
जयशंकर-रुबियो में ASEAN सम्मेलन के दौरान भारत-अमेरिका संबंधों पर चर्चा; व्यापार समझौते को जल्द अंतिम मंजूरी संभव
कुआलालंपुर में हुई उच्चस्तरीय वार्ता का उद्देश्य रूस के तेल पर अमेरिकी 50% शुल्क लगाने के बाद तनावपूर्ण हो चुके भारत-अमेरिका संबंधों को “रीसेट” करना है।
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार (27 अक्तूबर) को कुआलालंपुर में अपने अमेरिकी समकक्ष मार्को रुबियो से बातचीत की। यह बैठक दोनों देशों के बीच हालिया तनाव को दूर करने के प्रयासों के तहत हुई, जो अमेरिकी सरकार द्वारा भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए दंडात्मक शुल्कों के कारण बढ़ गया था।
ASEAN शिखर सम्मेलन के इतर हुई इस बैठक में जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की।
जयशंकर ने एक्स (X) पोस्ट में लिखा, “आज सुबह कुआलालंपुर में @SecRubio से मुलाकात कर खुशी हुई। हमारे द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा के लिए धन्यवाद।”
प्रस्तावित व्यापार समझौता
यह बैठक भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते की पृष्ठभूमि में हुई, जो एक अधिकारी के अनुसार “लगभग अंतिम चरण” में है।
अब तक इस समझौते के पहले चरण के लिए पाँच दौर की वार्ताएँ पूरी हो चुकी हैं।
ASEAN सम्मेलन
मलेशिया वर्तमान में इस समूह का अध्यक्ष है और कुआलालंपुर में वार्षिक ASEAN सम्मेलन तथा संबंधित बैठकें आयोजित कर रहा है। 11 देशों का यह संगठन (ASEAN) एशिया का सबसे प्रभावशाली ब्लॉक माना जाता है। भारत, अमेरिका, चीन, जापान और ऑस्ट्रेलिया इसके संवाद साझेदार (Dialogue Partners) हैं।
रविवार को जयशंकर ने मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम, सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालकृष्णन और थाईलैंड के विदेश मंत्री सिहासक फुआंगकेटकिओ से भी अलग-अलग मुलाकातें कीं।
भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव
जयशंकर और रुबियो की यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब भारत-अमेरिका संबंधों में हालिया तनाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% आयात शुल्क और रूस से कच्चा तेल खरीदने के लिए अतिरिक्त 25% शुल्क लगा दिया है।
भारत ने अमेरिकी कार्रवाई को “अनुचित, अन्यायपूर्ण और असंगत” बताया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों नेताओं ने बैठक में प्रस्तावित व्यापार समझौते पर भी विस्तृत चर्चा की।

