रेल फोर्स वन पर सवार हो मोदी जा रहे हैं यूक्रेन, जानें- इसकी खासियत
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रेल फोर्स वन पर सवार हो मोदी जा रहे हैं यूक्रेन, जानें- इसकी खासियत

पीएम नरेंद्र मोदी यूक्रेन दौरे में रेल फोर्स वन ट्रेन का इस्तेमाल कर रहे हैं। यहां हम ट्रेन से यात्रा की जरूरत और उसकी खासियत बताएंगे।


Rail Force One: पीएम नरेंद्र मोदी इस समय पोलैंड और यूक्रेन की यात्रा पर हैं। पोलैंड से यूक्रेन की राजधानी कीव तक का सफर वो विशेष ट्रेन रेल फोर्स वन से कह रहे हैं। आखिर पीएम मोदी ट्रेन से क्यों सफर कर रहे हैं और इस ट्रेन की खासियत क्या है। इसे लेकर तरह तरह के सवाल आपके मन में उमड़ घुमड़ रहे होंगे। इन सभी सवालों का जवाब एक एक कर बताएंगे। रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई की वजह से हवाई और सड़क के जरिए सफर को खतरनाक माना जा रहा है लिहाजा कीव जाने की फैसला ट्रेन के जरिए किया गया। आपके मन में एक और सवाल और उठ रहा होगा कि क्या पीएम मोदी पहले ऐसे शख्स हैं जो ट्रेन का इस्तेमाल कर रहे हैं। जी नहीं इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां और जर्मनी के चांसलर कर चुके हैं। अब बात करेंगे रेल फोर्स वन की खासियत के बारे में।

पर्यटकों को क्रीमिया प्रायद्वीप ले जाने के लिए यह ट्रेन बनाई गई थी। लेकिन 2014 में रूस द्वारा क्रीमिया पर कब्ज़ा करने के बाद वीआईपी लोगों की आवाजाही के लिए फिर से तैयार किया गया था।यूक्रेन युद्ध ने देश में हवाई यात्रा को असुरक्षित बना दिया है। इसलिए राजनयिक आवाजाही रेल मार्गों के जरिए हो रही है। यहां एक खास बात और है कि पीएम मोदी यूक्रेन में कुल सात घंटे रहेंगे। लेकिन उसके लिए उन्हें कुल 20 घंटे रेल फोर्स वन में रहना होगा।

बिजली की जगह डीजल का इस्तेमाल
राजनयिकों और राष्ट्राध्यक्षों की सुविधा और सुरक्षा के लिए सब कुछ है। ट्रेन में महत्वपूर्ण बैठकों के लिए लंबी टेबल, आराम करने के लिए सफ़ा और महत्वपूर्ण समाचार अपडेट से अपडेट रहने या जटिल राजनयिक मामलों से ध्यान हटाने के लिए टेलीविज़न भी है। रेल फोर्स वन अपनी यात्रा के लिए डीजल का उपयोग करती है क्योंकि रूसी बमों से यूक्रेन के बिजली ग्रिड को हुए नुकसान को देखते हुए बिजली पर निर्भर रहना एक बुरा विकल्प बन गया है।
खास सुरक्षा व्यवस्था
चूंकि इसे वीआईपी लोगों की आवाजाही के लिए फिर से तैयार किया गया था, इसलिए इसमें सवार लोगों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया था। ज़रूरत पड़ने पर अपनी सुरक्षा के लिए ट्रेन में हथियार भी मौजूद हैं। इसमें एक सेफ संचार प्रणाली भी है। इसके जरिए ट्रेन में सफर कर शख्स दुनिया के किसी भी राष्ट्राध्यक्ष से संपर्क कर सकता है। ट्रेन में सशस्त्र सुरक्षाकर्मी भी होते हैं। यह टीम लगातार सुरक्षा को पुख्ता बनाती है।

उक्रज़ालिज़्नित्सिया या यूक्रेनी रेलवे द्वारा संचालित इस ट्रेन में लकड़ी के पैनल वाले केबिन हैं। एक लंबी मेज, एक सोफा और दीवार पर टीवी है।न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, बिडेन को लंबी ट्रेन की सवारी के दौरान सोने में कठिनाई हुई, उन्होंने कीव की अपनी पिछली यात्राओं को याद किया था।

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