60 फाइटर जेट्स, 120 बम: कैसे चला ईरान पर इजरायल का ऑपरेशन?
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60 फाइटर जेट्स, 120 बम: कैसे चला ईरान पर इजरायल का ऑपरेशन?

Middle East tension 2025: यह संघर्ष एक बार फिर मध्य पूर्व में तनाव की गंभीर स्थिति को उजागर करता है. आने वाले दिनों में अंतरराष्ट्रीय कूटनीति की भूमिका और अमेरिका का रुख इस संकट की दिशा तय करेगा.


israel iran attack 2025: मिडिल ईस्ट में तनाव ने एक नया मोड़ ले लिया है. शुक्रवार की रात इजरायली वायुसेना ने ईरान में कई सैन्य और परमाणु ठिकानों पर बमबारी कर दी, जिसमें ऑर्गनाइजेशन ऑफ डिफेंसिव इनोवेशन एंड रिसर्च (SPND) मुख्यालय समेत कई संवेदनशील ठिकाने तबाह कर दिए गए. यह हमला न सिर्फ ईरान के सैन्य ढांचे पर भारी पड़ा है, बल्कि दूनिया भर में चिंता का सबब बन गया है.

इजरायल और ईरान के बीच यह संघर्ष अब दूसरे हफ्ते में प्रवेश कर चुका है. जबकि यूरोपीय देशों द्वारा तेहरान को फिर से बातचीत की टेबल पर लाने की कूटनीतिक कोशिशें जारी हैं. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका की भागीदारी को लेकर कोई भी फैसला आने वाले दो हफ्तों में लिया जाएगा.

कैसे हुआ हमला?

इजरायली रक्षा बलों (IDF) के अनुसार, इस ऑपरेशन में 60 से अधिक वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने भाग लिया और लगभग 120 बम गिराए गए. ये हमले तेहरान क्षेत्र के उन मिसाइल निर्माण स्थलों पर केंद्रित थे, जिन्हें ईरान के रक्षा मंत्रालय के "औद्योगिक शक्ति केंद्र" के रूप में बताया गया है. SPND मुख्यालय के अलावा उन स्थानों पर भी हमले किए गए, जहां मिसाइल और रॉकेट इंजन निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल का उत्पादन होता है. IDF ने पुष्टि की है कि तेहरान स्थित SPND भवन को सफलतापूर्वक निशाना बनाया गया.

क्यों SPND को बनाया निशाना?

SPND को ईरान के उन्नत सैन्य तकनीकी विकास का प्रमुख केंद्र माना जाता है. इस संस्था की स्थापना 2011 में फख्री जादेह द्वारा की गई थी, जिन्हें ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम का प्रमुख योजनाकार माना जाता है. IDF ने यह भी बताया कि उन्होंने एक ऐसे स्थल को भी निशाना बनाया, जो ईरानी परमाणु हथियार कार्यक्रम के लिए आवश्यक एक मुख्य घटक का निर्माण करता था. हालांकि, सुरक्षा कारणों से इस पर अधिक जानकारी साझा नहीं की गई.

ईरान का जवाब

इजरायली हमलों के जवाब में ईरान ने भी मिसाइल और ड्रोन हमले किए. तेहरान का दावा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है. इसके विपरीत इजरायल का आरोप है कि ईरान गुप्त रूप से परमाणु हथियार विकसित कर रहा है, जिसे रोकना अनिवार्य है.

जानमाल की हानि

IDF की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार, इन हमलों में अब तक ईरान में कुल 639 लोगों की मौत हुई है. हालांकि, ईरानी अधिकारियों की ओर से इस संख्या की पुष्टि नहीं की गई है.

कूटनीतिक स्थिति

यूरोपीय संघ के अधिकारी इस संघर्ष को रोकने के प्रयास में लगे हुए हैं, जबकि इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने स्पष्ट किया है कि इजरायल को अमेरिकी "ग्रीन लाइट" की आवश्यकता नहीं है और वह ईरान के सभी परमाणु ठिकानों को निशाना बनाएगा.

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