबनान की सरकारी राष्ट्रीय समाचार एजेंसी ने बताया कि ये हमला एक ड्रोन से किया गया, जिसने तीन रॉकेट दागे.
हिजबुल्लाह के अधिकारी अली अम्मार ने अल-मनार टीवी से कहा, "इज़राइली दुश्मन ने पूरी तरह से नागरिक क्षेत्र को निशाना बनाकर आकार, समय और परिस्थितियों के मामले में एक बहुत बड़ी मूर्खतापूर्ण हरकत की है." "इज़राइली दुश्मन को जल्द या बाद में इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी."
अस्पताल के पास हड़ताल
लेबनान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने इजरायली हमले की निंदा करते हुए कहा कि ये हमला राजधानी के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक से कुछ मीटर की दूरी पर हुआ.
इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने तत्काल कोई बयान जारी नहीं किया.
बेरूत के दक्षिणी उपनगर हरेत हरेक पर हवाई हमले में कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं. हरेक एक भीड़भाड़ वाला शहरी इलाका है, जहां हिजबुल्लाह के राजनीतिक और सुरक्षा अभियान हैं, लेकिन ये इलाका छोटी दुकानों और अपार्टमेंट इमारतों से भी भरा हुआ है.
क्षति की सीमा
ये हमला एक अस्पताल के पास स्थित अपार्टमेंट की इमारत पर हुआ, जिससे लक्षित इमारत का आधा हिस्सा ढह गया और उसके बगल में स्थित एक इमारत को भारी नुकसान पहुंचा. अस्पताल को मामूली नुकसान पहुंचा, जबकि आसपास की सड़कों पर मलबा और टूटे हुए शीशे बिखरे पड़े थे.
सड़क के बीचोबीच एक फोर्कलिफ्ट खड़ी थी, जो नष्ट हो चुकी इमारत की ऊपरी मंजिलों तक पहुंच रही थी, जबकि बिजली के खंभे गिरे हुए तारों को हटाने का काम बिजली विभाग के कर्मचारी कर रहे थे। नुकसान का जायजा लेने और अपने परिवारों से मिलने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी. उनमें से कुछ ने हिजबुल्लाह के समर्थन में नारे लगाए.
पैरामेडिक्स को कई घायल लोगों को क्षतिग्रस्त इमारतों से बाहर निकालते देखा जा सकता था.
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)
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