‘तीन बुराइयों’ पर समझौता नहीं करेगा भारत, SCO को भी लेना होगा सख्त रुख
x

‘तीन बुराइयों’ पर समझौता नहीं करेगा भारत, SCO को भी लेना होगा सख्त रुख

SCO बैठक में एस. जयशंकर ने आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद पर बिना समझौते का रुख अपनाने की मांग की और पहलगाम हमले को धार्मिक साजिश बताया।


Dr S Jaishankar China Visit: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ बिना किसी समझौते के रुख की मांग की। यह बयान उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के कुछ ही घंटे बाद दिया। जयशंकर ने कहा कि आर्थिक क्षेत्र में दोनों देश एकसाथ चलकर आगे बढ़ सकते हैं लेकिन आतंकवाद के मुद्दे पर गंभीरता से सोचना होगा।

राष्ट्रपति शी से मुलाकात

जयशंकर ने SCO सदस्य देशों के अन्य विदेश मंत्रियों के साथ शी जिनपिंग से मुलाकात की। उन्होंने चीनी राष्ट्रपति को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुभकामनाएं भी दीं। सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा, “हमारे नेताओं के मार्गदर्शन को महत्व देते हैं और राष्ट्रपति शी को द्विपक्षीय संबंधों की हालिया प्रगति से अवगत कराया।”

पहलगाम हमले पर चीन और पाकिस्तान को घेरा

विदेश मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार की मौजूदगी में जयशंकर ने कहा कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला जानबूझकर पर्यटन-आधारित अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने और धार्मिक विभाजन पैदा करने के लिए किया गया था।

जयशंकर ने SCO को याद दिलाया कि यह संगठन आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद इन तीन बुराइयों से लड़ने के लिए स्थापित हुआ था, और इसलिए उसे इन खतरों पर “अडिग और कठोर रुख” अपनाना चाहिए।

ऑपरेशन सिंदूर और UNSC की भूमिका

उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की थी और इसके अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने की बात कही थी। भारत ने इसके जवाब में 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्रों में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इसके बाद चार दिन तक भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चला, जिसके बाद 10 मई को दोनों पक्षों के बीच सहमति बनी।

चीन के रुख पर भारतीय नाराज़गी

जयशंकर का यह बयान भारत की उस चिंता के बीच आया जब हालिया संघर्ष में चीन ने पाकिस्तान का समर्थन किया। भारत और उसके सहयोगियों की ओर से संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान आधारित आतंकियों पर प्रतिबंध लगाने के प्रयासों को भी चीन ने पहले कई बार बाधित किया है।पिछले महीने SCO के रक्षा मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तान ने पहलगाम हमले के संदर्भ का विरोध किया, जिससे साझा बयान जारी नहीं हो पाया। इस पर भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दस्तावेज़ को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था।

अफगानिस्तान और आर्थिक सहयोग पर विचार

जयशंकर ने अफगानिस्तान की स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि SCO सदस्य देशों को स्थानीय लोगों के कल्याण के लिए विकास सहायता प्रदान करनी चाहिए। भारत ऐसा करने के लिए तैयार है।

भारत ने स्टार्ट-अप, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे कई क्षेत्रों में पहल की है, लेकिन उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि सहयोग आपसी सम्मान, संप्रभु समानता और क्षेत्रीय अखंडता पर आधारित होना चाहिए। यह टिप्पणी चीन की बेल्ट एंड रोड परियोजना (BRI) पर परोक्ष रूप से कटाक्ष मानी जा रही है, जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरती है।

INSTC और व्यापारिक मार्गों पर जोर

जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (INSTC) को बढ़ावा देने की बात की। यह 7,200 किमी लंबा मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट नेटवर्क है जो भारत, ईरान, रूस, अफगानिस्तान, मध्य एशिया और यूरोप को जोड़ता है। उन्होंने SCO के भीतर व्यापार, निवेश और पारगमन सुविधा की कमी पर चिंता जताते हुए कहा कि इसके बिना आर्थिक सहयोग की गंभीरता खो जाती है।

भारत-चीन संबंधों पर संतुलित रुख

सोमवार को जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की थी और दोनों देशों के बीच सीमा विवाद, व्यापार अवरोधों और विश्वास बहाली के मुद्दों पर चर्चा की थी। उन्होंने कहा था कि स्थिर द्विपक्षीय संबंध तभी संभव हैं जब वे आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी संवेदनशीलता पर आधारित हों।यह उनकी 2020 की गलवान झड़पों के बाद पहली चीन यात्रा थी, हालांकि मल्टी-लेटरल कार्यक्रमों के दौरान वे कई बार वांग यी से मिल चुके हैं।

Read More
Next Story