
छह सदियों बाद फटा क्राशेनिन्निकोव ज्वालामुखी, मचा हड़कंप
रूस के कामचटका में 600 साल बाद क्राशेनिन्निकोव ज्वालामुखी फट गया . यह विस्फोट हवाई यातायात के लिए खतरा बन सकता है.
रूस के कामचटका प्रायद्वीप में स्थित क्राशेनिन्निकोव ज्वालामुखी ने छह सौ साल बाद पहली बार विस्फोट किया है. यह घटना सप्ताहांत में उस समय हुई जब पास के कुरील द्वीप समूह में 7.0 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया. इन दो प्राकृतिक घटनाओं के बाद शुरुआती तौर पर सुनामी की चेतावनी जारी की गई थी, लेकिन रूसी अधिकारियों ने लहरों की कम सक्रियता को देखते हुए इसे बाद में वापस ले लिया.
रूस के आपातकालीन सेवा मंत्रालय के अनुसार, यह विस्फोट रात के समय हुआ और सोशल मीडिया पर साझा किए गए नाटकीय वीडियो में आसमान में उठते राख के गुबार को स्पष्ट देखा गया.
इतिहास में पहली बार पुष्टि
कामचटका ज्वालामुखी विस्फोट प्रतिक्रिया टीम की प्रमुख ओल्गा गिरिना ने स्थानीय मीडिया को बताया, “यह क्राशेनिन्निकोव का 600 वर्षों में पहला ऐतिहासिक रूप से पुष्टि किया गया विस्फोट है.”
यह विस्फोट उस समय हुआ जब अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण (USGS) और पैसिफिक सुनामी चेतावनी प्रणाली ने क्षेत्र में 7.0 तीव्रता के भूकंप की सूचना दी. हालांकि झटकों से क्षेत्र हिल गया, लेकिन वैश्विक एजेंसियों ने तत्काल सुनामी अलर्ट जारी नहीं किया.
हालिया भूकंपीय गतिविधि से जुड़ाव
अधिकारियों का मानना है कि ज्वालामुखी का सक्रिय होना हालिया भूकंपीय गतिविधियों से जुड़ा हो सकता है. इससे कुछ दिन पहले ही, 30 जुलाई को कामचटका प्रायद्वीप के पास 8.7 तीव्रता का एक विशाल समुद्री भूकंप आया था. उस समय फ्रेंच पोलिनेशिया, चिली और जापान तक सुनामी अलर्ट जारी किए गए थे. जापान के मौसम विज्ञान एजेंसी के अनुसार, भूकंप का केंद्र होक्काइडो से लगभग 250 किलोमीटर दूर था, और जापान के उत्तरी द्वीपों पर हल्के झटके महसूस किए गए.
दोनों भूकंपों से कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन कामचटका के कुछ हिस्सों में संरचनात्मक क्षति की पुष्टि हुई है. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि आने वाले कुछ हफ्तों तक तेज आफ्टरशॉक्स जारी रह सकते हैं.
हवाई मार्ग के लिए ऑरेंज अलर्ट
क्राशेनिन्निकोव विस्फोट के चलते अधिकारियों ने हवाई यात्रा के लिए “ऑरेंज” कोड जारी किया है, जो राख के कारण मध्यम खतरे का संकेत है. वोल्केनोलॉजी और सिस्मोलॉजी संस्थान के अनुसार, ज्वालामुखी से निकला राख का गुबार 6,000 मीटर की ऊंचाई तक पहुंच गया और प्रशांत महासागर की ओर बहने लगा. राहत की बात यह है कि इसकी दिशा में कोई आबादी वाला क्षेत्र नहीं है.
300 से अधिक ज्वालामुखियों का घर
कामचटका प्रायद्वीप में 300 से अधिक ज्वालामुखी हैं, जिनमें लगभग 30 सक्रिय माने जाते हैं। हाल ही में, क्लीउचेवस्कॉय ज्वालामुखी भी प्रारंभिक भूकंप के बाद फटा था, जिससे भूकंपीय और ज्वालामुखीय गतिविधियों के आपसी संबंध को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं.
फिलहाल, कामचटका क्षेत्र के लिए सुनामी चेतावनी हटा ली गई है, लेकिन स्थिति पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. आपातकालीन सेवाएं भूगर्भीय और वायुमंडलीय परिस्थितियों के विकसित होने के मद्देनज़र सतर्क बनी हुई हैं.