
नेपाल में बड़ा बदलाव: 9 वामपंथी दल मिले, बनी नई ‘नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी’
Nepal Left Unity 2025: विश्लेषकों का कहना है कि यह एकता नेपाल में वामपंथी राजनीति को दोबारा मजबूत करने की कोशिश है। हालांकि, वे चेतावनी देते हैं कि आंतरिक मतभेद और नेतृत्व की खींचतान इस गठबंधन की स्थिरता के लिए खतरा बन सकते हैं।
Nepal Communist Party Merger: नेपाल की राजनीति में बुधवार को बड़ा बदलाव देखने को मिला। देश के नौ वामपंथी दलों ने एकजुट होकर नई पार्टी ‘नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी’ बनाई है। इसमें नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) और नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत समाजवादी) जैसे प्रमुख दल भी शामिल हैं। यह फैसला 5 मार्च 2026 के आम चुनाव से ठीक पहले लिया गया है, जिससे देश की राजनीति पर बड़ा असर पड़ सकता है।
भव्य कार्यक्रम में हुई घोषणा
नई पार्टी के गठन की घोषणा काठमांडू के भृकुटीमंडप मैदान में एक बड़े समारोह में की गई। कार्यक्रम से पहले राजधानी में भव्य रैली निकाली गई, जिसमें हजारों कार्यकर्ता शामिल हुए। इस कदम को देश में बढ़ते भ्रष्टाचार, वंशवाद और राजनीतिक अस्थिरता के खिलाफ उठाया गया बताया जा रहा है। हाल में हुए जेन-जेड (Gen-Z) युवाओं के विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए यह एकता वामपंथी दलों की रणनीतिक पहल मानी जा रही है। नई पार्टी का नाम ‘नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी’ (Nepali Communist Party) रखा गया है और इसका चुनाव चिह्न ‘पांच सितारा’ (Five-Star) होगा।
प्रचंड और माधव नेपाल को मिली जिम्मेदारी
नई पार्टी में पूर्व प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड’ को समन्वयक और माधव कुमार नेपाल को सह-समन्वयक बनाया गया है। पार्टी का विचारधारात्मक आधार मार्क्सवाद-लेनिनवाद होगा। नेताओं ने कहा है कि पार्टी छह महीने के भीतर राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाकर अपना संविधान और संगठन संरचना तय करेगी।
कौन-कौन से दल हुए शामिल
इस विलय में माओवादी केंद्र और एकीकृत समाजवादी के अलावा ये दल शामिल हुए हैं — नेपाल समाजवादी, नेकपा (समाजवादी), जनसमाजवादी पार्टी नेपाल, नेकपा (माओवादी समाजवादी), नेकपा साम्यवादी, देशभक्त समाजवादी मोर्चा (गोपाल किराती नेतृत्व में) और नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी। हालांकि, सभी दलों के भीतर सहमति नहीं बनी। जनार्दन शर्मा के नेतृत्व वाला माओवादी केंद्र का एक गुट इस विलय के खिलाफ है और उसने अलग राजनीतिक अभियान चलाने की घोषणा की है।
‘माओवादी’ शब्द हटाया गया
इस एकता के बाद माओवादी केंद्र ने अपने नाम से ‘माओवादी’ शब्द हटाने का फैसला किया है। पार्टी अब दूसरे वाम नेताओं को भी जोड़ना चाहती है। पूर्व यूएमएल नेता भीम रावल समेत कई वरिष्ठ नेताओं से बातचीत जारी है। एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, नई पार्टी आने वाले आम चुनाव (5 मार्च 2026) में हिस्सा लेगी।
राजनीतिक विश्लेषकों की राय
विश्लेषकों का कहना है कि यह एकता नेपाल में वामपंथी राजनीति को दोबारा मजबूत करने की कोशिश है। हालांकि, वे चेतावनी देते हैं कि आंतरिक मतभेद और नेतृत्व की खींचतान इस गठबंधन की स्थिरता के लिए खतरा बन सकते हैं।

