पेजर धमाके मामले में पहेली बना केरल में जन्मा रिनसन जोस, नोर्वे पुलिस ने मांगी मदद
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पेजर धमाके मामले में पहेली बना केरल में जन्मा रिनसन जोस, नोर्वे पुलिस ने मांगी मदद

अब यह बात सामने आई है कि हालांकि रिनसन जोस काम के सिलसिले में अमेरिका गया था, जैसा कि उसके परिवार ने दावा किया था, लेकिन वो पिछले सप्ताह से लापता है. नॉर्वे पुलिस ने इस मामले में जोस की तलाश के लिए अब विश्व भर से मदद मांगी है.


Serial Pager Blast : लेबनान में पेजर विस्फोटों से जुड़े केरल निवासी रिनसन जोस नॉर्वे सरकार के लिए एक पहेली बन गया है. इस घटना से बाद से जिस तरह से रिन्सन नदारद हुआ है, उसके बारे में रहस्य और गहरा हो गया है. यही वजह है कि नॉर्वे पुलिस ने धार्मिक पाठशाला के छात्र से व्यवसायी बने इस व्यक्ति की तलश के लिए अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मदद मांगी है. 17 सितंबर को लेबनान में हुए सीरियल पेजर धमाकों के बाद से ही जोस की तलाश जारी है, लेकिन जोस के परिवार का दावा था कि वो अमेरिका में है. हालांकि, अब ये बात सामने आई है कि वो काम के सिलसिले में अमेरिका गया था, लेकिन पिछले सप्ताह से ही वो लापता है.


रिनसन जोस का पेजर से क्या संबंध है?
वायनाड में जन्मे रिनसन जोस का नाम ईरान समर्थित सशस्त्र समूह हिजबुल्लाह को नकली पेजर बेचने से जुड़ा है. जोस को अप्रैल 2022 में पंजीकृत एक बल्गेरियाई कंपनी नॉर्टा ग्लोबल लिमिटेड के संस्थापक और एकमात्र मालिक के रूप में सूचीबद्ध किया गया है.
49 वर्षीय क्रिस्टियाना बार्सोनी-आर्किडियाकोनो, इतालवी-हंगेरियन सीईओ और हंगरी स्थित बीएसी कंसल्टिंग की मालिक भी इस मामले में संदिग्ध थीं, क्योंकि उनकी कंपनी का गोल्ड अपोलो पेजर बनाने वाली ताइवानी फर्म के साथ तीन साल का लाइसेंसिंग समझौता था. क्रिस्टियाना ने दावा किया है कि वह केवल "लेन-देन में एक मध्यस्थ" थीं और यह नॉर्टा ग्लोबल ही था, जो हिजबुल्लाह के साथ पेजर सौदे के पीछे था.

बुल्गारिया को कोई सबूत नहीं मिला
अंतर्राष्ट्रीय अनुरोधों को संभालने वाली नॉर्वे की आपराधिक पुलिस क्रिपोस ने कथित तौर पर पुष्टि की है कि जोस की अंतर्राष्ट्रीय खोज के लिए अनुरोध भेजा गया है. बुल्गारिया ने भी नकली पेजरों की आपूर्ति में नोर्टा ग्लोबल की संभावित भूमिका की जांच की है, लेकिन अभी तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है कि वे देश में बनाए गए थे या वहां से निर्यात किए गए थे.

रिनसन जोस के बारे में
37 वर्षीय जोस कथित तौर पर एक दशक से भी ज़्यादा समय पहले केरल से नॉर्वे चला गया था. उसके पास पांडिचेरी विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री और ओस्लो मेट्रोपॉलिटन विश्वविद्यालय से अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक कल्याण और स्वास्थ्य नीति में मास्टर्स की डिग्री है. उसकी लिंक्डइन प्रोफ़ाइल कहती है कि वह मार्च 2022 से डीएन मीडिया ग्रुप में कार्यरत हैं. उसकी प्रोफ़ाइल से यह भी पता चलता है कि वह नॉर्टालिंक नामक एक कंपनी चलाते हैं, जो एक आईटी सेवा, परामर्श, खरीद और भर्ती कंपनी है. लेबनान में 17-18 सितम्बर को पेजर और वॉकी-टॉकी विस्फोटों के बाद जोस अचानक जांच के दायरे में आ गए, जिसमें कम से कम 40 लोग मारे गए और हजारों लोग घायल हो गए.

इजराइल का हाथ होने का संदेह
यह व्यापक रूप से माना जाता है कि इन हमलों के पीछे इजरायल का हाथ था, क्योंकि इजरायल पहले भी इसी तरह के तकनीक-आधारित हमले करता रहा है और लगभग एक वर्ष पहले गाजा युद्ध शुरू होने के बाद से ही वह ईरान समर्थित हिजबुल्लाह के साथ टकराव में शामिल रहा है. इजराइल ने अब तक पेजर और रेडियो विस्फोटों में अपनी संलिप्तता की न तो पुष्टि की है और न ही इनकार किया है, लेकिन उसने लेबनान पर अपने हमले बढ़ा दिए हैं, जिसमें शुक्रवार को हिजबुल्लाह नेता शेख हसन नसरल्लाह की मौत हो गई.


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