
सिलसिलेवार भूकंप के झटकों से हिला जापान का टोकारा द्वीप, कॉमिक बुक की भविष्यवाणी ने डराया
गुरुवार को आए एक शक्तिशाली भूकंप के बाद दक्षिणी जापान के अकुसेकी द्वीप के सभी 89 निवासियों को वहां से निकालने का आदेश अधिकारियों ने जारी किया है।
जापान में भूकंप का सिलसिला जारी है। शनिवार, 5 जुलाई को मुख्य द्वीपों के दक्षिण-पश्चिम में समुद्री क्षेत्र में 5.4 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। सरकार ने इस क्षेत्र में और झटकों की संभावना जताई है।
अकुसेकी द्वीप से सभी 89 निवासियों को निकाला गया
गुरुवार को आए शक्तिशाली भूकंप के बाद दक्षिणी जापान के अकुसेकी द्वीप से सभी 89 निवासियों को तत्काल खाली कराने के आदेश दिए गए हैं। यह भूकंप उस श्रृंखला का हिस्सा है जिसमें हाल ही में 1,000 से अधिक झटके दर्ज किए गए हैं।
कॉमिक बुक की भविष्यवाणी से सोशल मीडिया पर हड़कंप
भूकंपों को लेकर बढ़ती चिंता के बीच सोशल मीडिया पर 1999 में प्रकाशित एक कॉमिक बुक को लेकर चर्चा तेज़ हो गई है। यह किताब है, "द फ्यूचर आई सॉ" (The Future I Saw), जिसे स्वयंभू भविष्यवक्ता रयो तात्सुकी (Ryo Tatsuki) ने लिखा था।
इस कॉमिक में उन्होंने अपने सपनों के आधार पर हस्तलिखित भविष्यवाणियाँ की थीं, जिनमें से कई के सच होने का दावा उन्होंने किया है। यही वजह है कि किताब को लेकर अटकलें और भय का माहौल बन गया है।
हाल के वर्षों में इस कॉमिक को विशेष प्रसिद्धि मिली जब यह दावा किया गया कि इसमें 2011 के तोहोकु भूकंप और फुकुशिमा में आई सुनामी की भविष्यवाणी पहले से ही की गई थी। खास बात यह थी कि मंगा में 11 मार्च की तारीख को एक बड़ी आपदा का ज़िक्र था, जो वास्तविक आपदा की तारीख से मेल खाती है।
भूकंप की भविष्यवाणी पर वैज्ञानिकों की चेतावनी
दक्षिणी जापान में लगातार आ रहे झटकों के बीच सोशल मीडिया पर इस कॉमिक को फिर से खंगाला जा रहा है ताकि 2025 में संभावित आपदाओं से जुड़ी कोई भविष्यवाणी मिल सके। कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि इसमें 2025 में भूकंपीय गतिविधियों के बढ़ने का संकेत है, जिससे लोगों की चिंता और बढ़ गई है।
इस चर्चा के बीच जापान सरकार ने जनता से अपील की है कि वे बिना आधार वाली आपदा भविष्यवाणियों पर भरोसा न करें।
जापान मौसम विज्ञान एजेंसी की भूकंप और सुनामी निगरानी शाखा के निदेशक अयाताका एबिता (Ayataka Ebita) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "हमारे मौजूदा वैज्ञानिक ज्ञान के अनुसार किसी भूकंप के समय, स्थान या तीव्रता का सटीक अनुमान लगाना बहुत मुश्किल है।"
उन्होंने जनता से अपील की कि वे कल्पनाओं की बजाय वैज्ञानिक प्रमाणों पर भरोसा करें।