
हूती मिसाइल के आगे क्यों नाकाम रहे इजरायल-अमेरिका के एयर डिफेंस सिस्टम
इजरायल के एयर डिफेंस सिस्टम की दुनिया भर में तारीफ होती है। लेकिन बेन गुरियन एयरपोर्ट पर निशाना साधने में यमन के हूती विद्रोही कामयाब रहे है।
Houthi missile Attack: यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा रविवार सुबह इज़रायल पर किए गए मिसाइल हमले ने एक बार फिर वैश्विक स्तर पर चर्चा में रहने वाले इज़रायली एयर डिफेंस सिस्टम की प्रभावशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यमन से दागी गई हूतियों की बैलिस्टिक मिसाइल इज़रायल के बेन गुरियन एयरपोर्ट के मुख्य टर्मिनल के पास आकर गिरी। यह एयरपोर्ट इज़रायल का सबसे बड़ा और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है।
इजरायली और अमेरिकी सिस्टम दोनों विफल
यह हमला इसलिए और चौंकाने वाला है क्योंकि इज़रायल के पास न सिर्फ अपना अत्याधुनिक 'एरो एयर डिफेंस सिस्टम' है, बल्कि अमेरिका ने भी अपने THAAD (Terminal High Altitude Area Defense) मिसाइल डिफेंस सिस्टम को वहां तैनात किया हुआ है। इसके बावजूद यह मिसाइल दोनों डिफेंस सिस्टम्स को चकमा देकर एयरपोर्ट तक पहुंचने में सफल रही। हूती विद्रोहियों ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए दावा किया है कि उन्होंने इज़रायली व अमेरिकी सुरक्षा तंत्र को भेद दिया।
हूतियों का दावा: नई तकनीक वाली मिसाइल
हूती विद्रोहियों से जुड़े मीडिया ने कहा कि यह नई मॉडल की बैलिस्टिक मिसाइल थी, जो रडार डिटेक्शन से बचने में सक्षम है। हालांकि इज़रायली समाचार आउटलेट Ynet News ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि मिसाइल कोई असामान्य हथियार नहीं थी और इसी प्रकार की मिसाइलों को पहले सफलतापूर्वक इंटरसेप्ट किया जा चुका है।
एरो ने लक्ष्य को पहचाना, फिर भी चूक गया
इज़रायली रक्षा अधिकारियों के मुताबिक, एरो इंटरसेप्टर मिसाइल को लॉन्च तो किया गया, लेकिन वह हूती मिसाइल को मार गिराने में असफल रही। यह जांच का विषय बना हुआ है कि यह तकनीकी खराबी थी या मानवीय चूक। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि टारगेट का सटीक पता लगाया गया था, और मिसाइल गिरने से पहले IDF होम फ्रंट कमांड की ओर से सायरन और अलर्ट जारी कर दिया गया था।
THAAD भी रहा बेअसर
जब एरो मिसाइल असफल हुई, तो अमेरिकी THAAD इंटरसेप्टर को सक्रिय किया गया, लेकिन वह भी लक्ष्य पर सटीक वार नहीं कर सका। Ynet की रिपोर्ट में बताया गया है कि एरो सिस्टम की सफलता दर THAAD से अधिक मानी जाती है, लेकिन दोनों ही सिस्टम पूर्ण सुरक्षा की गारंटी नहीं देते। यह घटना दर्शाती है कि अत्याधुनिक तकनीक के बावजूद, मिसाइल डिफेंस प्रणाली असफलता से पूरी तरह मुक्त नहीं है।
हूतियों की धमकी और चेतावनी
हमले की जिम्मेदारी लेते हुए हूती सैन्य प्रवक्ता याह्या सारी ने इसे हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल करार दिया, हालांकि उन्होंने इसके सटीक मॉडल का खुलासा नहीं किया। उन्होंने दावा किया कि इस हमले से तीन मिलियन से अधिक इज़रायली नागरिक आश्रयों में भागने को मजबूर हुए और एयरपोर्ट का संचालन एक घंटे से अधिक समय के लिए ठप रहा।
सारी ने अंतरराष्ट्रीय एयरलाइनों को चेतावनी देते हुए कहा,“बेन गुरियन एयरपोर्ट अब सुरक्षित नहीं है। यहां उड़ानों का संचालन जोखिम भरा है।”यह हमला सिर्फ इज़रायल के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक सुरक्षा संकेत है कि आज के दौर में सबसे एडवांस माने जाने वाले डिफेंस सिस्टम भी नई तकनीकों के सामने असहाय साबित हो सकते हैं।