क्रिस्टियाना बार्सोनी-आर्किडियाकोनो, वो नाम जो पेजर ब्लास्ट के बाद बना रहस्मय
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क्रिस्टियाना बार्सोनी-आर्किडियाकोनो, वो नाम जो पेजर ब्लास्ट के बाद बना रहस्मय

क्रिस्टियाना बार्सोनी-आर्किडियाकोनो कौन है, इस बात को लेकर जो जानकारी उपलध है, वो काफी उलझन भरी है. कैसे 49 साल की एक महिला जिसका करियर अल्पकालिक रहा है, वो कैसे एक कंपनी की मालिक बन गयी और फिर उस कम्पनी का नाम पेजर ब्लास्ट से जुड़ गया.


Lebonan Pager Blast: लेबनान में पेजर के माध्यम से हुए श्रंखलाबद्ध विस्फोट के बाद से जिस एक नाम का रहस्य बरकरार है, वो है क्रिस्टियाना बार्सोनी-आर्किडियाकोनो. दरअसल जिन पेजर में विस्फोट हुए उनकी सप्लाई में जिस कंपनी का हाथ है, क्रिस्टियाना उस बीएसी कंसल्टिंग कंपनी की मालिक है. हालाँकि क्रिस्टियाना ये दावा कर चुकी है कि उसकी कंपनी ने पेजर में विस्फोटक फिट नहीं किये हैं, लेकिन लेबनान उसकी तलाश कर रहा है.


कौन है क्रिस्टियाना
क्रिस्टियाना की बात करें तो बताया जाता है कि वो सात भाषाएँ बोलती हैं. उसने पार्टिकल फिजिक्स में पीएचडी की है, वो बुडापेस्ट में एक अपार्टमेंट रहती है. उसके करियर की बात करें तो वो मानवतावादी कार्य करते हुए अफ्रीका और यूरोप में काम कर चुकी है.
क्रिस्टियाना के सीवी पर गौर करें तो वो बड़ा ही उलझाने वाला है. अफ्रीकी और यूरोपियन देशों में मानव सेवा का काम करने वाली महिला अचानक से एक कंपनी की मालिक बन जाती, जिसने विज्ञान के जटिल विषय में पीएचडी कर रखी होती है.

पेजर कंपनी को लेकर ये बोल चुकी है क्रिस्टियाना
क्रिस्टियाना की बात करें तो जब लेबनान में पेजर में धमाके हुए तो पता चला कि पेजर की मूल कंपनी का नाम गोल्ड अपोलो है. गोल्ड अपोलो ने बताया कि उसने पेजर के लिए डिज़ाइन का काम बीएसी कंसल्टिंग कंपनी को दिया हुआ था. इसी के बाद क्रिस्टियाना की कंपनी बीएसी कंसल्टिंग कंपनी चर्चा में आई. लेकिन क्रिस्टियाना बार्सोनी-आर्किडियाकोनो ने एनबीसी न्यूज़ को बताया कि उन्होंने ये पेजर नहीं बनाये. न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में क्रिस्टियाना ने या भी कहा था कि "मैं सिर्फ़ इंटरमीडिएट हूँ. मुझे लगता है कि आपने गलत समझा है."
इसके बाद से ही क्रिस्टियाना सार्वजनिक रूप से दिखाई नहीं दी हैं. उनके पड़ोसियों का कहना है कि उन्होंने उन्हें नहीं देखा है.
न्यूज़ एजेंसी रायटर्स का दावा है कि उन्होंने क्रिस्टियाना बार्सोनी-आर्किडियाकोनो को कॉल और ईमेल किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला और जब रॉयटर्स ने बुडापेस्ट शहर में उनके निजी पते पर जाकर देखा तो वहां भी कोई जवाब नहीं मिला. न्यूज़ एजेंसी के अनुसार बुडापेस्ट की एक आलीशान पुरानी इमारत में क्रिस्टियाना का फ्लैट है, जहाँ इस सप्ताह की शुरुआत में एक बरामदे का दरवाज़ा खुला था, लेकिन अब वो भी बंद कर दिया गया है.
रॉयटर्स ने फिर से उनसे संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. हंगरी सरकार ने बुधवार को कहा कि बीएसी कंसल्टिंग एक "व्यापारिक-मध्यस्थ कंपनी" थी, जिसका देश में कोई विनिर्माण स्थल नहीं था और पेजर कभी हंगरी नहीं गए थे.

अस्थिर करियर रहा है क्रिस्टियाना का
रायटर्स ने अलग अलग लोगों से बातचीत के आधार पर दावा किया कि क्रिस्टियाना की बात करें तो उसके परिचितों और पूर्व कार्य सहयोगियों के साथ चर्चा से एक ऐसी महिला की तस्वीर उभरती है, जो प्रभावशाली बुद्धि वाली है और जिसका करियर कई अल्पकालिक नौकरियों में घूमता रहा, जिसमें वह कभी पूरी तरह से स्थिर नहीं हुई. उसके एक परिचित ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर बताया कि वो "अच्छी इच्छाशक्ति वाली, व्यवसायी नहीं" है. उस व्यक्ति ने कहा कि वह ऐसी व्यक्ति प्रतीत होती हैं, जो हमेशा कुछ नया करने के लिए उत्साहित रहती है और चीजों पर तुरंत विश्वास कर लेती है.
वहीँ क्रिस्टियाना के एक पूर्व एम्प्लायर किलियन क्लेनश्मिट, जो एक अनुभवी पूर्व यू.एन. मानवीय प्रशासक हैं, जिन्होंने 2019 में बार्सोनी-अर्सिडियाकोनो को हाइड्रोपोनिक्स, आईटी और व्यवसाय विकास जैसे विषयों में ट्यूनीशिया में लीबियाई लोगों को प्रशिक्षित करने के लिए छह महीने का डच-वित्त पोषित कार्यक्रम चलाने के लिए काम पर रखा था, ने उन्हें काम पर रखने को एक बड़ी "गलती" बताया. कर्मचारियों को प्रबंधित करने के तरीके पर असहमति के बाद, उन्होंने कहा कि उन्होंने अनुबंध समाप्त होने से पहले उसे जाने दिया, जिसे रॉयटर्स स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं कर सका.


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