
न कोई टैक्स; आबादी महज 3 लाख, खुशहाल देश 'वानुअतु', जहां के नागरिक बने ललित मोदी
Vanuatu citizenship: वानुअतु एक छोटा सा दक्षिणी प्रशांत द्वीपसमूह है, जिसकी कुल आबादी लगभग 3 लाख है. यहां की नागरिकता पाने के लिए एक निवेश कार्यक्रम है.
Lalit Modi Vanuatu citizenship: भारत में वित्तीय अनियमितताओं, मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के पूर्व अध्यक्ष और आईपीएल के संस्थापक ललित मोदी ने वानुअतु की नागरिकता ले ली है. ललित मोदी ने साल 2010 में भारत छोड़ दिया था और तब से वह लंदन में रह रहे हैं. अब वानुअतु की नागरिकता हासिल करने के बाद उन्हें भारत सरकार के लिए वापस लाना एक चुनौती बन सकता है. हालांकि, इसी बीच एक छोटा और खूबसूरत द्वीप राष्ट्र वानुअतु अचानक चर्चा का केंद्र बन गया है. क्योंकि, इससे पहले यह द्वीप अधिकतर भारतीयों के लिए अनजाना था.
पासपोर्ट सरेंडर करने की प्रक्रिया
ललित मोदी के कानूनी सलाहकार ने बताया कि वानुअतु की नागरिकता प्राप्त करने के बाद ललित मोदी अब भारतीय पासपोर्ट को सरेंडर करने की प्रक्रिया में हैं. उन्होंने सभी जरूरी कदम उठा लिए हैं और भारतीय पासपोर्ट लौटाने की प्रक्रिया को पूरा करने की दिशा में काम कर रहे हैं.
भारत सरकार को हो सकती है मुश्किल
ललित मोदी के वानुअतु की नागरिकता हासिल करने के बाद अब भारत सरकार के लिए उन्हें वापस लाना और भी कठिन हो सकता है. इससे पहले मेहुल चोकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता प्राप्त कर भारतीय कानून से बचने का प्रयास किया था. अब ललित मोदी का मामला भी कुछ इसी तरह के मोड़ पर है, जिससे उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई में और जटिलताएं आ सकती हैं.
विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भी इस मामले पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि ललित मोदी ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में अपना पासपोर्ट जमा करने के लिए आवेदन किया है. इसे निर्धारित प्रक्रियाओं के तहत जांचा जाएगा. हमें यह भी जानकारी मिली है कि उन्होंने वानुअतु की नागरिकता प्राप्त की है. हम उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई जारी रखेंगे.
वानुअतु
वानुअतु एक छोटा सा दक्षिणी प्रशांत द्वीपसमूह है, जिसकी कुल आबादी लगभग 3 लाख है. यहां की नागरिकता पाने के लिए एक निवेश कार्यक्रम है, जिसके तहत 1.55 लाख अमेरिकी डॉलर (लगभग 1.3 करोड़ रुपये) का निवेश करना होता है. यह देश 1980 तक फ्रांस और ब्रिटेन के कब्जे में था. लेकिन अब यह स्वतंत्र राष्ट्र है. यह देश करीब 80 द्वीपों से मिलकर बना है.
नागरिकता के फायदे
वानुअतु की नागरिकता हासिल करने के बाद लोगों को कई फायदे मिलते हैं:-
टैक्स छूट: वानुअतु अपने नागरिकों पर व्यक्तिगत आयकर नहीं लगाता है. इसका मतलब है कि यहां की कोई भी आय, चाहे वह स्थानीय हो या अंतरराष्ट्रीय पर कोई टैक्स नहीं लगता.
पूंजीगत लाभ पर टैक्स नहीं: वानुअतु में पूंजीगत लाभ पर कोई टैक्स नहीं लगाया जाता, जो निवेशकों के लिए एक बड़ा आकर्षण है. खासकर स्टॉक्स, रियल एस्टेट और अन्य संपत्ति में निवेश करने वालों के लिए.
विरासत और कॉर्पोरेट टैक्स नहीं: अगर किसी व्यक्ति का व्यवसाय वानुअतु में रजिस्टर है और उसकी आय विदेश से आती है तो उस पर कोई कॉर्पोरेट टैक्स नहीं लगेगा. साथ ही, वानुअतु में कोई विरासत टैक्स भी नहीं है.
अन्य टैक्स छूट: वानुअतु में कोई विदड्रॉल टैक्स, उपहार टैक्स या संपत्ति टैक्स नहीं होता, जो निवेशकों और व्यवसायियों के लिए एक और महत्वपूर्ण लाभ है.
क्रिप्टोकरेंसी हब: वानुअतु अब एक क्रिप्टो हब के रूप में भी उभर रहा है. यहां सतोशी आइलैंड जैसी परियोजनाएं हैं. जो क्रिप्टोकरेंसी के पेशेवरों और उत्साही लोगों के लिए वैश्विक केंद्र बनने जा रही है.
सुखद और खुशहाल जीवन
वानुअतु के बारे में दिलचस्प तथ्य ये हैं कि यह 2024 हैप्पी प्लेनेट इंडेक्स के अनुसार दुनिया के 150 देशों में से सबसे खुशहाल देश माना गया है. इसने यह खिताब 2006 में पहली बार जीता था.
कैसे पहुंचें वानुअतु?
अगर आप वानुअतु की यात्रा पर जाने का सोच रहे हैं तो यह एक आसान और सीधी यात्रा हो सकती है, उदाहरण के लिए ऑस्ट्रेलिया के सिडनी से वानुअतु के बाउरफील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट (पोर्ट विल्ला) के लिए केवल तीन घंटे की सीधी उड़ान है. इसके अलावा न्यूज़ीलैंड, फिजी और अन्य प्रशांत देशों से भी वानुअतु के लिए उड़ानें उपलब्ध हैं.
इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर
वानुअतु में 139 स्वदेशी भाषाएं बोली जाती हैं. वानुअतु का इतिहास भी बहुत दिलचस्प है. यह कभी एक एंग्लो-फ्रेंच कोंडोमिनियम था और यहां के द्वीपों पर लगभग3,000 साल पहले लापिता संस्कृति के लोग बसे थे. समय के साथ, ये लोग समुद्र के सैकड़ों किलोमीटर के दायरे में बिखर गए. लेकिन उनकी सांस्कृतिक विरासत आज भी जीवित है.