भारत-आसियान संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने बताई 10 सूत्री योजना
भारत-आसियान साझेदारी को और मजबूत करने के लिए 10 सूत्री योजना में वर्ष 2025 को आसियान-भारत पर्यटन वर्ष के रूप में मनाना, नालंदा विश्वविद्यालय में छात्रवृत्ति की संख्या को दोगुना करना और भारत में कृषि विश्वविद्यालयों में आसियान छात्रों के लिए नए अनुदान प्रदान करना शामिल है
India ASEAN Summit : प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी ने आसियान शिखर सम्मलेन में कहा कि 21वीं सदी भारत और आसियान देशों की रहने वाली है. इस दौरान उन्होंने भारत-आसियान व्यापक साझेदारी को मजबूत करने के लिए 10 सूत्री योजना की घोषणा की और कहा कि क्षेत्रीय समूह के साथ संबंध एशिया के भविष्य को दिशा देने के लिए महत्वपूर्ण हैं.
लाओस में 21वें भारत-आसियान शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि पिछले दशक में भारत-आसियान व्यापार दोगुना होकर 130 अरब डॉलर से अधिक हो गया है. उन्होंने साझेदारी की अधिक आर्थिक क्षमता का दोहन करने के लिए वस्तु व्यापार समझौते की समीक्षा की घोषणा की.
21वीं सदी भारत और आसियान देशों की
प्रधानमंत्री ने आसियान देशों के नेताओं को संबोधित करते हुए कहा, "मेरा मानना है कि 21वीं सदी - एशियाई सदी - भारत और आसियान देशों की सदी है." प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपनी एक्ट ईस्ट नीति की 10वीं वर्षगांठ मना रहा है, जिसने भारत और आसियान देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को नई ऊर्जा, दिशा और गति प्रदान की है. शिखर सम्मेलन के बाद एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, "भारत-आसियान शिखर सम्मेलन एक उत्पादक सम्मेलन था. हमने इस बात पर चर्चा की कि भारत और आसियान के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और कैसे मजबूत किया जाए। हम व्यापार संबंधों, सांस्कृतिक संबंधों और प्रौद्योगिकी, कनेक्टिविटी और ऐसे अन्य क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने के लिए तत्पर हैं."
आसियान देशों में मलेशिया, थाईलैंड, ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, वियतनाम, लाओस और सिंगापुर शामिल हैं.
भारत की आसियान को लेकर 10 सूत्री योजना
भारत-आसियान साझेदारी को और मजबूत करने के लिए 10 सूत्री योजना में वर्ष 2025 को आसियान-भारत पर्यटन वर्ष के रूप में मनाना, नालंदा विश्वविद्यालय में छात्रवृत्ति की संख्या को दोगुना करना और भारत में कृषि विश्वविद्यालयों में आसियान छात्रों के लिए नए अनुदान प्रदान करना शामिल है.
प्रधानमंत्री मोदी ने युवा शिखर सम्मेलन, स्टार्ट-अप महोत्सव, हैकाथॉन, संगीत महोत्सव, आसियान-भारत थिंक-टैंक नेटवर्क और दिल्ली वार्ता सहित अनेक जन-केंद्रित गतिविधियों के माध्यम से एक्ट ईस्ट नीति के दशक का जश्न मनाने की भी घोषणा की.
मोदी ने आसियान-भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विकास निधि के अंतर्गत आसियान-भारत महिला वैज्ञानिक सम्मेलन आयोजित करने की भी घोषणा की. उन्होंने कहा कि भारत आपदा सहनीयता बढ़ाने के लिए पांच मिलियन अमेरिकी डॉलर उपलब्ध कराएगा तथा स्वास्थ्य सहनीयता के निर्माण के लिए स्वास्थ्य मंत्रियों का एक नया ट्रैक भी शुरू करेगा.
डिजिटल प्लेटफार्म को किया जाए सशक्त
प्रधानमंत्री ने डिजिटल और साइबर लचीलेपन को मजबूत करने की दिशा में आसियान-भारत साइबर नीति वार्ता की एक नियमित व्यवस्था शुरू करने और ग्रीन हाइड्रोजन पर एक कार्यशाला आयोजित करने की भी घोषणा की. प्रधानमंत्री मोदी ने आसियान नेताओं को जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ‘मां के लिए एक पेड़ लगाओ’ अभियान में शामिल होने के लिए भी आमंत्रित किया.
मोदी ने कहा, "ऐसे समय में जब विश्व के कई हिस्से संघर्ष और तनाव का सामना कर रहे हैं, भारत-आसियान मैत्री, समन्वय वार्ता और सहयोग बहुत महत्वपूर्ण है." प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और आसियान देश पड़ोसी हैं, वैश्विक दक्षिण में साझेदार हैं तथा यह ऐसा क्षेत्र है जो तेजी से विकास कर रहा है. मोदी आसियान-भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलनों में भाग लेने तथा इन समूहों के देशों के साथ संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के लिए दो दिवसीय यात्रा पर लाओस पहुंचे.
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