
पहलगाम हमला: पाकिस्तान ने भारत पर लगाया साजिश का आरोप
भारत की सख्त प्रतिक्रिया से पाकिस्तान में राजनीतिक और आर्थिक तनाव बढ़ गया है। वहीं पाकिस्तान अपने ऊपर लगे आरोपों को नकार रहा है और इसे भारत की साज़िश बता रहा है।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा उठाए गए कड़े कूटनीतिक कदमों के कारण पाकिस्तान की शेयर बाजार (कराची स्टॉक एक्सचेंज - KSE-100) 1700 से अधिक अंक गिर गई। इस गिरावट की वजह भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को माना जा रहा है।
सिंधु जल संधि निलंबित
भारत ने 23 अप्रैल को सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया, जो दोनों देशों के बीच एक ऐतिहासिक समझौता था। इसके अलावा पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों को भारत छोड़ने के आदेश दिए गए। अटारी-वाघा बॉर्डर को बंद करने का निर्णय लिया गया। भारतीय उच्चायोग से भारतीय सैन्य सलाहकारों को वापस बुलाया गया। पाकिस्तान के राजनयिक सोशल मीडिया अकाउंट (X) को भी ब्लॉक किया गया है।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन ने भारत की इन कार्रवाइयों को "भावनात्मक और बिना सोच-विचार के लिए गए निर्णय" बताया है। पाकिस्तान सरकार का दावा है कि उन्होंने हमले की निंदा की है और इसमें उनका कोई हाथ नहीं है।
"फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन" का आरोप
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हम न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में इस हमले को "फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन" बताया, यानी ऐसा हमला जिसे खुद किया जाए। लेकिन आरोप दूसरे पर लगाया जाए। उनका कहना है कि "भारत में कई घरेलू संगठन हैं, जो ऐसे हमले कर सकते हैं।
कोई सबूत नहीं
पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि भारत के पास कोई ठोस सबूत नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत की प्रतिक्रिया जल्दबाज़ी में ली गई और राजनीति से प्रेरित लगती है। वहीं, इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने भी इस हमले की निंदा की। लेकिन साथ ही कहा कि अगर भारत ने कोई आक्रामक कार्रवाई की तो पूरा पाकिस्तान एकजुट होकर जवाब देगा। पीटीआई ने कहा कि वे सेना और जनता के साथ खड़े हैं।
हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली है, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा संगठन माना जाता है। लश्कर पाकिस्तान में सक्रिय है। हमले से कुछ दिन पहले पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने कश्मीर को "शरीयान" बताया था और समर्थन जारी रखने की बात कही थी।