
24 घंटे में मुड़ा किस्मत का पहिया, यमन में निमिषा प्रिया की फांसी टली
केरल की नर्स निमिषा प्रिया की यमन में होने वाली फांसी टल गई है। ग्रैंड मुफ्ती के हस्तक्षेप से परिवार से बातचीत में उम्मीद जगी है कि निमिषा को पूरी तरह से राहत मिलेगी।
Nimisha Priya Execution: केरल की नर्स निमिषा प्रिया को बड़ी राहत मिली है। यमन ने फांसी की सजा को टाल दिया है। बता दें कि भारत की नागरिक निमिषा प्रिया को यमन में फांसी की सजा से बचाने की दिशा में एक बड़ी कूटनीतिक और धार्मिक पहल की गई थी। भारत के ग्रैंड मुफ्ती और केरल के सुन्नी नेता कंथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार के हस्तक्षेप से यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी के परिवार के साथ संवाद में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।
सूफी विद्वान की पहल से खुला रास्ता
इस पूरे घटनाक्रम में सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि तलाल महदी के एक करीबी रिश्तेदार दमर पहुंचे। यह व्यक्ति न केवल महदी परिवार से हैं, बल्कि होदेदा स्टेट कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और यमनी शूरा काउंसिल के सदस्य भी हैं। उनकी वार्ता में भागीदारी प्रख्यात अंतरराष्ट्रीय सूफी विद्वान शेख हबीब उमर बिन हाफिज के आग्रह पर हुई है।
बताया गया है कि यह रिश्तेदार शेख उमर के सूफी सिलसिले के अनुयायी हैं और स्वयं भी एक प्रमुख धार्मिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि यह धार्मिक और पारिवारिक जुड़ाव परिवार को नरमी दिखाने के लिए प्रेरित कर सकता है। यह प्रतिनिधि यमन के अटॉर्नी जनरल से भी मुलाकात कर सकते हैं, जिससे कि फांसी पर अस्थायी रोक लगाई जा सके।
माफी का अधिकार परिवार के पास
इस मामले में भारत के ग्रैंड मुफ्ती कंथापुरम मुसलियार ने कहा एक महिला को यमन में फांसी की सजा सुनाई गई है, लेकिन इस्लाम में प्रावधान है कि अगर पीड़ित परिवार क्षमा करे या मुआवज़ा स्वीकार कर ले, तो फांसी टाली जा सकती है। इसीलिए न्यायालय भी तब तक रिहा नहीं कर सकता जब तक परिवार सहमत न हो। उन्होंने कहा कि, “हमने यह बात समझाने की कोशिश की कि इस्लाम सामूहिक घृणा का धर्म नहीं है, बल्कि क्षमा और करुणा का संदेश देता है। हमारी पहल मानवता के हित में है।”
'ब्लड मनी' को लेकर बातचीत निर्णायक मोड़ पर
महदी की हत्या दमर क्षेत्र में एक अत्यंत भावनात्मक और संवेदनशील मुद्दा बनी हुई थी। स्थानीय जनजातियों और समाज के व्यापक हिस्से में इस मामले को लेकर गुस्सा था। यही कारण था कि अब तक कोई भी इस परिवार से सीधी बातचीत नहीं कर सका था।लेकिन ग्रैंड मुफ्ती के हस्तक्षेप और शेख हबीब उमर की मध्यस्थता के चलते अब परिवार बातचीत के लिए तैयार हुआ है। अब चर्चा का मुख्य बिंदु है। ब्लड मनी (दिया) स्वीकार करना। बताया जा रहा है कि निमिषा प्रिया के परिवार ने 10 लाख डॉलर की ब्लड मनी देने की पेशकश की है। यमनी सरकार पर भी यह दबाव बन रहा है कि वह फांसी पर कम से कम अस्थायी रोक लगाए, जब तक यह वार्ताएं समाप्त नहीं हो जातीं।