israel attack on iran
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ईरान की राजधानी तेहरान में रात को कई धमाके हुए हैं

इजरायल का ईरान पर हमला, निशाने पर ईरान के परमाणु ठिकाने, IRGC के कमांडर-इन-चीफ की मौत

इजरायल ने इसे Preemptive strike बताया है यानी अग्रिम हमला. इसका मतलब है कि ऐसा हमला जो किसी संभावित खतरे या हमले से बचने के लिए पहले से ही किया जाता है, न कि किसी वास्तविक हमले के बाद।


इज़राइल ने गुरुवार देर रात ईरान के खिलाफ एक सैन्य अभियान शुरू किया, जिसमें ईरान की राजधानी तेहरान में धमाकों की खबरें आई हैं। तेहरान में धमाकों की पुष्टि ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी ने भी की है। ईरानी सरकारी मीडिया रिपोर्टों के हवाले से कहा गया है कि इजरायल के हमले में ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर-इन-चीफ जनरल हुसैन सलामी की मौत हो गई है।

इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमले की पुष्टि की है। एक वीडियो बयान में नेतन्याहू ने कहा, "इज़राइल ने ऑपरेशन राइजिंग लायन (Operation Rising Lion) शुरू किया। यह एक लक्षित सैन्य अभियान है, जिसका उद्देश्य इज़राइल के अस्तित्व के लिए बने ईरानी खतरे को पीछे धकेलना है। यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक यह खतरा पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता।"



इससे पहले इज़राइल के रक्षा मंत्री ने इसे preemptive strikes करार दिया,यानी हमले की आशंका को देखते हुए पहले ही हमला कर देना। इजरायल ने ईरान पर लगातार यूरेनियम संवर्धन करने का आरोप लगाया है।

अमेरिका ने इस हमले में किसी भी तरह की भागीदारी से इनकार किया है और जोर देकर कहा है कि यह इज़राइल का खुद का निर्णय था। साथ ही अमेरिका ने ईरान को अमेरिकी हितों को निशाना बनाने के खिलाफ चेतावनी भी दी है। एक दिन पहले ही ये खबर आई थी कि अमेरिका ने मध्य पूर्व में अपने कई सैनिकों और कर्मचारियों को वापस बुलाया है।

इज़राइल पिछले कई वर्षों से यह चेतावनी देता रहा है कि अगर ईरान का परमाणु कार्यक्रम गंभीर खतरा बना, तो वो हमला करेगा। दोनों देशों के बीच वर्षों से तनावपूर्ण संबंध रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय निगरानीकर्ताओं का कहना है कि ईरान ने हथियार-स्तर के करीब यूरेनियम संवर्धन जारी रखा है।

यह हमला ऐसे समय हुआ है जब ट्रंप प्रशासन ईरान के साथ उसके परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने को लेकर समझौते की कोशिश कर रहा है। अमेरिका के दूत स्टीव विटकॉफ़ ने ईरानी अधिकारियों के साथ अब तक पाँच दौर की बातचीत की है।

यह अभी स्पष्ट नहीं है कि अमेरिका इस इज़राइली ऑपरेशन में शामिल था या नहीं, लेकिन इसके कोई संकेत नहीं मिले हैं कि अमेरिका ने भाग लिया हो। हालांकि, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने अमेरिका की भागीदारी से इनकार किया और अमेरिकी अधिकारियों ने जोर देकर कहा कि यह इज़राइल का अकेला फैसला था।

रुबियो ने कहा, "आज रात, इज़राइल ने ईरान के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की। अमेरिका इस हमले में शामिल नहीं है और हमारी शीर्ष प्राथमिकता क्षेत्र में अमेरिकी बलों की सुरक्षा है,"

उन्होंने आगे कहा, "इज़राइल ने हमें सूचित किया कि वह इस कार्रवाई को अपनी आत्मरक्षा के लिए आवश्यक मानता है। राष्ट्रपति ट्रंप और उनका प्रशासन हमारे सैनिकों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठा चुके हैं और हम क्षेत्रीय साझेदारों के साथ लगातार संपर्क में हैं। मैं स्पष्ट कर द, ईरान को अमेरिकी हितों या कर्मियों को निशाना नहीं बनाना चाहिए।"



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