
अस्पताल पर हुए इसरायली हमले में डॉक्टरों, पत्रकारों की मौत, नेतान्याहू ने जताया खेद
इज़रायली सेना द्वारा एक अस्पताल पर किए गए दोहरे हमले में 20 लोग मारे गए, जिनमें 5 पत्रकार और बचावकर्मी शामिल हैं; नेतन्याहू ने इसे 'दुखद दुर्घटना' बताया
Israel Hamas War : गाज़ा पट्टी के नासिर अस्पताल पर सोमवार को इज़राइली सेना ने लगातार दो हमले किए। पहले हमले के बाद जब पत्रकार और बचावकर्मी मौके पर पहुँचे, तो अस्पताल की सीढ़ियों पर दूसरा हमला हुआ। इस दोहरे हमले में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 5 पत्रकार और कई बचावकर्मी शामिल हैं। लगभग 80 लोग घायल हुए। इजराइल के प्रधानमंत्री नेतान्याहू ने इस घटना को दुखद बताते हुए जांच की बात कही है।
पहला हमला और फिर सीढ़ियों पर दूसरा विस्फोट
गाज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ज़हीर अल-वहीदी ने बताया कि पहला हमला अस्पताल की ऊपरी मंज़िल पर हुआ, जहाँ ऑपरेशन थिएटर और डॉक्टरों के आवास थे। इसमें कम से कम दो लोगों की मौत हुई।
दूसरा हमला तब हुआ जब पत्रकार और रेस्क्यू टीम मदद के लिए पहुँचे। यह अस्पताल की बाहरी सीढ़ियों पर हुआ, जिसमें 18 और लोग मारे गए।
मारे गए पत्रकारों में एपी और अल जज़ीरा के रिपोर्टर
मृतकों में 33 वर्षीय मरियम दग्गा, जो एसोसिएटेड प्रेस के लिए विज़ुअल पत्रकार थीं, शामिल हैं। अन्य चार पत्रकार अल जज़ीरा, रॉयटर्स और ब्रिटेन स्थित मिडिल ईस्ट आई से जुड़े थे।
रॉयटर्स के मुताबिक़, पहले हमले से ठीक पहले अस्पताल से लाइव वीडियो प्रसारित हो रहा था, लेकिन विस्फोट के साथ ही फ़ीड बंद हो गई।
नेतन्याहू ने जताया खेद
इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे “एक दुखद दुर्घटना” बताया और कहा कि इज़राइली सेना मामले की जांच कर रही है। सेना का कहना है कि उनका निशाना अस्पताल की छत पर लगे हमास के निगरानी कैमरे थे, नागरिक नहीं।
अंतरराष्ट्रीय निंदा
संयुक्त राष्ट्र महासचिव, ब्रिटेन और फ्रांस सहित कई देशों ने इस हमले की कड़ी निंदा की। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पहले कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन बाद में प्रतिक्रिया दी—“मैं इससे खुश नहीं हूँ। मैं इसे देखना नहीं चाहता।”
डॉक्टर बोले– अस्पताल भी निशाने पर!
हमले के वक्त अस्पताल में मौजूद एक ब्रिटिश डॉक्टर ने बताया, “दूसरा विस्फोट तब हुआ जब लोग अभी पहले वाले से बाहर भी नहीं निकले थे। अंदर अफरा-तफरी और भय का माहौल था।” डॉक्टर ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “यह जानकर मैं स्तब्ध हूँ कि अस्पताल भी निशाना बन सकते हैं।”
युद्ध का सबसे घातक दौर पत्रकारों के लिए
पत्रकार सुरक्षा समिति के अनुसार, गाज़ा युद्ध में अब तक 189 फ़िलिस्तीनी पत्रकार मारे जा चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि युद्ध में 1,500 से अधिक स्वास्थ्यकर्मी भी मारे गए हैं।
गाज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक़, अब तक 62,686 फ़िलिस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें लगभग आधे महिलाएँ और बच्चे हैं।
ज्ञात रहे कि यह युद्ध 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले से शुरू हुआ था, जिसमें लगभग 1,200 लोग (ज्यादातर नागरिक) मारे गए और 251 लोगों का अपहरण किया गया था। इज़राइल ने जवाबी कार्रवाई में गाज़ा पर भीषण हमले शुरू किए।