यूं ही नहीं मोसाद खतरनाक खुफिया एजेंसी, 1978 की इस घटना से समझिए
इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के बारे में कहा जाता है कि वो खतरनाक से खतरनाक मिशन को अंजाम देने की क्षमता रखती है।
Israel Mossad Story: इजरायल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष का इतिहास एक दो साल नहीं बल्कि दशकों पुराना है। इस संघर्ष को आप ऐसे समझ सकते हैं दोनों के लिए जान देना या लेना सामान्य सी बात है। इस क्रम में बेगुनाहों को बंधक बनाने की प्रक्रिया भी अमल में लायी जाती है। इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए इजरायल हानिबल डॉयरेक्टिव पर काम किया करता था। यानी कि बंधक जवानों की रिहाई के लिए जरूरत से अधिक ताकत का इस्तेमाल भले ही बंधकों की जान पर खतरा क्यों ना आ जाए। इसी तरह से साल 1978 में फिलिस्तीनी कमांडर वाडी हद्दाद को मारने के लिए मोसाद के एजेंट्स ने जहरीले टूथपेस्ट का इस्तेमाल किया।
कौन था वाडी हद्दाद
वाडी हद्दाद, पापुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन फिलिस्तीन का मुखिया था। वो कई हाई प्रोफाइल आतंकी हमले में शामिल था। 1976 का एयर फ्रांस प्लेन की हाईजैकिंग खास थी जिसे एनटेब्बे हाइजैकिंग के नाम से भी जाना जाता है। अपहरणकर्ताओं ने तेलअवीव से प्लेन को हाईजैक कर पेरिस ले जाने की बात करते रहे हालांकि प्लेन को वो पहले लीबिया और बाद में यूगांडा ले गये। इजराइल ने ऑपरेशन थंडरबोल्ट के साथ जवाब दिया, जो इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के भाई लेफ्टिनेंट कर्नल योनातन नेतन्याहू के नेतृत्व में एक बचाव अभियान था। मिशन सफल रहा लेकिन इस प्रक्रिया में लेफ्टिनेंट कर्नल नेतन्याहू की मृत्यु हो गई।
इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद, एंटेबे अपहरण का बदला लेना चाहती थी। अपहरण के पीछे का मास्टरमाइंड वादी हदाद उनका शीर्ष लक्ष्य था। अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त करने के बाद, वादी हदाद मोसाद की हत्या सूची में प्राथमिकता बन गया।
एजेंट सैडनेस
वाडी को ठिकाने लगाने में किसी तरह की गड़बड़ी ना हो इसके लिए मोसाद ने अलग तरीका चुना। मिशन को 'एजेंट सैडनेस' नामक एक एजेंट को सौंपा गया जिसकी हदाद के घर और कार्यालय तक पहुंच थी।10 जनवरी, 1978 को, एजेंट सैडनेस ने हदाद के नियमित टूथपेस्ट को विशेष रूप से तैयार किए गए जहरीले टूथपेस्ट से बदल दिया। इजरायल इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल रिसर्च में विकसित यह विष हद्दाद की श्लेष्मा झिल्ली में घुस गया और अपना असर दिखाने लगा।
वाडी हद्दाद की बीमारी
बगदाद में वाडी हदाद गंभीर रूप से बीमार पड़ गया। उनके लक्षण गंभीर थे, जिसमें पेट में ऐंठन, भूख न लगना और 25 पाउंड से अधिक वजन का तेजी से कम होना शामिल था। शीर्ष इराकी डॉक्टरों द्वारा उपचार के बावजूद, उनकी हालत लगातार बिगड़ती गई और उन्हें हेपेटाइटिस, फिर गंभीर सर्दी का निदान किया गया। शक्तिशाली एंटीबायोटिक दवाओं का भी कोई असर नहीं हुआ। उनके बाल झड़ने लगे, जिससे जहर का संदेह पैदा हुआ।
फिलिस्तीन मुक्ति संगठन के नेता यासर अराफात ने पूर्वी जर्मन गुप्त सेवा, स्टासी से मदद मांगी थी।स्टासी ने वादी हदाद को पूर्वी बर्लिन ले जाकर अहमद डौकली के नाम से एक गुप्त अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने उनका गहन परीक्षण किया, लेकिन वे उसकी बीमारी की वजह नहीं समझ सके। उन्हें या तो चूहे के जहर या थैलियम विषाक्तता का संदेह था लेकिन कोई सबूत नहीं मिला।