फिर गरमाने लगा इमरान का मुद्दा, जानें पाकिस्तान में क्यों बिगड़े हालात?
पाकिस्तान एक बार फिर अशांत नजर आ रहा है. आलम यह है कि इस पड़ोसी मुल्क के हालात काफी बिगड़ते हुए दिख रहे हैं.
Pakistan situation deteriorating: पाकिस्तान एक बार फिर अशांत नजर आ रहा है. आलम यह है कि इस पड़ोसी मुल्क के हालात काफी बिगड़ते हुए दिख रहे हैं. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थक उनकी रिहाई की मांग को लेकर राजधानी इस्लामाबाद में घुस आए हैं. इमरान के समर्थकों ने हाईवे पर रेंजर्स को गाड़ियों से कुचल दिया. इसमें 4 पैराट्रूपर्स की मौत हो गई. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इन हमलों में अब तक 4 रेंजर्स और 2 पुलिस अधिकारियों की मौत हो चुकी है. जबकि 100 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं.
बता दें कि इस प्रदर्शन को इमरान खान ने "अंतिम आह्वान" कहा है. यह पिछले साल अगस्त में उनके जेल जाने के बाद से उनकी पार्टी द्वारा उनकी रिहाई की वकालत करने के लिए आयोजित कई रैलियों में से एक है. अक्टूबर की शुरुआत में इस्लामाबाद में उनके पिछले प्रदर्शन की वजह से अशांति फैल गई थी. खान, जिन्हें पाकिस्तान के प्रभावशाली सैन्य प्रतिष्ठान के साथ मतभेदों के बाद 2022 में संसदीय वोट के माध्यम से सत्ता से हटा दिया गया था. वह भ्रष्टाचार और हिंसा भड़काने सहित विभिन्न आरोपों का सामना कर रहे हैं. हालांकि, इन आरोपों को उनकी पार्टी पीटीआई लगातार खारिज करती आई है.
हालात बिगड़ता देख पाकिस्तान सरकार ने सेना बुला ली है और उपद्रवियों से निपटने के लिए गोली मारने के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं. वहीं, इमरान खान के समर्थकों ने उनकी रिहाई की मांग करते हुए धरना प्रदर्शन के लिए संसद तक मार्च करने की कसम खाई है. अधिकारियों ने सख्त सुरक्षा लॉकडाउन लागू कर दिया और प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए हाइवे पर बैरिकेड्स लगा दिए हैं.
रॉयटर्स के अनुसार, सरकार के एक मंत्री और खान की राजनीतिक पार्टी के प्रतिनिधियों ने हताहतों की पुष्टि की है. विरोध के संबंध में सोमवार शाम को दिए गए एक अपडेट में पीटीआई ने कहा कि खैबर पख्तूनख्वा से काफिला इस्लामाबाद में प्रवेश कर गया है. पूरे पाकिस्तान से काफिले इस्लामाबाद पहुंच रहे हैं. वहीं, इमरान खान की पार्टी ने कहा है कि हम इस्लामाबाद पहुंचने तक नहीं रुके. ये काफिले हर दिन सुनामी की लहरों की तरह इस्लामाबाद से टकराएंगे. यह तब तक जारी रहेगा, जब तक हम खान की मांगों और सच्ची आजादी की लड़ाई नहीं जीत लेते. हम रुकेंगे नहीं, हम झुकेंगे नहीं. हम डटे रहेंगे और अडिग रहेंगे. आजाद होकर मरेंगे!
मार्च में शामिल खान की पत्नी बुशरा बीबी ने हजारा इंटरचेंज के पास रैली को संबोधित करते हुए कहा कि मेरे भाइयों, हम यह मार्च तब तक खत्म नहीं करेंगे, जब तक इमरान हमारे साथ नहीं हैं. मैं अपनी आखिरी सांस तक यहीं रहूंगी और आप सभी को मेरा साथ देना होगा. यह सिर्फ मेरे पति के बारे में नहीं बल्कि देश और उसके नेता के बारे में है. बता दें कि जुलूस का नेतृत्व केपी के मुख्यमंत्री अमीन अली गंदापुर कर रहे हैं. सनम जावेद खान, बाबर सलीम स्वाति, फैसल जावेद और उमर अयूब खान सहित कई पीटीआई अधिकारी भी प्रदर्शन का हिस्सा हैं.
अटक के बुरहान इंटरचेंज पर डॉन डॉट कॉम से बात करते हुए कि पीटीआई के शौकत यूसुफजई ने काफिले के आगे बढ़ने की पुष्टि की. उन्होंने दावा किया कि "विशाल रैली" को देखते हुए पुलिस पीछे हट गई. यूसुफजई ने गंदापुर के डी-चौक तक "शांतिपूर्वक लेकिन किसी भी कीमत पर" पहुंचने के इरादे की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि पार्टी तब तक अपना विरोध जारी रखेगी जब तक खान सहित "निर्दोष राजनीतिक कैदियों" को रिहा नहीं कर दिया जाता. यूसुफजई ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वह अक्षम है, जिसका ध्यान केवल "लोगों पर लाठीचार्ज करने और सड़कों को अवरुद्ध करने" पर है.
पीटीआई के बैरिस्टर गौहर ने भी पुष्टि की कि विरोध जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि यह खान साहब का अंतिम निर्णय है. इसे वापस लेने जैसी कोई बात नहीं है. इस्लामाबाद के रेड जोन की ओर जाने वाली सड़कें, मरगला रोड को छोड़कर, अवरुद्ध हैं. पंजाब की सूचना मंत्री आजमा बुखारी ने विरोध की प्रभावशीलता पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि इस 'अंतिम निर्णय' में मुझे नहीं लगता कि इससे बड़ी निराशा होगी. बुखारी ने कहा कि पंजाब में रविवार के विरोध- प्रदर्शन के दौरान लगभग 80 गिरफ्तारियां की गईं.
वहीं, इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने विरोध प्रदर्शन को गैरकानूनी करार दिया और सरकार को व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिया. खासकर बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के तीन दिवसीय दौरे के लिए इस्लामाबाद आने के समय.
خیبر پختونخواہ کا قافلہ اسلام آباد کی حدود میں داخل!
— PTI (@PTIofficial) November 25, 2024
پورے پاکستان سے قافلے اسلام آباد پہنچ رہےہیں۔
ہم نے تب تک نہیں رکنا جب تک اسلام آباد پہنچ نہیں جاتے۔
جہاں رکاوٹیں ہیں، ان کے دور ہوتے ہی وہ قافلے دوبارہ اسلام آباد کی طرف روانہ ہونگے۔
یہ قافلے ہر روز سونامی کی لہروں کی طرح… pic.twitter.com/MWe6VEpAje